tag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post1724400403697061777..comments2023-10-19T13:57:21.013+02:00Comments on मुझे शिकायत है. Mujhe Sikayaat Hay.: क्या पुलिस को बुलाऊंराज भाटिय़ाhttp://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-69497518355309691822015-05-24T19:51:05.161+02:002015-05-24T19:51:05.161+02:00बहुत अच्छी रचना प्रस्तुत की है आपने।बहुत अच्छी रचना प्रस्तुत की है आपने।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-35435990122756402792015-05-24T19:47:51.408+02:002015-05-24T19:47:51.408+02:00बहुत अच्छी रचना प्रस्तुत की है आपने।बहुत अच्छी रचना प्रस्तुत की है आपने।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-45480629971232026562010-03-17T20:06:44.655+01:002010-03-17T20:06:44.655+01:00बच्चे दिल के सच्चे होते हैं... उन्हें डरना पाप है ...बच्चे दिल के सच्चे होते हैं... उन्हें डरना पाप है और खतरनाक भी.... वैसे उन्हें पैसे देना गलत नहीं है.. रोज नहीं कभी कबार ही सही.. जरा सोचिये जब बाकि बच्चे पैसे लाकर स्कूल में कुछ खाते होंगे तो आपके बच्चे कों हीन भावना होती होगी.. शेष आपकी मर्जीAdminhttps://www.blogger.com/profile/13066188398781940438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-79652333660275152272010-03-15T15:59:03.966+01:002010-03-15T15:59:03.966+01:00बहुत सटीक विचारणीय . बच्चो को इतना भी न डराया जाय ...बहुत सटीक विचारणीय . बच्चो को इतना भी न डराया जाय की वे बिलकुल डरपोक हो जाए ..क्योकि बच्चे बड़े कोमल स्वभाव के होते है ... जो चीज उन्हें समझाई या बताई जाए वे जल्द ग्राह कर लेते है भावुक होते है...समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-22651608248372163862010-03-13T09:35:03.164+01:002010-03-13T09:35:03.164+01:00...जब कोई पुलिसवाला अचानक आपके सामने आ जाये ....तब......जब कोई पुलिसवाला अचानक आपके सामने आ जाये ....तब आप सोचना आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी..... बच्चे तो बच्चे हैं!!!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-72388232822753385052010-03-13T05:18:32.200+01:002010-03-13T05:18:32.200+01:00क्या करने जा रहे है भाईसाहब आप ? उसे रोज़ पैसे दीज...क्या करने जा रहे है भाईसाहब आप ? उसे रोज़ पैसे दीजिये । यकीन कीजिये वह रोज़ बाहर का नही खायेगी जिस दिन उसके पैसे बच जाये उस दिन बाज़ार जाकर उसी पैसे से पेंसिल या ईरेज़र उसे खरीद दे । कभी उसके साथ उस भुजिया वाले के पास भी जाये और उसे बताये कि हायजनिक का क्या अर्थ होता है । पुलिस का भय...हाहाहा... मेरे एक मित्र पुलिस विभाग मे है वे कहते है कि यार बचपन से ही पुलिस की गलत छवि बच्चो के मन मे बिठा दी जाती है..फिर वे जीवन भर पुलिस से डरते है पुलिस मित्र भी हो सकती है । खैर इस पर मै " ना जादू ना टोना" ब्लॉग मे आगे चलकर "मस्तिष्क की सत्ता "लेखमाला के अंतरगत एक पोस्ट लिखूंगा पढ़ते रहियेगा ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-1550114506782331832010-03-12T06:23:41.118+01:002010-03-12T06:23:41.118+01:00आप सबका बहुत-बहुत आभार
आप सबकी सलाह और राय मेरे लि...आप सबका बहुत-बहुत आभार<br />आप सबकी सलाह और राय मेरे लिये बहुत महत्त्व रखती है और मैं इन्हीं के अनुसार बच्चों को समझाने की कोशिश करुंगा जी<br /><br />प्रणामअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-90845739614067880562010-03-12T03:14:27.500+01:002010-03-12T03:14:27.500+01:00बच्चों को प्रेम से समझाने से बढ़िया कोई रास्ता नही...बच्चों को प्रेम से समझाने से बढ़िया कोई रास्ता नही है और यही कीजिए भी..विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-47051080227943608352010-03-11T18:29:13.376+01:002010-03-11T18:29:13.376+01:00अरे अमित जी,
क्या करने की सोच रहे हो? छह साल की बे...अरे अमित जी,<br />क्या करने की सोच रहे हो? छह साल की बेटी और दूसरी बार झूठ! इससे बेटी के अनुशासन का पता चलता है। मैं तो कहता हूं कि उसे थोडा बहुत झूठ बोलना भी सिखाइये। <br />अगर आज उसे पुलिस से डर लगता है तो ये तो बहुत ही गम्भीर बात है। आप उसके मन से पुलिस का डर निकालिये। किसी दिन अपने पुलिस दोस्त को वर्दी मे बुलाइये, वो बेटी को पुचकारेगा, प्यार करेगा, उसके साथ खेलेगा, तो बेटी के मन से पुलिस का डर निकल जायेगा। डर चाहे किसी का भी हो, खतरनाक होता है, इन्सान की कमजोरी होता है।नीरज मुसाफ़िरhttps://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-48106414348223412072010-03-11T16:35:21.061+01:002010-03-11T16:35:21.061+01:00पुलिस..!
ना बाबा ना...भूलकर भी ये गलती मत करना. मै...पुलिस..!<br />ना बाबा ना...भूलकर भी ये गलती मत करना. मैं एक सच्ची बात बताता हूँ . मेरा एक दोस्त था. कक्षा १२ में पढ़ने तक वह पुलिस के नाम से भी कांपता था. हम उसके भय का खूब मजाक उड़ाते थे. अब शायद ठीक हो चुका है. चलते-चलते अचानक गुम हो जाता ! दूसरे दिन बात समझ में आती कि उसने पुलिस को देख लिया था. दरअसल उसके माता-पिता ने भी बचपन से ही उसके बालमन में पुलिस का भय बिठा दिया था.<br />लालच सभी के मन में होता है. हम क्या कम लालची हैं! बच्चा है तो उसे सब बच्चों को खाते देखकर लालच आयेगी ही. उसे डांटने के बजाय समझाना चाहिए कि बाहर की वस्तुओं में कितनी मिलावट होती है. खुद घुमाना और जो-जो चाहे खिलाना भी चाहिए जिससे वह खुद ही खराब चीजों को खाना छोड़ देगी.देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-91592598878207857052010-03-11T15:33:09.925+01:002010-03-11T15:33:09.925+01:00मुझे इस बारे में ज्यादा पता नहीं है | इसका कारण भी...मुझे इस बारे में ज्यादा पता नहीं है | इसका कारण भी यह है कि मेरी इकलोती संतान मेरी १२ वर्षीय पुत्री है जो दूकान में मेरी मदद करती है | स्कूल जाने के बाद घर आने पर दूकान के कार्यों में हाथ बंटाती है | इस लिए उसे कभी ज़िद्द करने की जरूरत ही नहीं पड़ी | उसे कभी जेब खर्च के लिए मना भी नहीं किया है | लेकिन सही और गलत चीजों के बारे में मै उसे बताता रहता हूँ | उसे पता है कि बाहरी वस्तुएं खाने से रोग ग्रस्त हो सकते है |naresh singhhttps://www.blogger.com/profile/16460492291809743569noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-7845256764436618752010-03-11T15:24:05.470+01:002010-03-11T15:24:05.470+01:00daya aati hai bachchi par aur aapki moodhta par......daya aati hai bachchi par aur aapki moodhta par... pity. kya aap jaise log aaj bhi hote hain? <br /><br />give her pocket money 1Re. on per day basis, at least she will start to learn how money and purchasing works.ab inconvenientihttps://www.blogger.com/profile/16479285471274547360noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-30634740326024961372010-03-11T15:09:54.369+01:002010-03-11T15:09:54.369+01:00लगता है आप बच्चों के प्रति कुछ अधिक सख्त हो गए हैं...लगता है आप बच्चों के प्रति कुछ अधिक सख्त हो गए हैं। उसे सिखाएँ। आप भी समझें कि बच्चे बड़े हो गए हैं। आप के हस्तक्षेप से परे खरीद और इस्तेमाल पर अपना विवेक प्रयोग करना चाहते हैं। उन के विवेक के विकास पर ध्यान देना होगा।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-40485795993927519602010-03-11T14:41:05.417+01:002010-03-11T14:41:05.417+01:00राज जी मैं तो बेटी के गलती करने पर उसे प्यार से सम...राज जी मैं तो बेटी के गलती करने पर उसे प्यार से समझाता हूँ। और मान भी जाती है। पर कई बार दोहरा देती है तो उसको फिर से समझा देता हूँ और याद दिलाता हूँ मैंने पहले भी बताया था ना। और कई बार महसूस करता हूँ वाकई वो समझ जाती है। बस कई बार खाने की चीजों के लिए जिद करती है। बस यही कहूँगा बस समझाओं। बैशक कभी कभी गुस्से में समझाना पडे।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-5361849796051997322010-03-11T14:34:48.142+01:002010-03-11T14:34:48.142+01:00सभी का कथन सही है। इतने भी आदर्शवादी मत बनो भैया ,...सभी का कथन सही है। इतने भी आदर्शवादी मत बनो भैया , बच्चे को कुछ दिलवा दिया करो।<br />लेकिन यहाँ यह जानना भी ज़रूरी है कि बच्चा क्या सचमुच खाने के लिए ही पैसे ले जा रहा है।<br />स्कूलों में बुलिंग भी खूब चलती है।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-41640257740723258662010-03-11T14:11:00.280+01:002010-03-11T14:11:00.280+01:00सभी लोग समझा चुके हैं..सलाह मान लिजिये.
बच्चों को...सभी लोग समझा चुके हैं..सलाह मान लिजिये.<br /><br />बच्चों को धमकाने से कुछ नहीं होगा..प्यार से उन्हें समझायें और आप भी समझें. बाकी बच्चों को खरीदता देखकर उसका भी मन करता होगा. कभी कभी प्यार से छूट देना चाहिये.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-50737196832749480752010-03-11T13:20:51.635+01:002010-03-11T13:20:51.635+01:00आपने कहा, "आपको जो भी चाहिये हम दिलाते हैं ना...आपने कहा, "आपको जो भी चाहिये हम दिलाते हैं ना" तो अब उसके साथ स्कूल जाकर वही प्याज की पकौड़ियाँ उसे दिलाइये और अपनी बात भी सच कर दीजिये और उसकी छोटी सी इच्छा भी. साथ ही बेटे को यह समझाइये कि इस तरह दीदी की जेब में हाथ नहीं डालना चाहिए.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-5567286852793045682010-03-11T13:19:47.570+01:002010-03-11T13:19:47.570+01:00नियमित तो नहीं, किन्तु कुछ अंतराल में कथित जेबखर्च...नियमित तो नहीं, किन्तु कुछ अंतराल में कथित जेबखर्च ज़रूर दें। बाल-सुलभ तरीके से पता भी करें कि उन पैसों का क्या किया गया।<br />बाहरी वस्तुओं की खामियां तो बताते ही रहें<br /><br />कम से कम पुलिसिया धमकी तो न ही देंAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-68397376779160182362010-03-11T13:08:15.991+01:002010-03-11T13:08:15.991+01:00अरे नहीं भाई बच्चे को डराना मत आगे से , इतनी प्यार...अरे नहीं भाई बच्चे को डराना मत आगे से , इतनी प्यारी बच्ची को तो पुलिस भी कुछ नहीं कहेगी । उसे आप अच्छे बुरे का पाठ पढाते रहिए ।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-32451514964001003642010-03-11T13:01:42.048+01:002010-03-11T13:01:42.048+01:00ओर हां बच्चो को महीने की जेब खर्ची बांध दे १०, या ...ओर हां बच्चो को महीने की जेब खर्ची बांध दे १०, या २० ,रुप्ये साथ ही उन्हे बाहर की चीजो के बार भी बताये,उन के नुक्सान के बारे, गंदगी के बारे तो जरुर फ़र्क पडेगा, वेसे बच्चो को ज्यादा प्यार या आक्रोश मत दिखाओ, ज्यादा प्यार जहां बच्चो को बिगाडता है वही ज्यादा गुस्सा भी बच्चो को आप से दुर ले जाता है, जब बच्चो को गलत ओर सही के बारे बताओगे तो वो खुद ही विचार भी करेगे, फ़िक्र मत करो, सब ठीक हो जायेगा बस आराम से, प्यार से समझायेराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-83638646726718096652010-03-11T12:20:53.909+01:002010-03-11T12:20:53.909+01:00गुडनेस आप प्लीज़ उस नन्ही सी जान पर ऐसा जुल्म ना क...गुडनेस आप प्लीज़ उस नन्ही सी जान पर ऐसा जुल्म ना करें. उसे पुलिस की धमकी भी ना दें. बच्चों को पैसे देना अच्छी बात नहीं पर जब वे स्कूल में सबको कुछ खाते देखते हैं तो उनका भी मन हो जाता है. आप हफ्ते दस दिन में खुद ही एक बार अपने मन से पैसे दे दिया करें.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-54668863503461617832010-03-11T12:15:19.147+01:002010-03-11T12:15:19.147+01:00"क्या पुलिस वाले के डपटने से उसके बालमन पर गल...<b>"क्या पुलिस वाले के डपटने से उसके बालमन पर गलत असर भी हो सकता है।"</b><br /><br />जरूर हो सकता है। उर्वशी को पुलिस वाले से फटकार दिलवाने की गलती कदापि न करें।<br /><br />बच्चों पर अंकुश रखना आवश्यक है किन्तु उससे भी अधिक आवश्यक है उनको समझना। बच्चे स्वयं पर एक सीमा तक ही अंकुश सहन कर पाते हैं। सीमा से अधिक अंकुश उनके भीतर आक्रोश उत्पन्न करता है और यही आक्रोश विभिन्न रूप धर कर आपके सामने आता है, जैसे कि प्रस्तुत प्रकरण में इस आक्रोश ने चोरी का रूप धारण कर लिया है। उर्वशी को प्रत्येक चीज स्वयं दिलवाने के स्थान पर उसे भी कभी कभी स्वयं कुछ खरीदने का अवसर दीजिये। यदि वह प्याज भुजिया के कारण चोरी करना सीख रही है तो बेहतर है कि उसे उसके लिये कभी कभी पैसे दे दिये जायें।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-55418648051154743042010-03-11T12:06:09.791+01:002010-03-11T12:06:09.791+01:00अरे नही , इस से बच्ची के दिल मै डर बेठ जायेगा, बस ...अरे नही , इस से बच्ची के दिल मै डर बेठ जायेगा, बस उसे प्यार से समझाये, ओर अच्छा बुरा भी बताये, अच्छी अच्छी कहानिया सुनाये, लेकिन उस के मन मै कोई डर मत पेदा करे, अपने आप समभल जायेगी.यानि पुलिस का ख्याल मन से निकाल दोराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.com