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अन्तर सोहिल का प्रणाम
वक़्त आने पर बता देंगे तुझे ए आसमाँ हम अभी से क्या बताएँ क्या हमारे दिल में है
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नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******
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"मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें। उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा। जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा।" -- महात्मा गांधी
"अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।" -- महामना मदनमोहन मालवीय
इस भागने को अगर कायरता कहा जाता है तो भगवान श्री कृष्ण भी भाग गए थे इसी लिए उन्हे रणछोड के नाम से जाना जाता है |
ReplyDeleteसटीक और सच्ची बात!!
ReplyDeleteइसमें गलत तो कुछ नहीं. बहादुरी का तमगा तो इससे मिलता नहीं.
ReplyDeleteबाबा कोई गुंडे तो नही थे, जो इन से लडते, बाबा एक साधू संत हे, ओर उन्होने देश के लिये हम सब के लिये यह सोच कर कदम ऊठाया था कि इस से भोले भाले देशवसियो का भला होगा, लेकिन उन्हे नही पता था, यह लोग फ़िर से इन नेताओ की बातो मे आ कर बाबा पर ही शक करेगे, उस का मजाक उडायेगे....भारत मे कितने लोग हे जो भीड मे किसी नारी के ऊपर गूंडो का हत्या चार देख कर उस की मदद करते हे? बाबा ने कुछ गलत नही किया...
ReplyDeleteUs samay bhagne ke alava koi chara nahi tha, baba jante the ki agar bhavishya me kuch karna hai to vanha se bhagkar, soch samjh ke hi kuch kiya ja sakta hai..un par jaan leva hamla bhi ho sakta tha.
ReplyDeleteबाबा ने मौके के मुताबिक जो भी कदम उठाया ठीक उठाया|
ReplyDeleteक्या आप हमारीवाणी के सदस्य हैं? हमारीवाणी भारतीय ब्लॉग्स का संकलक है.
ReplyDeleteहमारीवाणी पर ब्लॉग पंजीकृत करने की विधि
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बाबा ने सही क्या जो वहाँ से निकल लिए नहीं नहीं कुछ भी हो सकता था
ReplyDeleteअंतर सोहिल ji ,
ReplyDeleteसहमत हूँ आपके आपके विचार से । बहुत सटीक अवलोकन है।
Apki baat se sahmat hun ... baaba se 100 guna jyaada chaalaak aur taakatvar hai sarkaar .. gher kar baaba ki vishvasniyta khatm ki hai ..
ReplyDeleteरामदेव भागे क्यों ?
ReplyDeleteदलीलें अपनी अपनी.. क्योंकि comments must be approved by the blog author.
शायद यही रहा होगा उनके सत्याग्रह का तकाज़ा.... सो, वह भी ठीक ही भागे होंगे !
अपनी सेना की ख़ातिर जनरल नियाज़ी ने भी तो आत्मसमर्पण किया था कि नहीं ?
देश के इतिहास की दुर्भाग्यजनक धटना है .
ReplyDeleteसरकार इसे अपने फायदे के लिए अपनी तरफ से बाधा चढा कर मीडिया में दिखा रही है ..
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