8/10/08
11 comments:
नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******
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Bhatia saab achhi posting ke liye jitna dete hain kam se kam utna to wasulenge,janseva karenge to uparwala bhagwaan nahi afsar kaise set rahega.har chauk chaurahon ki kahani hai ye
ReplyDeleteदेख लिया … [:)]
ReplyDeleteरोज़ सड़को पर देखते थे आज साक्षात देख लिया
शाश्वत सत्य है सर जी ! पोल
ReplyDeleteखोलते रहिये ! शुभकामनाएं!
हम धरती पर रहते हैं और ये घूस लेते हैं वो भी सरेआम ये अटल सत्य है। भाटिया ये नहीं सुधरे हैं और ना सुधरेंगे। ९८-१०० ट्रेफिक वाले निलंबित हो गए थे इसी घूस के चक्कर में, ब्लू लाइन वालों से घूस... याद ही होगा।
ReplyDeleteकिसी की फोटू खिंच गई, किसी की नहीं खिंची-बस!!
ReplyDeleteआप की शिकायत रोज देखते हैं जी। इस से भी खतरनाक ये है कि लाल बत्ती से निकलते ट्रक को रुकने की हिदायत दी जाती है पीछे का ट्रेफिक रुका रह जाता है। कभी दुर्घटनाएँ भी हो जाती हैं।
ReplyDeleteवाह जी वाह.
ReplyDeleteपोल खोल दी आपने.
बहुत नेक काम किया.
बधाई.
राज जी यह बहुत ही बेकार बात है. पर एक बात कहूँ जब कोई भी सरकारी नौकरी करता है यदि उसकी पोस्ट छोटी होती है तो उसे इतनी तनखा नहीं मिलती है की वह अपने घर की हर जरुरत को पुरा कर सके. शायद इसलिए ऐसे काम होते है. आप तो जानते है की आजकल बच्चों की एजूकेशन ही बहुत महगी हो गई है. ऐसे में इन्सान कर भी क्या सकता है. मेरे ख्याल से जिससे किसी को नुकसान नही होता वह काम करने में क्या बुरे है. आपको पता है जो ट्रक वाले पैसे दे रहे है वो भी कोई लीगल काम नहीं करते है तभी तो पैसा देते है. ये लोग किसी और की लीज पर से माल उठाते है और बेचते है. और इसी से पुलिस वाले भी थोड़ा पैसा खा लेते है. ये बातें जो में लिख रही हूँ इसकी जानकारी मुझे बहुत अच्छे से है. इसलिए आपको भी बता रही हूँ.
ReplyDeleteRashmi saurana जी,यह बहुत बुरा हे, मे अपनी जरुरत पुरी करने के लिये ऎसा करु, अपने बच्चो के लिये ऎसा करु, हर्गिज नही, गलत तो गलत ही हे,किस ट्रक मे बम बनाने का समान हे ,किस मे हथियार हे यह किसे पता, मेने तो अपने बच्चो के भविष्या के लिये यह पेसे खा लिये, अगर इसी ट्रक से लाये गये बम से मेरे बच्चे खत्म हो जाये तो ?? जब बेकसुर लोग मरते हे तो जिम्मेदार कोन हे,आप ने देखाफे टीवी पर चारो ओर खुन ही खुन होता हे, एक मासुम मरी हुई मां से लिपटा हे,कितना भावुक मंजर होता हे,कोन हे इन सब का जिम्मेदार? यह किस बात की तन्खा लेते हे, क्यो चादर से बाहर पेर पसार ते हे,नही गलत हमेशा गलत ही होता हे उस के लिये कोई बहाना नही,अतांकवादियो से बढ कर यह गंदे हे
ReplyDeleteअब ऐसी चीजे अश्याचाकित नही करती .पिछले १५ अगस्त अपने छोटे भाई को रेसिवे करने मुझे देल्ही जाना था ..दो जगह मैंने पोल्लुशन वाला साइन न होने के कारण २५० -२५० रुपये दिये ....मै मानता हूँ गलती मेरी है....पर कोई अपराधी कागज की किसी कमी को पैसे से भरपाई कर दे तो....
ReplyDeleteआप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद, अनुराग जी आप की बात ठीक हे,अगर हम कोई गलती करते हे तो उस का जुर्माना भुगता कर रसीद ले लो, फ़िर हमे अपनी कमाई से गये, पेसो का दुख होता हे, जिस के कारण हम दोवारा गलती नही करते,लेकिन रिश्वत दे कर जान छुडाना उचित नही, मे उन पागलो मे से हु जो दुगने पेसे गलती के जुर्माने के रुप मे दे देता हु, रिस्वत नही देता
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