tag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post774589562518864938..comments2023-10-19T13:57:21.013+02:00Comments on मुझे शिकायत है. Mujhe Sikayaat Hay.: तिलयार तिलयार तिलयार : अन्तर सोहिलराज भाटिय़ाhttp://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-57903056678251154702010-12-30T14:58:11.115+01:002010-12-30T14:58:11.115+01:00एक अच्छा लेख लिखने के लिए शुभकामनायें ! जब तक आपको...एक अच्छा लेख लिखने के लिए शुभकामनायें ! जब तक आपको अपनी अच्छाइयों पर भरोसा है परवाह न करें ! शर्मिंदगी सिर्फ तब होनी चाहिए जब हम अपनी निगाह में गिरते हैं ! <br />रेखा की मदद के बारे में जानकार अच्छा लगा ! बधाई आप लोगों को !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-23769897328690215722010-12-29T16:25:53.046+01:002010-12-29T16:25:53.046+01:00शांत गदाधारी भीम शांत:)शांत गदाधारी भीम शांत:)ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-49724605466506844962010-12-29T09:55:31.675+01:002010-12-29T09:55:31.675+01:00मैं दारू-वारू नहीं पीता पर मुझे तो पोस्ट पढ़ कर कु...मैं दारू-वारू नहीं पीता पर मुझे तो पोस्ट पढ़ कर कुछ बुरा नहीं लगा. <br />बाक़ी... गुणी लोगों की अपनी मर्ज़ी.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-27396023867827367712010-12-29T04:23:32.254+01:002010-12-29T04:23:32.254+01:00कूल कूल कूल
आप नंगों को उघाडने चले हैं?कूल कूल कूल<br />आप नंगों को उघाडने चले हैं?नीरज मुसाफ़िरhttps://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-53239832720615349192010-12-28T19:23:48.216+01:002010-12-28T19:23:48.216+01:00अन्तर भाई आप की बात से सहमत हुं, लेकिन क्या किया ज...अन्तर भाई आप की बात से सहमत हुं, लेकिन क्या किया जाये एक आदमी खुद नंगा हे, अब उस से क्या बहस कि जाये, उस के संग हम तो नंगे नही हो सकते, इस लिये उसे इंगनोर ही कर दो अच्छा हे,ऎसे लोग अपने घरो मे भी बिलकुल खुश नही रहते, अडोसी पडोसी भी इन से दुखी ही रहते हे, इन्हे दुनिया को सुखी देख कर हंसते खेलते देख कर चेन नही मिलता,क्योकि इन के लिये पुरी दुनिया बेवकुफ़ो की हे, ओर सिर्फ़ यही समझदार हे, खुद अधनंगे रहे,जो चाहे करे लेकिन जहां चार यार प्यार से मिल बेठे इन्हे उन की खुशी से जलन होती हे, अजी जलने दो, हमारी कोन सी गेस जलती हे,हम तो युही मजा लेगे,लेकिन इन्हे घास तक नही डाले गे जी... अगली बार तीन नही तीस यार मिल बेठेगे, अब इन्हे कोई पुछता नही तो यह खुद पंगा लेते हे अपनी तरफ़ ध्यान दिलाने के लिये,ओर हम थू भी नही करते जी देखना तो दुर की बात हे.... धन्यवाद इस अति खुबसुरत ओर मस्त रचना के लिये.राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-50582002315662510892010-12-28T12:08:20.197+01:002010-12-28T12:08:20.197+01:00अंतर सोहील जी आपका लिखना सार्थक हैअंतर सोहील जी आपका लिखना सार्थक हैसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3938724245035517728.post-14335834576799048972010-12-28T10:12:45.190+01:002010-12-28T10:12:45.190+01:00समय तेजी से बदल रहा हैं । कभी स्त्रियों को निरंतर ...<b>समय तेजी से बदल रहा हैं । कभी स्त्रियों को निरंतर समझाया जाता था की उनके लिये कौन सा आचरण सही हैं और कौन सा गलत । समाज मे स्थापित मानदंडो मे एक ये भी था की स्त्री को पुरुष को कुछ भी समझाने का अधिकार नहीं हैं । लेकिन आज ऐसा नहीं हैं ।<br><a href="http://www.deshnama.com/2010/12/2.html" rel="nofollow">इस लिंक को देखिये</a> जरुर । इस पर आये कमेन्ट भी देखे । कुछ संबधित लिंक हैं<br>१तिल्यार, तिल्यार की बार और तीन यार<br>२<a href="http://neerajjaatji.blogspot.com/2010/11/blog-post_24.html" rel="nofollow">रोहतक ब्लॉगर मिलन के बाद</a> ब्लॉग पर अपनी बाते लिखना और चित्र डालना सही हैं लेकिन मदिरा पान करना और उसको ब्लॉगर मीट कह कर ब्लॉग पर देना कितना सही हैं ??? ख़ैर सही हो ना हो हम कौन होते हैं समाज की चिंता करने वाले । हम तो लिखते भी कम ही हैं और</b>........<br /> ये जो लिखा हुआ है ये मैंने नही लिखा है एक आधी अधूरी पोस्ट का हिस्सा है | जिसके बारे मे आप बता रहे है | गलत बात हमेशा गलत ही रहेगी भले ही सौ आदमी उस को सही कहते हो ,हा ये गलत बात सही होने का भ्रम तो हो सकती है लेकिन सही कभी भी नही हो सकती भले ही सौ की जगह हजार लोगो ने भी क्यो ना कही हो | और गलत बात का प्रतीकार भी करना चाहिए | ये सही है की इस बलोग जगत मे समझदार लोगो की संख्या ज्यादा है और वे लोग अपनी ऊर्जा इन फालतू लोगो के लिए नही खर्च करना चाहते है | लेकिन जब पानी सर से ज्यादा जाने लगे तो लिखना भी जरूरी हो जाता है | अंतर सोहील जी आपका लिखना सार्थक है आभार |naresh singhhttps://www.blogger.com/profile/16460492291809743569noreply@blogger.com