5/31/08

धन्यवाद

आप सब का धन्यवाद, मुझे याद रख्ने के लिये,कुछ समय मुझे लगे गा फ़िर से अपनी जिन्दगी मे लोटने के लिये,फ़िर से आप की सेवा मे आने के लिये, बस कुछ ऎसा होता हे की मेरे जेसा कठोर आदमी भी डगमगा जाता हे... जल्द ही फ़िर से आउगा, तब तक के लिये माफ़ी चहाता हू
धन्यवाद

3 comments:

  1. राज जी,
    आपके लिखे का इन्तजार रहेगा, और आप याद तो रहते ही हैं |

    ReplyDelete
  2. राज जी
    आप समय लीजिये ,आपका इंतजार रहेगा....

    ReplyDelete
  3. ऐसे समय में डगमगाना स्वाभाविक है लेकिन समय बलवान है. ईश्वर की कृपा से आप जल्द ही पुरानी दिनचर्या में लौटेंगे...

    ReplyDelete

नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******

Note: Only a member of this blog may post a comment.

मुझे शिकायत है !!!

मुझे शिकायत है !!!
उन्होंने ईश्वर से डरना छोड़ दिया है , जो भ्रूण हत्या के दोषी हैं। जिन्हें कन्या नहीं चाहिए, उन्हें बहू भी मत दीजिये।