5/2/08
समीर जी के नाम
यह ब्लोग समीर जी के नाम से, उन्हो ने मुझे राय दी, ओर मुझे अच्छी लगी, इस ब्लोग मे आप सभी अपनी शिकायत भेज सकते हे, जिसे मे यहां लेख या शिकायत के रुप मे प्रकाशित करुगा, ओर लोगो से सलाह , राय भी मागे गे, मुझे भी कई बार कोई बात समझ नही आती तो हम अपने दोस्तो से ही राय मगंते हे, ओर जो राय अच्छी लगे उसे अपना लो,
हमारे समाज मे अच्छाई हे तो साथ मे कई बुराई भी हे,जो अन्धविशवास के रुप मे, हमारी अग्यानता के रुप मे हे, कई गलितया हम रोजाना करते हे जिस के वारे हमे पता नही होता ओर आसपास वाले शिषटा वश हमे कुछ नही कहते, आप सब से निवेदन हे आप भी मेरा साथ दे, ओर हम अपने समाज की सभी बुराईया समाने लाये जिस से यह बुराईया धीरे धीरे खतम होगी, आसान नही लेकिन मुस्किल भी नही हे एक से दो,दो से चार सीखेगे ओर धीरे धीरे धीरे सभी सीख जाये गे,
आप लोग भी अपनी राय इस बारे मे जरुर दे,ओर आप भी कोई बुराई समाज मे देखे तो जरुर इस शिकायत मे दर्ज करवाये,आप का अति आभार होगा,
यहां सिर्फ़ शिकायत ही नही ओर भी बाते होगी, कभी कभार सगीतं, कभी कहानी कभी बात चीत भी होगी,
अन्त मे मे समीर जी का फ़िर से धन्यवाद करता हू, ओर आज *मेरी शिकायत का यह पहला लेख समीर जी को अर्पित हे
नाम
शिकायत
12 comments:
नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******
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मुझे शिकायत है !!!

उन्होंने ईश्वर से डरना छोड़ दिया है , जो भ्रूण हत्या के दोषी हैं। जिन्हें कन्या नहीं चाहिए, उन्हें बहू भी मत दीजिये।
भाईश्री ब्लॉग दुनिया में आपके नए ब्लॉग का स्वागत है. बधाई व शुभकामनाएं स्वीकारें.
ReplyDeleteशिकायत नहीं सुझाव है, अपने ब्लॉग की भाषा को जो की शायद जर्मन या ऐसी ही कोई है को हिन्दी या अंग्रेजी में कर लें (आपने लिखा वह हिन्दी ही है ब्लॉग पर बाकि जगह देखें)और समीरलालजी के लिए कम से कम वर्ड-वेरिफिकेशन हटा लें :)
agar haemy aap se hii shikyat ho to kyaa publish hogee
ReplyDeleteसचमुच राज जी आपने तो वाकई ब्लॉग बना डाला ,कुछ वहां के जीवन शैली के बारे मी बताये कुछ तो होगा इस पराये देश मी जो आपको भाता नही होगा .
ReplyDeleteराज भाटिया भा जी,आप को बहुत बहुत मुबारकें इस तरह की पहल करने के लिये। यही तो ब्लागिंग है,सर, कि यह हमें नित-नये एक्सपैरीमैंट करने का एक प्लेटफार्म दे रही है।
ReplyDeleteडियर भाटिया जी, दिल खुश हो गया जे अज मेरा, पहलां तां तुहाडे ब्लाग दा वधिया जिहा टैंपलेंट वेख के , फिर बहुत ही वधिया फुल्लां नूं वेख के ते फिर सोने ते सुहागे दा कम कीता ए तुहाडे बलाग शीर्षक दे थल्ले दित्ते गये शेयर दा।
सारे हरियाणे वल्लों मेरीयां शुभकामनावां अपनी झोली विच पा लवो.....जींदे वसदे रहो, भाटिया जी, ते सानूं ऐदां ही रोज रोज़ नवीयां नवीयां चीज़ां दसदे रिहा करों. भाटिया जी, मैंनू एह तां पता लग गिया है कि तुसीं वी ज़िंदगी दी किताब बड़ी वधिया तरां ही पढ़ी है। अच्छा बाकी फेर। वैसे दिल तां करदा लिखी जावां....पर तुसीं वी कहोगे कि यार इन्ना कुछ ही लिखना ई तां ई-मेल ही कर दे।
हिंदी चिट्ठाकारी के धरातल पर मेरी शिकायत ये है कि बहुतेरे चिट्ठाकार, वर्तनी (spelling) की गम्भीर त्रुटियाँ करते हैं तथा उनके ध्यान में यह बात लाये जाने पर बड़े ही ढ़ीठपने से उत्तर देते है कि 'आप शब्दों (की त्रुटियों) पर क्यों जाते है, भावनायें समझिये'
ReplyDeleteऔर तो और, यदि मेरी ओर से, perfection का आग्रह किया जाता है तो यह कटाक्ष किया जाता है कि 'क्या आपको perfection का हिंदी अनुवाद नहीं आता'
मेरी शिकायत यही है कि जब आप अंग्रेजी भाषा लिखते समय वर्तनी का ध्यान रखते हैं, अंग्रेजी भाषा पढ़ते समय मिले क्लिष्ट शब्दों को समझने के लिये, विभिन्न शब्दकोष खंगालते हैं, तो अपनी भाषा के सम्प्रेषण में भावना की जिद क्यों करते हैं। उस समय क्यों नही अपने मष्तिष्क को चौकन्ना रखते? बेशक transliteration में समस्यायें है, किन्तु लिखते समय उन्हें समझना चाहिये कि
वैश्य - वेश्या
दम - दमा
रज - राज - रजा
आदि - आदी
प्लग - प्लेग
पेज - पेग
दिन - दीन
बहुत - भुत (भूत)
मरना- मारना
जैसे अनगिनत उदाहरणों के चलते उनकी 'भावना' का अभिप्राय बदल जाता है। जरा अपने किसी अंग्रेजी भाषा के आवेदन/ प्रस्तुतिकरण में मामूली सी mistake करके देखें, जैसे
Log - Long
Part - Fart
Sum - Some
Cheque -Check
Chat -Chant
Abut -About
Bomb - Womb
हिंदी चिट्ठाकारी के धरातल पर मेरी शिकायत ये है
भाई जी
ReplyDeleteयह बहुत सार्थक पहल है. प्रथम प्रस्तुति मेरे नाम समर्पित देख बहुत खुशी हुई. आपका बहुत आभार.
@balwinder
ReplyDeleteचिट्ठाकारी , चिट्ठाकार
both thse words are not available in any hindi dictionary so how do we check on these
and the link where you were asked about hindi translation of perfection is http://indianwomanhasarrived.blogspot.com/2008/04/blog-post_17.html#comments
गल्तियाँ
is not an hindi word and is not found in any hindi kosh
besides that the mistakes that you have pointed out are not mistakes of vartni but of expression
some mistakes happen due to translation and it happens with everyone
हिंदी चिट्ठाकारी should be hindi bloging
i personally dont like चिट्ठाकारी but i have never asked aalok why he coined it and have never said its wrong
everyone may not be as proficient as you are in hindi but everyone is not a duffer either
Cheque -Check
ReplyDeleteare both used in replacement of each other even in english dictonary
http://dictionary.reference.com/browse/Cheque%20
finding mistakes is too simple in language
संजय बॆगाणी जी आप का सुझाव सर माथे,अभी इसे बना रहा हु, समय कम हे, मेरे ओर मेरे बच्चो के पास इस लिये थोडा थोडा काम कर रहा हू,२,४ दिनो मे पुरा हो जाये गा,आप की एक शिकायत पुरी कर दी, वर्ड-वेरिफिकेशन हटा दिया.
ReplyDeleteरचना जी आप की शिकायत उचित हुई तो चाहे मेरे बारे मे भी हो जरुर प्रकाशित करुगा, लेकिन मर्दो के बिरोध मे ना हो, मे सब की इज्जत करता हु, आप को मेरे से कोइ भी शिकयत हो जरुर बताये,
अनुराग जी जरुर आप की इच्छा पुरी करुगा, थोडे दिन पहले दिनेश राय जी ने भी सलाह दी थी.
चोपडा जी,यह फ़ुल मेरी ही क्यारी(गार्ड्न ) के हे,ओर आप सब का साथ चाहिये, मुझे मार्ग दर्शन करने के लिये.
बलबिन्दर जी सब से ज्यादा गल्तिया तो मेरी ही होती हे, लेकिन मे फ़िर भी आप की शिकायत प्रकाशित कर दुगां.
समीर जी अब आप ने ही मुझे आगे का रास्ता बताना हे .
आखिर मे आप सब का बहुत बहुत हार्दिक धन्यवाद,जब भी कोई गलती हो तो मुझे सचेत जरुर करे.
हालाँकि यह उचित मंच नहीं है, फिर भी मन नहीं माना!
ReplyDeleteव्यक्तिगत आक्षेप के बिना यदि मैने कोई शिकायत उजागर की है, तो उसे अपने पर नहीं लेना चाहिये रचना जी!
वैसे आप ने जो कुछ लिखा है, वह स्वीकार्य है। किन्तु अपभ्रंष और वर्तनी-की-त्रुटि में अन्तर होता है।
चाहे वह
हिन्दी-हिंदी-हिन्दि
गल्तियाँ-गलतियॉ-गलतियां-ग्लतियाँ-गलतीयाँ लिखा गया हो, समझ में तो आ ही जायएगा ना!
लेकिन
हर्ष - हश्र में तो अनर्थ ही होगा! नही?
जरा किसी को पीट कर देखिये, उसका जो हश्र होगा, उसे देखकर आपको हर्ष अनुभव होगा ही।
एक सनम्र निवेदन है कि बजाय गल्तियों में गलतियाँ ढ़ूँढ़ने के, यह हर्ष अनुभव कीजिये कि, आप किसी के अनुभव से कुछ सीख ही रहे हैं।
वैसे हिंदी स्वयं फारसी का शब्द है!
यह कोई व्यक्तिगत आक्रमण नहीं है, आपने मेरा नाम लिया, मैंने आपका।
धन्यवाद आपका, जो मुझे अपने विचार रखने का मौका दिया।
आप किसी के अनुभव से कुछ सीख ही रहे हैं।
ReplyDeletebalwinder kathini aur karni kae anter ko dur karey aap saey yahii aagrah haen .
ham sab apney ko viduaan aur dusro ko bevkoof naa samjhey
naari blog ki mae sutrdhaar hun aur aap kii shikaayat usi blog ko laekar the so spashtikarn dena aavyshak haen . koi bhi manch tabhie saarthk hota haen jab ham dono taraf kae logo ko apna paksh nishpaksh bhaav sae raknhe dae .
@raj bhatia
aap agar manch baayae to yae avshya dhayaan rakhe ki paksh aur vipaksh dono ho aur koi bhi shikaayat /aaksep pramaan kae saath ho agar blog yaa blogger kae baare mae ho taaki kuch virodhaabhaas dur ho sakey
हार्दिक शुभकामनाएं ।
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