8/3/08
एक पिता को आखिर शान्ति मिल ही गई ??
यह कहानी एक आज कल के बेटो की, सुनिये आप खुद ही सुन लिजिये आज के होन हार बेटो ओर उन के पिता की कहानी...
यह कहानी मुझे नेट पर कही मिल गई, ओर इतनी अच्छी लगी की चुराये बिना रह ना पाया, आखिर आप को सुनानी भी तो हे, अगर किसी ने ऎतराज किया तो मे इसे हटा दुगा, धन्यवाद
यह कहानी मुझे नेट पर कही मिल गई, ओर इतनी अच्छी लगी की चुराये बिना रह ना पाया, आखिर आप को सुनानी भी तो हे, अगर किसी ने ऎतराज किया तो मे इसे हटा दुगा, धन्यवाद
नाम
गीत
7 comments:
नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******
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bhut badhiya. sunkar bhut badhiya laga. par beto ko aesa kahana kya sahi hai.
ReplyDeletevakai is kahani me to bhut hi gahari baat bahai hai. aabhar.
ReplyDeleteउम्दा आवाज के साथ उम्दा काव्य पाठ को सुनकर अच्छा लगा
ReplyDeletebahut achcha post hai
ReplyDeletehappy friendship day...
चाहे हो हममे गहरी दोस्ती,
इसमे भरोसा ज़रूरी तो है,
हम तो समझते है मगर,
रिश्ते का नाम ज़रूरी तो है,
वो अक्सर आती है यादो में,
यादो में उसकी खुश्बू ज़रूरी तो है
वाह साहब ! इतनी सुंदर कहानी आपके सौजन्य से
ReplyDeleteवर्षों बाद सुनाने को मिली ! बहुत बधाई आपको !
रेशमी सुरेना जी, ऎसा बोलते हन ने खुद देखा हे कई बच्चो को.
ReplyDeleteआप सभी का धन्यवाद
इतनी अच्छी कहानी 'चुराकर' सुनवाई।
ReplyDeleteधन्यवाद्।