8/18/08
कोई मेरी मदद करे e mail
बात यह हे की मेने अपने बांलग पर थोडी बहुत फ़ेर बदल की थी, शायद कही कुछ गलत सेंटिग हो गई हो, पता नही, अब जब भी कोई टिप्ण्णी आती हे तो उस की एक कापी मुझे g mail से मेरे e mail पर भी आती हे, जो थोडे दिन पहले ठीक ठाक आती थी लेकिन दो चार दिनो से ऎसे शव्द जो अजीब से हे , जेसे चिनिस या जापानसी हो, उन शब्दो की मेने यहा कापी की थी तो सब ठीक हो गये, ओर किसी भी मेल पर माउस ले जाउ वहा एक ही व्यक्त्ति का नाम आता हे, जब की मेल पर पता चल जाता हे यह किस की मेल हे, लगता हे मेरे से कही सेंटिग मे गलती हो गई हे, अगर आप मे से कोई मेरी मदद कर सके तो आप का धन्यवाद
10 comments:
नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******
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हो सके तो सैटिंग्स फिर से वैसी ही कर दी जिए ये ऑपशन उसमें हैं।
ReplyDeleteराज जी
ReplyDeleteवैसे मैं बहुत कम जानती हूँ फिर भी आप एक बार सैटिंग पर जाकर टिप्पणियों को ठीक करने का ऑप्शन देख लें। वहाँ कभी -कभी कुछ गलत क्लिक हो जाता है। बाकी जानकार लोग सलाह देंगें। सस्नेह
[रामपुरिया का हरयाणवी ताऊनामा !] New comment on मैं शादì
ReplyDeleteभाटिया जी मेरे साथ ये हो रहा है !
ये भी पिछले ४/५ दिनों से ! कुछ पता लगे
तो ख़बर करना ! कही हरयानावियों के पीछे
ही तो कोई नही लग गया ? क्योंकि मुझसे
पहले टिपणी (नीतीश जी और शोभाजी को )
करने वालों को शायद ये शिकायत नही है !
गुगल कुछ एडवान्समेंट कर रहा है तथा यह समस्या बहुतों को आ रही है, मुझे भी. जल्द ही स्वतः ठीक हो जायेगी. आप कुछ मत करिये. वैसे करना चाहें तो करिये, होयेगा-जायेगा कुछ नहीं. :)
ReplyDeleteab sameer ji ne kah diya to vakai chinta na kare......
ReplyDeleteकृपया पंगा न ले :) यह समस्या अभी अभी मैंने सागर नाहर जी को लिख के भेजी थी बहुत से मेल के साथ यही हो रहा है सो अपने आप ठीक हो जायेगा ..
ReplyDeleteआप सब का धन्यवाद मेरा साथ देने के लिये ओर सही राय देने के लिये
ReplyDeleteहोईहै वही जो गुगल रचि राखा
ReplyDelete:)
जल्द ठीक हो जायगा, अभी गूगल कुछ न कुछ कर ही रहा होगा.....ज्यादातर मेल के साथ यही हो रहा है।
राज जी मुझे लगता है की आपने अपने ब्लॉग से कुछ ज़्यादा ही पंगा ले लिया है. आपके ब्लॉग की भाषा बदलकर शायद जर्मन या पोलिश हो गई है. जहाँ तक रही टिप्पणियों की बात, तो आपके ब्लॉग के डैशबोर्ड पर "settings" में "comments" पर जाइये. उस पन्ने पर सबसे नीचे होगा एक विकल्प जो की आपके ब्लॉग पर होने वाली नई टिप्पणियों को आपको ईमेल कर देता है. बस उसे हटा दें. आपको ऐसे ईमेल फिर नहीं आयेंगे. यदि आप ईमेल चाहते हैं, तो कुछ दिन तक अजीब-अजीब चरित्र दिखेंगे ईमेल के शीर्षक में - यह एक मुश्किल है जो गूगल के एक नए अपडेट से हुयी है. उम्मीद है जल्द ही ठीक कर ली जायेगी :)
ReplyDeleteअनिल जी आज कल मुझे छुट्टियां हे, ओर इस साल कही घुमने भी नही गये, इस लिये सारा दिन बलांग पर खोज बीन करते रहते हे,ओर ऎसी ऎसी जगह पर पहुच गये जहां से अगर एक ‘ बिन्दु भी हट जाये तो बेडा गरक, लेकिन मेरे बेटे ओर मे सारा दिन लगे रहते हे, इस बारे काफ़ी कुछ पता भी चल गया हे,बाप रे जिस ने बनाया होगा उस का कितना दिमाग होगा,
ReplyDeleteआप सब का धन्यवाद