4/20/10

अब 'बसंती' चढ़ी पानी की टंकी पर

शोलेफ़िल्म शोले में वीरू ने बसंती से शादी करने के लिए पानी की उँची टंकी पर चढ़ कर कूदने की धमकी दी थी.
वह एक फिल्मी दृश्य था. लेकिन राजस्थान के झुंझुनू जिले में पुलिस को हक़ीक़त में ही ऐसे ही मंज़र का सामना करना पड़ा.
अंतर सिर्फ इतना था कि इस कहानी में 'बसंती' ही पानी की टंकी पर चढ़ गई. वह नीचे तभी उतरी जब उसे उसके प्रेमी से शादी कराने का भरोसा दिलाया गया.अजी पुरा यहां पढिये.....

18 comments:

  1. टंकी तो सार्वजनिक है भला महिलाएँ क्यों पीछे रहे....बढ़िया मजेदार वाक़या..धन्यवाद राज जी हमें तो खबर ही नही थी कि बसंती भी टंकी पर चढ़ गई है....

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  2. वाह जी ! राजस्थान की खबर आपने हमें वाया जर्मनी पढ़वा दी :)

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  3. अच्छा किया
    टंकी पर चढने का एकाधिकार केवल पुरूषो का क्यो हो

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  4. ये इश्क नहीं आशां, बस इतना समझ लीजे
    पानी की टंकी से हवालात को जाना है !
    रत्नेश त्रिपाठी

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  5. क्या ज़माना आ गया है। जिसे देखो वो ही टंकी पर चढ़ जाता है । लगता है अब अगली बारी मौसी की है , टंकी पर चढ़ने की । :)

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  6. टंकी पर चढने का एकाधिकार केवल पुरूषो का क्यो हो

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  7. यह कहानी यहाँ राजस्थान के अखबारों में खूब छपी है।
    पर मुझे आप से शिकायत है कि आप का टिप्पणी बाक्स बहुत देर में खुलता है। आप के ब्लाग में कुछ विजेट भारी लगे हैं। उन्हें हटाने से समस्या कम हो सकती है। खास तौर से वह जो दुनिया भर के पाठकों की संख्या दिखाता है।

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  8. आज की महिलाएं किसी से कम नहीं !!

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  9. वहां मौसी थी की नहीं. हा हा हा
    खैर सुंदर प्रस्तुति के लिए बधाई.

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  10. आपकी शिकायत वाजिब है ....जान को जोखिम मे नही डालना चाहिए ...सिर्फ़ अपनी जिद मनवाने के लिए .........

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  11. पढ़ी थी अखबार में ये खबर ...
    बसंती हिंदी ब्लॉग पढने लगी होगी
    उसी का हुआ ये असर ...!!

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  12. लगता है कि बसंती को भी टंकीपुराण का महात्म्य पता चल गया है।

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  13. यह तो होता ही रहता है कभी वीरू तो कभी वसंती.

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  14. किसी बड़े कवि ने लिखा है नाम भूल गया हूँ---

    नाम करना हो तो ऐसा काम कर
    एक ऊँचे बांस पर तू चढ़ उतर
    हर कदम रखना कि जैसे अब मरा
    काट दे संस्पेंस में सारी उमर।

    भींड़ की संवेदना पी वक्त खा
    चीखना मत घाव छिल जाय अगर
    डरें वो जिनकी जड़ें हों बरगदी
    अधर में लटके हुए को क्या फिकर।

    ---यह तो इश्क का भूत है सर चढ़ कर बोलेगा।

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  15. ये बहुत बढिया लगा.

    रामराम.

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  16. बहुत रोचक जानकारी दी है मुझे भी स्थानीय खबरों का ज्ञान ही नहीं रहता है | जब भी समय मिलता है ब्लॉग जगत में ही घुस जाते है | यह घटना हमारे पास के ही गाँव की है |

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  17. रोचक खबर पढ़वाने के लिये धन्यवाद राज जी!

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मुझे शिकायत है !!!

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उन्होंने ईश्वर से डरना छोड़ दिया है , जो भ्रूण हत्या के दोषी हैं। जिन्हें कन्या नहीं चाहिए, उन्हें बहू भी मत दीजिये।