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6/21/10
इलाहाबाद वाले
एक आंतरिक तृप्ति मिलती है, बुरे से बुरे आदमी या औरत को देखकर। उल्टे-सीधे षडयंत्र और चालबाजियां और घिनौने कार्य देखकर अवचेतन में खुशी होती है कि मैं इतना बुरा या बुरी नहीं हूं। मैं इतना बुरा बेटा नहीं हूं, मैं इतनी बुरी सास या बहू नहीं हूं। इसीलिये ज्यादातर चैनलों पर हर सीरियल में कोई ना कोई विलेन होता/होती है। बकवास कहानी को बस खींच-खींच कर बढाया जाता है। लेकिन लोग उन्हीं सीरियलों को सबसे ज्यादा देखते हैं। मैं कई बार घरवालों या दोस्तों को कहता हूं कि आप ये ड्रामा देखने के बजाय सब टी वी क्यों नहीं देखते। जवाब मिलता है कि उसमें कुछ मजा नहीं आता। मजा मतलब रस, अब रस तो हमेशा अहंकार की पुष्टि से ही मिलता है ना।
स्टार प्लस (STAR PLUS) ने रियलिटी शो लाफ्टर चैलेंज के जरिये लोगों को खूब हंसाया। लेकिन सोनी (SONY) चैनल ने उससे मिलते-जुलते शो बनाकर उसमें भी फूहड और द्विअर्थी संवाद भर दिये। खैर आज जो चैनल मुझे सबसे ज्यादा पसन्द है, वो SAB T.V. है। सब टी वी अकेला ऐसा चैनल जो आज केवल और केवल कामेडी प्रोग्राम और सीरियल प्रस्तुत कर रहा है। इसके दो सीरियल (लापतागंज शरद जोशी की कहानियों का पता और मिस्टर एण्ड मिसेज शर्मा इलाहाबाद वाले LAPTAGANJ, MR. & MRS. SHARMA ALLAHABADA WALE) बेहतरीन मनोरंजन, उत्कृष्ट अभिनय, शुद्ध हास्य और आज की समस्याओं पर जबरदस्त व्यंग्य दे रहे हैं। जो लोग T.V. देखना पसन्द नहीं करते या पारिवारिक सीरियलों के अनैतिक चरित्रों से ऊब चुके हैं, उनसे मैं कहूंगा कि एक बार ये दोनों प्रोग्राम जरुर देखें।
अब Play का बटन दबाईये और सुनिये हरियाणवी मखौल
नाम
Antar Sohil,
अन्तर सोहिल
17 comments:
नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******
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बहुत बढिया, आभार।
ReplyDeleteमै भी देखती हूँ सब टी वी।
ReplyDeleteसही कहा आपने....हमारे घर में तो सिर्फ ये सब टीवी और आस्था चैनल ही चलता है, बाकी सब चैनल्स को हमने लाक कर रखा है.
ReplyDeleteभाई मै तो कोई सा टी वी नही देखता, हा कभी कभार न्युज सुन लिया या फ़ुट वाल का मेच देख लिया,क्योकि इन टी वी वालो के पास वो समान नही जो मुझे लुभा सके, लेकिन हमारी बीबी बडे चाव से देखती है दो घंटे शाम को टी वी, ओर उस नाटक की केमेंट्री यानि अगले सीन के बारे मै मै उसे पहले ही बता देता हुं कि अब यह पंगा होगा?
ReplyDeleteताई वाला चुटका तो बहुत ही बढिया लगा जी
ReplyDeleteअरे वा आ आ ह!!!
ReplyDeleteआपकी यह पसंद मुझे पसंद आई। मेरी तो हर शाम सब पर ही बीतती है।
लापता गंज, शर्मा जी, सजन रे झूठ मत बोलो, एफ़.आई.आर, तारक मेहता, चंदा क़ानून, गुटर गूं, सब मेरे फेवरिट हैं।
और इलाहाबाद वाले शर्मा दम्पत्ति तो कमाल के हैं।
अरे वाह!!!
सादर वन्दे !
ReplyDeleteआपने सही कहा | सब टी वी में आने वाले इन धरावाहिकों से हमें केवल हास्य ही नहीं बल्कि सामाजिक ज्ञान भी मिलता है |
रत्नेश त्रिपाठी
हा हा हा! बढ़िया है ।
ReplyDeleteहरियाणवी ह्यूमर सुनकर मज़ा आ गया । पर यो था कुण ?
This comment has been removed by the author.
ReplyDelete@ डा टी एस दराल जी नमस्कार
ReplyDeleteये आवाज पवन दहिया की है। हरियाणा के रोहतक जिले के जाने-माने रागिणी कलाकार हैं।
यहां पर आप उनकी आवाज में और चुटकुले भी सुन सकते हैं।
प्रणाम
बिलकुल ठीक कहा आपने.
ReplyDeleteरोचक और सटीक!
ReplyDeleteमेरे घर मे तो सिर्फ़ सब टीवी ही चलता है
ReplyDeleteआपने सही कहा...बेकार के प्रोग्राम देखने से तो अच्छा यही है की हास्य आधारित कार्यक्रमों के जरिये अपना मनोरंजन किया जाए
ReplyDeleteलापतागंज मेरा भी मनपसंद धारावाहिक है ...एक पोस्ट भी लिखी थी मैंने इस पर ...!!
ReplyDeleteसाथियो, आभार !!
ReplyDeleteआप अब लोक के स्वर हमज़बान[http://hamzabaan.feedcluster.com/] के /की सदस्य हो चुके/चुकी हैं.आप अपने ब्लॉग में इसका लिंक जोड़ कर सहयोग करें और ताज़े पोस्ट की झलक भी पायें.आप एम्बेड इन माय साईट आप्शन में जाकर ऐसा कर सकते/सकती हैं.हमें ख़ुशी होगी.
स्नेहिल
आपका
शहरोज़
सचमुच, मजा आ गया।
ReplyDelete---------
क्या आप बता सकते हैं कि इंसान और साँप में कौन ज़्यादा ज़हरीला होता है?
अगर हाँ, तो फिर चले आइए रहस्य और रोमाँच से भरी एक नवीन दुनिया में आपका स्वागत है।