9/28/08
भगवान कृष्ण कलयुग मे
यह कविता मुझे भटकती भटकती मिल गई, तो मेने झट से पकड कर यहां रख दिया. अब आप जेसी भी हे पढ ले ......
हे ! कृष्ण तु सत्य युग मे आया,
एक बार कल युग मे आ के तो दिखा.
तुने १८ साल की उम्र मे कंस को मारा,
अब तु ओसामा को हाथ भी लगा तो मानु.
तुने पुरा पर्वत एक अंगुली पर उठाया,
अब एक नेता की कुर्सी हिला के तो दिखा,
तु ने भरी सभा मे द्रोपती को साडी पहनाई,
मलिका शेरावत को एक जोडी कपडे पहना कर तो दिखा.
हे ! कृष्ण तु सत्य युग मे आया,
एक बार कल युग मे आ के तो दिखा.......
हे ! कृष्ण तु सत्य युग मे आया,
एक बार कल युग मे आ के तो दिखा.
तुने १८ साल की उम्र मे कंस को मारा,
अब तु ओसामा को हाथ भी लगा तो मानु.
तुने पुरा पर्वत एक अंगुली पर उठाया,
अब एक नेता की कुर्सी हिला के तो दिखा,
तु ने भरी सभा मे द्रोपती को साडी पहनाई,
मलिका शेरावत को एक जोडी कपडे पहना कर तो दिखा.
हे ! कृष्ण तु सत्य युग मे आया,
एक बार कल युग मे आ के तो दिखा.......
नाम
कविता कुछ ऎसे भी
16 comments:
नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******
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बड़ा ही शानदार चैलेंज है। मगर कृष्ण एक बार में ही धाप चुके हैं। दुबारा नहीं आने के।
ReplyDeleteआने की सोच भी रहे होंगे तो इतने कठीन काम सुन कर नही आयेंगे।
ReplyDelete.
ReplyDeleteऒऎ भाटिये यार, मुझे तेरे से बड़ी शिकायत है,
इतनी मस्त कविता लेकर आया, और अपने नाम से
चढ़ाया नहीं, कैसा ब्लागर पैदा हुआ है रे तू ?
अब भला कृष्ण क्यों आयेंगे, तेरे जैसे बंदे उनको तो
कन्फ़्यूज़िया ही देंगे, कि हिन्दी ब्लागिंग का सतयुग
चल रहा है । भई, दौड़ के जा और माफ़ी माँग के अपनी
गलती स्वीकार कर ले ...
ईहाँ तो अब्भी आदमयुग ही ख़त्म ना हुआ, कृष्ण क्या
कल्लेंगे ? जिन्दे रह यार बड़ी मस्त कविता लाया है !
मलिका शेरावत को एक जोडी कपडे पहना कर तो दिखा.
ReplyDeleteहे ! कृष्ण तु सत्य युग मे आया,
एक बार कल युग मे आ के तो दिखा.......
सटीक कविता ! आत्मा प्रशन्न हुई ! धन्यवाद !
भूतनाथ का सुबह सुबह प्रणाम ! बहुत आनंदित करने
ReplyDeleteवाली रचना है !
Bhatiaji, lagta hai aap krishna ko dharti par nahin aane dena chahte, isi liye aisa challenge kiya hai. Kuchh bhi ho, ek achha vyangya hai aaj ke halaat par.
ReplyDeleteभाटिया जी
ReplyDeleteबहुत मुश्किल चुनौती दी है आपने कृशन को...मुझे नहीं लगता की वो इसे स्वीकार करेंगे...बहुत अच्छी रचना...मजा आ गया...
नीरज
भाटिया जी, बहुत अच्छी रचना प्रेषित की है।बहुत सही लिखा है जिसने भी लिखा है।बधाई स्वीकारें।
ReplyDeleteकविता पुराणी है तो क्या हुआ बहुत प्यारी है. सस्नेह.
ReplyDeleteतुने पुरा पर्वत एक अंगुली पर उठाया,
ReplyDeleteअब एक नेता की कुर्सी हिला के तो दिखा,
तु ने भरी सभा मे द्रोपती को साडी पहनाई,
मलिका शेरावत को एक जोडी कपडे पहना कर तो दिखा.
वाह क्या बात है। मजा आ गया कविता पढ़कर। इसीलिए तो भगवान कलियुग में अवतार नहीं ले रहे.. जानते हैं कि क्या क्या पापड़ बेलने पड़ेंगे :)
इसीलिए तो-----------
ReplyDeleteआसमां पे है खुदा और जमीं पे हम,
आजकल वो इस तरफ़ देखता है कम।
कृष्ण जी को बडा चेलेंज दे दिया भाई आपने !!अब चलते है चल्ते-चल्ते!!
ReplyDeleteतुने १८ साल की उम्र मे कंस को मारा,
ReplyDeleteअब तु ओसामा को हाथ भी लगा तो मानु.
" ab itnee duhaee dee ja rhee hai Krishna ko, to ab to jmeen pr aana hee hoga"
jai krishna
शानदार लिखा है आपने......
ReplyDeleteThoda Samay lagega lekin bahut jald Krishna Aanewale hain.
ReplyDeleteचेल्लेंज तो अच्छा है पर कृष्ण आपके झांसे में नहीं आने वाले
ReplyDelete