1/3/09
बुझो तो जाने??? जबाब
नमस्कार, मुझे पिछले दो सप्ताह से छुट्टियां है, ओर सभी काम देर से हो रहे है, यानि जब कम समय हो तो सब कुछ सही समय से होता है, ओर जब समय ही समय हो तो कुछ भी नही होता.
यही हाल अब इस पहेली के जबाब के साथ हुआ, दो दिन से सोच रहा हुं, लेकिन आलस ओर बेकार इधर उधर नेट पर मटर गश्ती.
तो चलिये अब चलते है जबाब की ओर ....
यह मुम्बई का CST station..छत्रपति शिवाजी टर्मिनल है ही है. ओर विजेताओ के क्रमश:
पहले विजेता के स्थान पर आये रंजन जी.
दुसरे विजेता के स्थान पर आये सॊरभ कुदेशिया जी
तीसरे विजेता के स्थान पर आये शुभम आर्य जी.
चोथे विजेता के स्थान पर आये सुरेश चिपलुंकर जी
पांचवे विजेता के स्थान पर आये दिनेशराय द्विवेदी जी
छठे विजेता के स्थान पर आई अल्पना वर्मा जी
सातंवे विजेता के स्थान पर आई सीमा गुप्ता जी.
आठंवे विजेता के स्थान पर आये डी के शर्मा जी"वत्स"
नोवे विजेता के स्थान पर आये प्रवीण शर्मा जी
दंसवे विजेता के स्थान पर आये गिल्दुर जी
ग्यारवे विजेता के स्थान पर आये मोहन वशिष्ठ जी.
बारहवे विजेता के स्थान पर आये कोई नही जी
सभी विजेताओ को बधाई
ओर साथ देने ओर हमारा होसला बधाने आये साथी भी इस प्रकार है...
पी एन सुब्रमन्याम साह्ब जी ने कोशिश की, साथ मै नये साल की बधाई भी दी , फ़िर वर्षा जी आई ओर वो ज्यादा दुर नही गई बस लखनऊ जा कर रुक गई.फ़िर संजय जी आये नये साल की बधाई के साथ ही उन्होने कहा की उन्हे बायिं ओर लगाया "मुझे शिकायत है" अच्छा लगा.धन्यवाद, फ़िर महक जी आई ओर वो सीधी ताज मै चली गई, ना बाबा ना बहुत महगां है, मोहन जी ने बहुत ही सुंदर शब्दो मे नये साल की बधाई दी, धन्यवाद,अर्विन्द जी भी मेसूर पेलेस चले गये, अरे बाबा यह सब महंगे है,मोहन जी भी भटकते भटकटे ताज होटल मै पहुच गये, अजी खाओ पियो जब बिल आयेगा तो पता चलेगा,
अरे बोला ना अर्विन्द जी का जबाब गलत है , फ़िर भी तरुश्री शर्मा जी अर्विन्द जी की हां मे हां मिला कर अपना जबाब भी गलत कर बेठी,अरे मीत जी आप भी ना भाई ताज मंहगा है, अरे बहुत महंगा है, मत जायो,यह लो प्रवीण त्रिवेदी..प्राइमरी के मास्टर जी भी जा रहे है ताज मै ओर साथ मे अर्श जी भी
लगता है आज फ़्री मै खाना मिल रहा है, तो भाईयो ठहरो मै अपने साथ साथ प्रकाश बादल जी,मीत जी
ओर डा भावाना जी ओर विनय जी को भी ले आता हुं.
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद, मेरा साथ देने का मिलते है अगली पहेली मै, आप सब को नये साल की शुभकामानऎ.
गलती से किसी का नाम रह गया हो तो माफ़ी चाहुगां, मुझे याद दिला दे, मै शा मिल कर दुगां
यही हाल अब इस पहेली के जबाब के साथ हुआ, दो दिन से सोच रहा हुं, लेकिन आलस ओर बेकार इधर उधर नेट पर मटर गश्ती.
तो चलिये अब चलते है जबाब की ओर ....
यह मुम्बई का CST station..छत्रपति शिवाजी टर्मिनल है ही है. ओर विजेताओ के क्रमश:
पहले विजेता के स्थान पर आये रंजन जी.
दुसरे विजेता के स्थान पर आये सॊरभ कुदेशिया जी
तीसरे विजेता के स्थान पर आये शुभम आर्य जी.
चोथे विजेता के स्थान पर आये सुरेश चिपलुंकर जी
पांचवे विजेता के स्थान पर आये दिनेशराय द्विवेदी जी
छठे विजेता के स्थान पर आई अल्पना वर्मा जी
सातंवे विजेता के स्थान पर आई सीमा गुप्ता जी.
आठंवे विजेता के स्थान पर आये डी के शर्मा जी"वत्स"
नोवे विजेता के स्थान पर आये प्रवीण शर्मा जी
दंसवे विजेता के स्थान पर आये गिल्दुर जी
ग्यारवे विजेता के स्थान पर आये मोहन वशिष्ठ जी.
बारहवे विजेता के स्थान पर आये कोई नही जी
सभी विजेताओ को बधाई
ओर साथ देने ओर हमारा होसला बधाने आये साथी भी इस प्रकार है...
पी एन सुब्रमन्याम साह्ब जी ने कोशिश की, साथ मै नये साल की बधाई भी दी , फ़िर वर्षा जी आई ओर वो ज्यादा दुर नही गई बस लखनऊ जा कर रुक गई.फ़िर संजय जी आये नये साल की बधाई के साथ ही उन्होने कहा की उन्हे बायिं ओर लगाया "मुझे शिकायत है" अच्छा लगा.धन्यवाद, फ़िर महक जी आई ओर वो सीधी ताज मै चली गई, ना बाबा ना बहुत महगां है, मोहन जी ने बहुत ही सुंदर शब्दो मे नये साल की बधाई दी, धन्यवाद,अर्विन्द जी भी मेसूर पेलेस चले गये, अरे बाबा यह सब महंगे है,मोहन जी भी भटकते भटकटे ताज होटल मै पहुच गये, अजी खाओ पियो जब बिल आयेगा तो पता चलेगा,
अरे बोला ना अर्विन्द जी का जबाब गलत है , फ़िर भी तरुश्री शर्मा जी अर्विन्द जी की हां मे हां मिला कर अपना जबाब भी गलत कर बेठी,अरे मीत जी आप भी ना भाई ताज मंहगा है, अरे बहुत महंगा है, मत जायो,यह लो प्रवीण त्रिवेदी..प्राइमरी के मास्टर जी भी जा रहे है ताज मै ओर साथ मे अर्श जी भी
लगता है आज फ़्री मै खाना मिल रहा है, तो भाईयो ठहरो मै अपने साथ साथ प्रकाश बादल जी,मीत जी
ओर डा भावाना जी ओर विनय जी को भी ले आता हुं.
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद, मेरा साथ देने का मिलते है अगली पहेली मै, आप सब को नये साल की शुभकामानऎ.
गलती से किसी का नाम रह गया हो तो माफ़ी चाहुगां, मुझे याद दिला दे, मै शा मिल कर दुगां
नाम
पहेली
10 comments:
नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******
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जीतने वालों को बधाई, अब अगली पहेली फ़टाफ़ट पूछ डालिए! कहिए तो मैं एक चित्र दूँ :
ReplyDeleteज़रा इसपर गौर करें:http://picasaweb.google.com/lh/photo/mRX1xgzyDX4UWFztzBK-hw?authkey=SoErojEolN8&feat=directlink
अथवा
http://lh4.ggpht.com/_qOS6JBnOtBA/SV-22CdYYqI/AAAAAAAAAPU/b98pJ6gkIME/who-am-i.jpg
हिन्ट: कालरा
--हाँ ,Raj Sir ji यह भी सही है--जब समय कम होता है तब ज्यादा अच्छे से कार्य योजनायें बन जाती हैं.
ReplyDelete--सभी विजेताओं को बधाई.
--आप को और परिवार में सभी को नए साल की ढेर सारी शुभकामनायें!
आप सही कहते हैं, अवकाश में नियमित दिनचर्या गड़बड़ा जाती है।
ReplyDeleteभाटिया जी, सुप्रभातम
ReplyDeleteसभी विजाताओं को बधाई
विजेताओं को घणी बधाई जी. हमारे तो कमेन्ट ही नही जारहे थे आपके ब्लाग पर, वर्ना पहले विजेता तो हम ही होते. खैर अगली बार ट्राई मारते हैं.
ReplyDeleteरामराम.
सभी विजेताओं को बधाई। वैसे भाटिया साहब माफ करना आलस्य की भी हद होती है दिन में ज्यादा नहीं तो हजारों बार ब्लाग पर आए अपना नाम विजेताओं में देखने के लिए खैर कोई बात नहीं अब अगली पहेली डाल ही दो और जो लिंक विनय जी बता रहे हैं वो ठीक है किसी को पता भी नहीं चलेगा हा हा हा
ReplyDeleteक्या भाटिया जी केसी केसी बात कर रहे हो क्या आपने समीर जी की पोस्ट नहीं पढी अरे उनसे गुर सीखो खाने पीने के बाद बिल भी ना चुकाओ दो झाड भी मारो और लेकर वेटर से मैनेजर तक हाथ जोडेंगे और सॉरी बोलेंगे
ReplyDeleteकॉफी आई तो आम ठेलों की तरह हमारा हाथ स्वतः ही वेटर की तरफ बढ़ गया आदतानुसार कप लेने के लिए और वो उसके लिए शायद तैयार न रहा होगा तो कॉफी का कप गिर गया हमारे सफेद बेलबॉटम पर. वो बेचारा घबरा गया. सॉरी सॉरी करने लगा. जल्दी से गीला टॉवेल ला कर पौंछा और दूसरी कॉफी ले आया. हम तो घबरा ही गये कि एक तो पैर जल गया, बेलबॉटम अलग नाश गया और उस पर से दो कॉफी के पैसे. मन ही मन जोड़ लिए. सोचे कि टिप नहीं देंगे और पैदल ही चर्चगेट चले जायेंगे तो हिसाब बराबर हो जायेगा. अबकी बारी उसे टेबल पर कप रख लेने दिये, तब उसे उठाये.
बाद में उसने फिर सॉरी कहा और बताया कि कॉफी इज ऑन द हाऊस. यानि बिल जीरो. आह!! मन में उस वेटर के प्रति श्रृद्धाभाव उमड़ पड़े. कोई और जगह होती तो पैर छू लेते मगर फाईव स्टार. टिप देने का सवाल नहीं था क्यूँकि नुकसान हुआ था सो अलग मगर जीरो का १०% भी तो जीरो ही हुआ. तब क्या दें?
http://udantashtari.blogspot.com/2008/12/blog-post_11.html
लो चुक गया बिल अब जाओ आराम से घर
सभी विजेतावों को बधाई के साथ नव वर्ष की मंगलकामना ...
ReplyDeleteविनय भाई चलिये भेज दो पुरी डिटेल के साथ, मेरे मेल के पते पर, फ़िर हम पुछ लेगे.
ReplyDeleteहां अगर आप लोगो के पास ऎसे चित्र, या कोई अलग सा सवाल हो , जो पहेली के रुप मे पुछा जा सके तो मुझे मेरे इ मेल से भेज दे. धन्यवाद
सभी विजेताओ को बधाई
ReplyDeleteregards