3/9/09
ऐसी महिलाएँ जो ज़ुल्म के सामने नहीं झुकीं
इसे कहते है असली हक , ओर जुल्म से लडना, काश आज की नारी ऎसी बातो के बिरुध एक जुट हो कर लडती तो सारा समाज उस के संग चले, पुरी खबर पढने के लिये यहां चट्का लगाये
7 comments:
नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******
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भंवरी कहती हैं "सरकार से मुझे कोई न्याय नहीं मिला, लेकिन भगवान ने मेरी मदद की. मुझे खुशी है की जो बीड़ा मैंने उठाया था मैं उसमें कामयाब रही."
ReplyDeleteऐसे ही विचार जो आपबीती से जन्म लेते हैं , हमें सोचने पर मजबूर करते है की शायद लोकतांत्रिक सर्कार की परिभाषा कुछ इस तरह से होनी चाहिए............." गलत लोग द्वारा, गलत लोगो के लीये गलत लोगो की सरकार"
वास्तविक न्याय तो समय के साथ प्रकृति ही करती है.
जुल्मों के विरोध की ऐसे दास्तानों का प्रचार तो होना ही चाहिए, इसे हमारी गौरव गाथा का नाम दिया जे तो उत्तम रहेगा.
होली के इस शुभ अवसर पर आपको हमारी हार्दिक शुभकामनाये.
sahi hai,uparwali tippani se sehmat,holi ki bahut badhai
ReplyDelete" hatts off to them" really appreciable.
ReplyDeleteRegards
bhavanri kahti hai--अब बहुत बदलाव आया है. औरतों में शक्ति का संचार हुआ है.--sach kahti hai..
ReplyDeleteaise aur bhi kayee kissey haal hi mein sunNe ko miley hain jin mein ek ladaki ko zee Tv 'shabash india 'mein- sammanit bhi kiya gaya tha--us ka naam tha 'kongress!'
yah achcha sanket hai..mahilaon ki jaagrukta ka.
aabhaaar
अच्छा समाचार पढाया ...बहुत खुशी हुई इन महिलाओं के बारे में पढकर ... होली की ढेरो शुभकामनाएं।
ReplyDeleteहोली की शुभकामनायें । इस लिंक के लिये धन्यवाद ।
ReplyDeleteऐसी महिलाओं को मेरा सलाम ओर राज भाई आपका जानकारी देने के लिए आभार।
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