tag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post4837487197506343804..comments2023-10-19T13:57:21.013+02:00Comments on मुझे शिकायत है. Mujhe Sikayaat Hay.: आओ फ़िर से मिल बेठे...भुले पुराने गिले शिकवेराज भाटिय़ाhttp://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-68962469051618534442011-01-26T09:11:48.966+01:002011-01-26T09:11:48.966+01:00Republic Day ki bahut bahut shubkaamnayein
Music ...Republic Day ki bahut bahut shubkaamnayein<br /><br /><a href="http://musicboll.blogspot.com/" rel="nofollow">Music Bol</a><br /><a href="http://lyrics-mantra.blogspot.com/" rel="nofollow">Lyrics Mantra</a><br /><a href="http://hindisongssmusic.blogspot.com/" rel="nofollow">Download Free Latest Bollywood Music</a>ManPreet Kaurhttps://www.blogger.com/profile/17999706127484396682noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-2452282112193009982011-01-25T10:46:59.987+01:002011-01-25T10:46:59.987+01:00भाटिया जी, जल्दी से उस हथियार के बारे में बताइए, ...भाटिया जी, जल्दी से उस हथियार के बारे में बताइए, प्लीज।<br /><br /><br />क्या आपको मालूम है कि <a href="http://za.samwaad.com/2011/01/top-hindi-blogs.html" rel="nofollow">हिन्दी के सर्वाधिक चर्चित ब्लॉग</a> कौन से हैं?Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-42190143336970509892011-01-24T11:55:55.407+01:002011-01-24T11:55:55.407+01:00जनाब जाकिर अली साहब की पोस्ट "ज्योतिषियों क...जनाब जाकिर अली साहब की पोस्ट "ज्योतिषियों के नीचे से खिसकी जमीन : ढ़ाई हजा़र साल से बेवकूफ बन रही जनता?" पर निम्न टिप्पणी की थी जिसे उन्होने हटा दिया है. हालांकि टिप्पणी रखने ना रखने का अधिकार ब्लाग स्वामी का है. परंतु मेरी टिप्पणी में सिर्फ़ उनके द्वारा फ़ैलाई जा रही भ्रामक और एक तरफ़ा मनघडंत बातों का सीधा जवाब दिया गया था. जिसे वो बर्दाश्त नही कर पाये क्योंकि उनके पास कोई जवाब नही है. अत: मजबूर होकर मुझे उक्त पोस्ट पर की गई टिप्पणी को आप समस्त सुधि और न्यायिक ब्लागर्स के ब्लाग पर अंकित करने को मजबूर किया है. जिससे आप सभी इस बात से वाकिफ़ हों कि जनाब जाकिर साहब जानबूझकर ज्योतिष शाश्त्र को बदनाम करने पर तुले हैं. आपसे विनम्र निवेदन है कि आप लोग इन्हें बताये कि अनर्गल प्रलाप ना करें और अगर उनका पक्ष सही है तो उस पर बहस करें ना कि इस तरह टिप्पणी हटाये. <br /><br /><a rel="nofollow"><b>@ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ ने कहा "और जहां तक ज्योतिष पढ़ने की बात है, मैं उनकी बातें पढ़ लेता हूँ,"</b><br /><br />जनाब, आप निहायत ही बचकानी बात करते हैं. हम आपको विद्वान समझता रहा हूं पर आप कुतर्क का सहारा ले रहे हैं. आप जैसे लोगों ने ही ज्योतिष को बदनाम करके सस्ती लोकप्रियता बटोरने का काम किया है. आप समझते हैं कि सिर्फ़ किसी की लिखी बात पढकर ही आप विद्वान ज्योतिष को समझ जाते हैं?<br /><br />जनाब, ज्योतिष इतनी सस्ती या गई गुजरी विधा नही है कि आप जैसे लोगों को एक बार पढकर ही समझ आजाये. यह वेद की आत्मा है. मेहरवानी करके सस्ती लोकप्रियता के लिये ऐसी पोस्टे लगा कर जगह जगह लिंक छोडते मत फ़िरा किजिये.<br /><br />आप जिस दिन ज्योतिष का क ख ग भी समझ जायेंगे ना, तब प्रणाम करते फ़िरेंगे ज्योतिष को.<br /><br />आप अपने आपको विज्ञानी होने का भरम मत पालिये, विज्ञान भी इतना सस्ता नही है कि आप जैसे दस पांच सिरफ़िरे इकठ्ठे होकर साईंस बिलाग के नाम से बिलाग बनाकर अपने आपको वैज्ञानिक कहलवाने लग जायें?<br /><br />वैज्ञानिक बनने मे सारा जीवन शोध करने मे निकल जाता है. आप लोग कहीं से अखबारों का लिखा छापकर अपने आपको वैज्ञानिक कहलवाने का भरम पाले हुये हो. जरा कोई बात लिखने से पहले तौल लिया किजिये और अपने अब तक के किये पर शर्म पालिये.<br /><br />हम समझता हूं कि आप भविष्य में इस बात का ध्यान रखेंगे.<br /><br />सदभावना पूर्वक<br />-राधे राधे सटक बिहारी</a>Radhe Radhe Satak Biharihttps://www.blogger.com/profile/15040698552720503490noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-52360941483242375432011-01-23T07:01:07.013+01:002011-01-23T07:01:07.013+01:00हर तरह के लोग हैं समाज में... बड़ा मुश्किल है फ़िल...हर तरह के लोग हैं समाज में... बड़ा मुश्किल है फ़िल्टरों का कामयाब होना...Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-47771345679792577782011-01-23T06:58:07.147+01:002011-01-23T06:58:07.147+01:00राज जी बहुत से कारणो से अब अपना भी मन ब्लागिन्ग से...राज जी बहुत से कारणो से अब अपना भी मन ब्लागिन्ग से उकता सा रहा है जी चाहता है बस पुरानी कागज़ कलम की दुनिया और पत्र पत्रिकाओं मे लौट चलूँ। लेकिन ब्लागिन्ग का नशा भला इतनी जल्दी छूटता है? आपने अच्छी जानकारी दी है। एक बात और बतायें क्या हम आफ लाईन रह कर भी कमेन्ट या पोस्ट आदि कर सकते हैं? शुभकामनायें।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-45773680373476576122011-01-22T16:13:48.497+01:002011-01-22T16:13:48.497+01:00राज जी ,बहुत सही कहा है आपने.राज जी ,बहुत सही कहा है आपने.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-86847437553424228492011-01-22T12:57:12.329+01:002011-01-22T12:57:12.329+01:00...यही सब देख कर आज कल कुछ लिखने का मन भी नही करता......यही सब देख कर आज कल कुछ लिखने का मन भी नही करता सर!Aruna Kapoorhttps://www.blogger.com/profile/02372110186827074269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-35962739504969077382011-01-22T08:57:11.225+01:002011-01-22T08:57:11.225+01:00अन्तर भाई वो आप नही हो.....अन्तर भाई वो आप नही हो.....राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-46994621504471578692011-01-22T05:54:57.035+01:002011-01-22T05:54:57.035+01:00उस शेतान ने बहुत सुंदर चाल चली थी, जो देखने मे तो ...<b>उस शेतान ने बहुत सुंदर चाल चली थी, जो देखने मे तो महसुस नही होती, ओर वो साधू सा बना रहना चाहता हे, ओर बहुत से लोगो ने उस को साधू ही समझा</b><br /><br />तो आपने मुझे पहचान ही लिया :)<br />हा-हा-हा<br /><br />प्रणामअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-89209199906396969162011-01-22T05:02:55.348+01:002011-01-22T05:02:55.348+01:00@ दराल भाई साहब
इसका इलाज ब्लॉगिंग बंद करना नहीं ह...<i><b> <br />@ दराल भाई साहब<br />इसका इलाज ब्लॉगिंग बंद करना नहीं है।<br />हाथी चले बाजार वाली कहावत फ़िट बैठती है।<br /><br />@ राज भाटिया जी<br />आपकी चिंता जायज है।<br />कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फ़लेषु कदाचिन:<br /><br /><a href="http://lalitdotcom.blogspot.com/2011/01/blog-post_22.html" rel="nofollow">परदेशी की प्रीत-देहाती की प्रेम कथा<br /></a> </b></i>ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-57397355554239803672011-01-22T04:46:39.028+01:002011-01-22T04:46:39.028+01:00इतना आसान कहाँ है भाटिया साहब और दराल सहाब ब्लॉग-स...इतना आसान कहाँ है भाटिया साहब और दराल सहाब ब्लॉग-स्लोग छोड़ना, मैं तो बीसियों बार कोशिश कर चूका ! बने रहिये , जहां तक हो सके, मगर इसे गौण(secondary ) priority में रखकर !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-30119778355587175832011-01-22T02:45:17.689+01:002011-01-22T02:45:17.689+01:00शिकवे शिकायत रूठना मनाना तो चलता रहता है ...मगर आप...शिकवे शिकायत रूठना मनाना तो चलता रहता है ...मगर आपका हतियार बड़े काम का है ....जल्दी ही इससे अवगत कराएँ !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-31585783502110634792011-01-21T18:51:59.947+01:002011-01-21T18:51:59.947+01:00भाटिया जी , हमने तो फ़िलहाल ब्लोगिंग बंद ही कर दी ह...भाटिया जी , हमने तो फ़िलहाल ब्लोगिंग बंद ही कर दी है ।<br />देखते हैं कब माहौल सुधरता है ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-16343818109901795202011-01-21T18:27:58.027+01:002011-01-21T18:27:58.027+01:00भाटिया जी,
आपने सही निष्कर्ष दिया है, यह सारे विव...भाटिया जी,<br /><br />आपने सही निष्कर्ष दिया है, यह सारे विवाद दिलजलों द्वारा आपस में लडाने के षड्यंत्र ही है। जब ऐसे लोगो को महत्व नहीं मिलता तो ऐसा घ्रणित कार्य करते है।<br /><br />आप जल्दी ही वह टूल दिजिये जिससे ऐसे लोगों का भंडाभोड हो सके।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-40267130970430444372011-01-21T18:06:13.028+01:002011-01-21T18:06:13.028+01:00सोमेश जी, आफ़ लाईन का मतलब आप ओरो को आफ़ लाईन दिखे, ...सोमेश जी, आफ़ लाईन का मतलब आप ओरो को आफ़ लाईन दिखे, जब की आप ओन लाईन ही रहेगे, आप डेस बोर्ड मे जाये, फ़िर सेटिंग मे जाये फ़िर वहां देखे Permissions लिखा होगा राईट साईड मे , उसे किल्क करे इसे किल्क करते ही आप को Blog Authors ओर फ़िर Blog Readers दिखाई देगे आप ने यहां Blog Readers पर only blog authors पर एक बिंदू लगा कर इसे सेव कर ले, अब आप हम सब के लिये आफ़ लाईन हो जायेगेराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-73812133320389150912011-01-21T17:45:46.898+01:002011-01-21T17:45:46.898+01:00यदि हम इतने कच्चे दिमाग के हैं कि अपना भला-बुरा नह...यदि हम इतने कच्चे दिमाग के हैं कि अपना भला-बुरा नहीं सोच सकते और किसी की बचकाना [गाली-गलौच वाली या उकसाने वाली टिप्पणी बचकाना ही कही जाएगी]टिप्पणी पर रिएक्ट करते हैं तो अच्छा है कि ब्लाग लेखन और देखन बंद कर दें।<br />शायद यही कारण है कि अग्रिगेटर बंद हो रहे हैं, फ़ेसबुक बंद होने के कगार पर है [इतने धन के बावजूद]:(चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-42586893363029670252011-01-21T17:40:01.744+01:002011-01-21T17:40:01.744+01:00राज जी बहुत सही कहा है आपने कुछ असामाजिक तत्वों के...राज जी बहुत सही कहा है आपने कुछ असामाजिक तत्वों के चलते बहुत विवाद हो रहे हैं। जरूरी है एकजुट हुआ जाए और सतर्क रहा जाए। आपसे पूर्णतः सहमत।<br />सिर्फ एक बात बताएँ ब्लॉग को ऑफलाइन कैसे किया जाता है?सोमेश सक्सेना https://www.blogger.com/profile/02334498143436997924noreply@blogger.com