7/2/09

, नया टब ( विंडो ) केसे खोले ??

कई बार मै नयी पोस्ट लिखता हू, तो मुझे उस समय कई बार याद आता है कि मेने उस ब्लांग का लिंक इस मै डलाना था, लेकिन अब तो आधी पोस्ट लिख चुका ? अब केसे लाऊ उस लिंक को, या तो फ़िर इस पोस्ट (अधुरी) को सेफ़ करे फ़िर ब्लांग पर जाये फ़िर लिंक ढुंढे फ़िर उस की कापी करे फ़िर वपिस आये, फ़िर से अधुरा लेख खोले.... अरे बाबा बडा काम है , है ना,
कई बार हमे कोई नया ब्लांगर टिपण्णी देता है, ओर फ़िर हम उस टिपण्णी के पीछे जाते है,ओर उन को भी बदले मै टिपण्णी दी, ओर उस का tab (ब्लांग ) बन्द कर दिया, लेकिन यह कया हम तो अपना ब्लांग भी भुल गये थे, सो हमारा ब्लांग भी साथ मै बन्द !!! अरे बाबा बडी मुश्किल है फ़िर से लांगिन करो, फ़िर से अरे बडा झंझट है,

ओर भी ऎसी कई मुश्किले हमे अकसर आती है,ओर हम भटकते भटकते कई बार कहां से कहा पहुच जाते है, क्या इस का कोई इलाज है ? अजी है ना ? ओर आप के राईट हाथ मै ही है, अजी आप के इस मुऎ माउस मै, शायद आप को मालुम नही, चलिये हम बताते है, हमे हमारे बेटो ने बताया था.

आप अपने ब्लांग पर है, ओर आप ने नया (tab) पेज खोलना है, किसी की टिपण्णी का जबाब देना है, तो आप सब से पहले अपने माऊस को उस टिपण्णी पर ले जाये, फ़िर उस टिपण्णी पर जा कर माऊस का बीच वाला पहिया दबा दे, देखा खुल गया नया पेज, ओर आप का ब्लांग भी है, यानि आप अपने ब्लांग से भी नही निकले.

अगर आप के पास लेपटाप है, ओर आप माउस को काम मै नही लाते तो कोई बात नही फ़िर आप नये (tab) पेज खोलने के लिये Ctrg के साथ T दबाये, यह बिधि आप पीसी पर भी कर सकते है.

यह कोई नयी बात नही लेकिन कई मेरे जेसे लोगो को पता नही होता,मै कई बार पोस्ट लिखते समय कोई लिंक लाना चाहता तो , अलग से पेज खोलने पर लांगिन्नही होता था, इस लिये लम्बा चक्कर लगाता , अब उसी पेज पर रहता हुं ओर नया पेज भी खोल लेता हुं, सथ मै लांगिन की भी दिक्कत नही.

तो बताईये केसा लगा यह सब.मै कोई स्पेशल नही बस मुझे पता चला तो आप से बाटने चला आया, कहते है ना हमे अपनी खुशिया ओर जानकारियां बांटनी चाहिये इस लिये
धन्यवा्द

12 comments:

  1. अरे वाह, इसे कहते हैं अनजाने में हुआ आविष्‍कार।

    -Zakir Ali ‘Rajnish’
    { Secretary-TSALIIM & SBAI }

    ReplyDelete
  2. आपने ने तो गजब की जानकारी दी . आभार.

    ReplyDelete
  3. बढिया जानकारी .. आभार !!

    ReplyDelete
  4. वाह जी आज भी बहुत ज्ञानपरक जानकारी दी आपने. सचमुच मुझे आज ही मालूंम पडा. वैसे मैं क्रोम इसीलिये युज करता हूं कि उसमे एक ही ब्राऊज्जर अनेक टेब अपने आप खुलते जाते हैं.

    रामराम.

    ReplyDelete
  5. मेरे शव्दो मे कही कही जर्मन शव्द घुस जाते है जिस के लिये माफ़ी चाहूंगा क्योकि हमारा सारा काम जर्मन मै ही होता है, हिन्दी फ़ोन पर या फ़िर ब्लांग पर, घर पर पंजाबी चलती है, ओर यह मुई अग्रेजी तो बिलकुल भी नही, इस लिये अगर कोई शव्द जर्मन का लिख दूं ओर आप लोगो को समझ ना आये तो मुझे जरुर बताये, जब कि मुझे नही पता चलता.

    ReplyDelete
  6. वाह्! भाटिया जी, बहुत ही कमाल की जानकारियाँ दे रहे हैं!!!!! सचमुच हमारे लिए तो ये बहुत काम की जानकारी है। बेटे को हमारा धन्यवाद दीजिएगा......

    ReplyDelete
  7. आभार जानकारी का!!

    ReplyDelete
  8. क्या बात है राज साहब !
    आपके साहबज़ादे तो कमाल के तिलिस्म तोड़ते हैं जी। अजी क्यों ना हम सब ब्लागर मिलकर उन्हें अपना टेक्निकल एड्वाइज़र नियुक्त कर लें। हा हा।
    वाक़ई काम की बातें बतलाईं आपने सर। बहुत आभार इनके लिए।

    ReplyDelete
  9. बवाल साहब जी आप को पी सी ओर इंट्रनेट पर केसी भी प्रोब्लम हो, एक बार बताये सही, अगर मेरे बच्चो के पास समय हुआ तो चुटकियो मे हल कर देगे, लेकिन पढाई की वजह से उन के पास समय कम होता है, फ़िर भी मेरी सारी मदद करते है इस ब्लांग को सेट करने के लिये, ओर सारी दिक्कते दुर करने के लिये.
    धन्यवाद

    ReplyDelete
  10. वाह भाटिया जी ये पोस्ट तो मेरी नज़र सी रह ही गयी थी खैर देर आये दुरुस्त आये आभार्

    ReplyDelete

नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******

Note: Only a member of this blog may post a comment.

मुझे शिकायत है !!!

मुझे शिकायत है !!!
उन्होंने ईश्वर से डरना छोड़ दिया है , जो भ्रूण हत्या के दोषी हैं। जिन्हें कन्या नहीं चाहिए, उन्हें बहू भी मत दीजिये।