इसे कहते है जाको राखे साईयां मार ना साके कोई,चित्रो को बडा करने के लिये उन पर कलिक करे

वक़्त आने पर बता देंगे तुझे ए आसमाँ हम अभी से क्या बताएँ क्या हमारे दिल में है
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"मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें। उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा। जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा।" -- महात्मा गांधी
"अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।" -- महामना मदनमोहन मालवीय
sab upar wale ki meharbani hai.
ReplyDeleteछा गये भाटिया जी, आप छा गये।
ReplyDeleteजान बची तो लाखो पाए ...............
ReplyDeletesahi baat uparwale ki marzi achhi thi us waqt
ReplyDeleteऊपर वाला अच्छे मूड में था उस वक़्त ! वरना ये फोटो भी नही खिंच पाती ! धन्यवाद !
ReplyDeleteयह बचने वाले संयोग ही ईश्वर को प्रमाणित करते हैं।
ReplyDeleteसब ऊपर वाले के खेल है।
ReplyDeleteआपको गुरु नानकदेव जी के जन्मदिन की बधाई।
अरे बाप रे !
ReplyDeleteअरे बाप रे !
ReplyDeleteसचमुच साक्षात् ईश्वर ने हाथ पकड़कर बचाया.
बाबा रे ! क्या सीन है !
ReplyDelete- लावण्या
AAPKI RAI KA SWAGAT HAI YADI AAPKE VICHARO KA PALAN KAREGE TO JEEWAN ME AVSAY SAFAL HOGE.ISWER AAP KO YASH DE
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