मजा आ रहा है ना आप सबको
ये खेल है ही इतना मजेदार
ये खेल हम जब छोटे-छोटे थे तो लगभग रोज रात को खेला करते थे। उस समय टेलीविजन जैसे साधन हमारे पास नही थे। रात को बिजली का गुल हो जाना नियमित था। तो हम सब बच्चे छतों पर और मुंडेरों पर बैठ कर खेला करते थे। मैं मेरी दो दीदीयां और मेरा छोटा भाई हम चारों एक साईड और मेरी सबसे बडी दीदी (उम्र में मुझसे करीबन 7-8 वर्ष बडी हैं) दूसरी तरफ अकेली होती थी। फिर भी हम उनसे रोज हारते थे।
इस खेल को कभी भी, कहीं भी, कितने भी लोग बिना किसी साधन के खेल सकते हैं। इतने मजेदार खेल को इस भागम-भाग भरी जिन्दगी में हम लोग तो भूलने लगे थे। किसी ने सोचा भी नही होगा कि अन्ताक्षरी को ऐसे आनलाईन भी खेला जा सकता है, इस अनूठे प्रयोग के लिये हम सब श्री राज भाटिया जी का हार्दिक धन्यवाद करते हैं कि उन्होंनें हम सबके लिये इतना बढिया खेल शुरू किया है।
और आप सबका हम दिल से शुक्रिया अदा करते हैं कि आप इस खेल में भाग लेने के लिये बार-बार रिफ्रेश और रिलोड करते हैं।
लेकिन हम उस के बाद प्रकाश गोविंद जी के संग काफ़ी देर खेलते रहे, बहुत मजा आया, आप मै से सभी लोग कभी भी किसी भी समय अपने साथी बना कर या जो लाईन पर हो खेल सकते है, समय तो सिर्फ़ नियम बनाने के लिये ही रखा है, वेसे सारा समय ब्लांग खुला है खेलने के लिये, धन्यवाद
तो शुरु करे आज की आंतक्षरी....
तू प्यार का सागर है,
तेरी एक बून्द के प्यासे हम,
तेरी एक बून्द के प्यासे हम,
तो शुरू करे...
"मतलब निकल गया तो पहचानते नहीं,
ReplyDeleteयूं जा रहे हैं, जैसे हमें जानते नहीं।'
'ह'
हँसता हुआ नूरानी चेहरा
ReplyDeleteकाली ज़ुल्फ़ें रंग सुनहरा
रा****
हम प्यार में जलने वालों को
ReplyDeleteचैन कहाँ आराम कहाँ
'ह'
हंगामा है क्यूँ बरपा थोड़ी सी जो पी ली है
ReplyDeleteडाका तो नहीं डाला चोरी तो नहीं की है
है**
हम तो तेरे आशिक हैं सदियों पुराने चाहे तू माने चाहे न मान
ReplyDelete--*न* पर्
बहुत
ReplyDeleteकान प्युजन है अवधिया साहब , ह से तो रंजना जे बोल गई चलो उसी कड़ी को आगे बढ़ता हूँ ...राजा की आयेगी बरात रंगीली होगी रात
मगन मै नाचूंगी....
"गी "
नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए
ReplyDeleteबाकी जो बचा था काले चोर ले गए
सही में कनफूजन है ....
ReplyDeleteगा दीवाने झूम के
रात की ज़ुल्फ़ें चूम के
दिल भी है दिलदार भी है
मौसम भी है प्यार भी है
न तुम हमें जानो न हम तुम्हे जाने
ReplyDelete'न "
ना तुम हमें जानो ना हम तुम्हें जानें
ReplyDeleteमगर लगता है कुछ ऐसा मेरा हमदम मिल गया
'य'
(गोदियाल जी आप के लिये गीत
गीत गाता हूँ मैं गुनगुनाता हूँ मैं
आप पीछे रह गये इसलिये 'य' से)
गीत गता चल ... ओ साथी गुनगुनाता चल .........
ReplyDeleteल
यारा ओ यारा इश्क़ ने मारा
ReplyDeleteहो गया मैं तो तुझ में तमाम
दे रहें सब मुझे तेरा नाम
मैं बेनाम हो गया
सब गड़बड़ कान फुजन अब कौन लिख रहा है जी :)
ReplyDeleteyaari hai imaan mera yaar meri jindagi
ReplyDelete"ga" se ...
लगी ना छूटेगी प्यार में बालमा
ReplyDeleteजो कर सके कर ले बैरी जहाँ
'ह'
हमारे गाँव कोई आएगा ... प्यार की डोर से बांध जाएगा .....
ReplyDeleteगा
हंसने की चाह ने इतना मुझे रुलाया है
ReplyDeleteकोई हमदर्द नहीं, दर्द मेरा साया है
गाता रहे मेरा दिल
ReplyDeleteतू ही मेरी मंजिल
कहीं बीते ना ये रातें कहीं बीते ना ये दिन
'न'
ना ना करते प्यार तुम्ही से कर बैठे !
ReplyDeleteकरना था इनकार मगर इकरार तुन्ही से कर बैठे!!
!!ठ!!
ReplyDeleteठाढे रहियो ओ बांके लाल रे ठाढे रहियो !!
ReplyDelete'य' से कहें !!
यम्मा यम्मा ये खूबसूरत समां
ReplyDeleteआज की रात है जिन्दगी कल हम कहां तुम कहां
'ह'
हंसते-हंसते कट जायें रस्ते,
ReplyDeleteजिन्दगी यूं ही चलती रहे ।
'ह'
हमने तुमको देखा, तुमने हमको देखा कैसे
ReplyDeleteहम तुम सनम सातों जनम मिलते रहे हों जैसे
'स'
संदेशे आते हैं, हमें तड़पाते हैं ।
ReplyDelete'ह'
हम थे जिनके सहारे !
ReplyDeleteवो हुए ना हमारे !
डूबी जब दिल की नैया सामने थे किनारे!!!
राम करे ऐसा हो जाए
ReplyDeleteमेरी निंदिया तोहे मिल जाए
मैं जागूँ, तू सो जाए ।
'ए'
ए दिल है मुस्किल है जीना यहाँ|
ReplyDeleteज़रा बचके ज़रा हट के ये बोम्बे मेरी जां|
"न"
एक मैं और एक तू है
ReplyDeleteऔर हवा में जादू है
'ह'
अरे देर हो गई
ReplyDeleteन से गाना था
ना-ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे
ReplyDeleteकरना था इन्कार मगर इकरार तुम्हीं से कर बैठे
'ठ"
अब देखते हैं कौन आता है 'ठ' से गाना गाने
ReplyDeleteहाले दिल यूं उन्हें सुनाया गया ,आँख ही को जुबान बनाया गया
ReplyDeleteय से आगे की पंक्ति
कहां गये भईया प्रकाश गोविन्द जी
ReplyDeleteविधू जी 'ठ' से गाईये
ReplyDeleteantar sohil ji pahle upar ke gaane dekh to lijiye THade rahiyo pahlee aa chukaa hai!!!
ReplyDeleteuske baad shrankhlaa badh tarike se aataa jaraha hai "N"
ReplyDelete@मुरारी पारिक जी
ReplyDeleteक्षमा कीजियेगा
आप भी कृप्या देखिये मैनें 'न' से ही गाया है और उस गाने का अंतिम अक्षर है 'ठ'
प्रणाम
अब तो लगता है श्री राज भाटिया जी का इंतजार करना पडेगा
ReplyDeleteआप लोग जिन्हें 'ठ' से गाना या भजन याद नही आ रहा है
ReplyDeleteकृप्या टिप्पणी जरूर करें
"हार गये" या "नहीं पता" लिखें
प्रणाम
ठण्डे- ठण्डे पानी से नहाना चाहिये
ReplyDeleteगाना आये या न आये गाना चाहिये ।
अगला गाना 'य' से…………………
bhajan-thumak chalat ramchndr bajat painjaneeya...
ReplyDeletegana-
-thandi hawayen lahra ke aayen---
ये दुनिया ये महफिल मेरे काम की नहीं
ReplyDelete'ह'
कभी-कभी जब लोगों को मालूम होता है तो भी वो गाना गाने से बचते हैं। इस लिये मैनें थोडा सा पिंच किया था।
ReplyDeleteआप सबसे क्षमाप्रार्थी हूं।
देखा अब अल्पना जी ने दो-दो लिख दिये। हा-हा-हा
हमने देखी है इन आँखो की महंकती खुश्बू
ReplyDeleteहाथ से छू के इसे रिश्ते का कोई नाम न दो
अगला शब्द 'द'
दे दे प्यार दे प्यार दे रे हमें प्यार दे
ReplyDeleteदुनिया वाले कुछ भी बोलें हम हैं प्रेम दीवाने
दे दे प्यार दे
'द'
दिल की गिरह खोल दो चुप न बैठो कोई गीत गाओ ।
ReplyDeleteशब्द 'अ'
aa chal ke tuze main leke chaloo, yek ayese gagan ke talen
ReplyDeletejahaa gam bhee naa ho, aansoo bhee naa ho, bas pyaar hee pyaar palen
"ae"
आप यूँ ही अगर हमसे मिलते रहे
ReplyDeleteदेखिए एक दिन प्यार हो जाएगा
आ: ऐसी बातें न कर ऐ हसीं जादूगर
मेरा दिल तेरी नज़रों में खो जाएगा
"ग" से...
अरे सब कहां गये जी मुझे कल से समय नही होगा इस लिये आओ आज खेले
रेखा प्रहलाद जी
ReplyDeleteके गाने का अंतिम अक्षर 'ल' होता है (प्यार पलें)
राज जी कृप्या 'ल' से गाईये
लाखों तारे आसमान में, एक मगर ढूँढे ना मिला
ReplyDeleteदेखके दुनिया की दीवाली, दिल मेरा चुपचाप जला
"ल"
लाल लाल होठवा से बरसे से ललइया कि रस चुएला।
ReplyDeleteल से
लाख छुपाओ छुप न सकेगा राज हो कितना गहरा
ReplyDeleteदिल की बात बता देता है, असली नक़ली चेहरा
"र" से
रहें ना रहें हम महका करेंगें
ReplyDeleteबनके कली, बनके सबा बाग-ए-वफा में
'म'
मुहब्बत की राहों में
ReplyDeleteचलना सम्भल के
यहाँ जो भी आया
गया हाथ मल के
"क" से
कभी न कभी कोई न कोई तो आयेगा अपना मुझे बनयेगा --
ReplyDelete*ग* पर्
किसी पत्थर की मूरत से मोहब्बत का इरादा है
ReplyDeleteपरस्तिश की तमन्ना है इबादत का इरादा है
'ह'
हम लाए हैं तूफ़ान से कश्ती निकाल के
ReplyDeleteइस देश को रखना मेरे बच्चों सम्भाल के
"क"
अरे गा से गाना हे
ReplyDeleteगुज़रा हुआ ज़माना, आता नहीं दुबारा
ReplyDeleteहाफ़िज़ खुदा तुम्हारा
"र"
रामा रामा गजब हुई गवा रे
ReplyDeleteहाल हमरा अजब हुई गवा रे
रामा रामा ...
रात कली एक ख्वाब में आयी और गले का हार बनीं !!
ReplyDeleteमैं ना भूंलूंगा
ReplyDeleteइन रस्मों को इन कसमों को इन रिश्ते-नातों को
मैं ना भूलूंगा
'ग'
रंजना जी
ReplyDelete'र' से गाना गाना है या 'म' से
'न' से
ReplyDeleteओह सॉरी .. अंतर सोहिल जी और रंजना भाटिया जी आपलोग खेलें .. मैने ऐसे ही लिख दिया था !!
ReplyDeleteअजी रंजना जी की कडी सही चल रही है फ़िर अन्तर जी की यानि अब ग** से
ReplyDeleteनाचे मन मोरा, मगन, धीगधा धीगी धीगी/
ReplyDeleteबदरा घिर आये, रुत है भीगी भीगी
गी**
संगीता जी यूँ ही सब आते रहेंगे आप भी लिखे
ReplyDeleteसंगीता जी चलिये अईये खेले
ReplyDeleteगाये जा गीत मिलन के तु अपनी लगन के
ReplyDelete"क" से
आदरणीय संगीता जी
ReplyDeleteक्षमा कीजिये
रामा-रामा वाले गाने में कन्फयूजन हो गया था
आप कहां चले गये, अब आपको गाना है
अरे कोई बात नहीं .. सब ठीक है !!
ReplyDeleteकई बार यूं ही देखा है
ReplyDeleteये जो मन की सीमा रेखा है
मन तोड़ने लगता है
अन्जानी प्यास के पीछे
अन्जानी आस के पीछे
मन दौड़ने लगता है
है ***
कभी तेरा दामन ना छोडेंगे हम ,
ReplyDeleteचाहे जमाना करे लाखों सितम .. हाय !!
'य' से
या दिल की सुनो दुनियावालो
ReplyDeleteया मुझको अभी चुप रहने दो
मैं ग़म को खुशी कैसे कह दूँ
जो कहते हैं उनको कहने दो
दो**
(दुनिया बनाने वाले, क्या तेरे मन में समाई
ReplyDeleteकाहेको दुनिया बनाई, तूने काहेको दुनिया बनाई
"इ"
इमली का बूटा बेरी को बेर इमली खट्टी मीठे बेर चल घर जल्दी हो गयी देर !!
ReplyDeleteरंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिये आ
ReplyDeleteआ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिये आ
आपके पहलु मैं आकर रो दिए दास्ताने गम सुनाकर रो दिए !!!
ReplyDelete"अ "
इचक दान बिचक दान दाने उपर दाना इचक दाना...
ReplyDeleteनगमें हैं शिकवे हैं किस्से हैं बातें हैं
ReplyDeleteबातें भूल जाती हैं यादें याद आती हैं
hamne tumko pyaar kiyaa hai jitnaa kaun karegaa utnaa|
ReplyDelete"n"
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ReplyDeleteनैनों में बदरा छाए, बिजली सी चमके हाए
ReplyDeleteऐसे में बलम मोहे, गरवा लगा ले
"ल"
लायी कहाँ ऐ ज़िंदगी, है सामने मंज़िल मेरी
ReplyDeleteफिर भी मंज़िल तक मैं जा न सकूँ
सपनों की दुनिया पा न सकूँ
लायी कहाँ ऐ ज़िंदगी ...
लो आ गयी उनकी याद वो नहीं आये !
ReplyDelete"य"
लाल छ्डी मैदान खडी क्या खुब लड़ी..
ReplyDelete"ड़"
गीत गाता हूँ मैं गुनगुनात हूँ मैं मैंने हँसे का वादा किया था कभी, इसलिए अब सदा मुस्कुराता हूँ मैं|
ReplyDelete"म"
गुज़रे हैं आज इश्क़ में हम उस मक़ाम से
ReplyDeleteनफ़रत सी हो गई है मुहब्बत के नाम से
स**
म** ओ के
ReplyDeleteमेरे दुश्मन तू मेरी दोस्ती को तरसे
ReplyDeleteमुझे ग़म देने वाले तू खुशी को तरसे
स**
सो गया ये जहां
ReplyDeleteसो गया आसमां
सो गई हैं सारी मंजिलें
सो गया है रस्ता
'त'
तुम्हें याद करते करते जाएगी रैन सारी
ReplyDeleteतुम ले गये हो अपने संग नींद भी हमारी
"र"
तसवीर बनाता हूँ, तसवीर नहीं बनती, तसवीर नहीं बनती
ReplyDeleteएक ख्वाब सा देखा है, ताबीर नहीं बनती, तसवीर नहीं बनती
राह बनी ख़ुद मंज़िल पीछे रह गए मुश्किल
ReplyDeleteसाथ जो आए तुम
राह बनी ख़ुद मंज़िल ...
तू कहां !ये बता इस नशीली रात में,
ReplyDeleteमाने ना मेरा दिल दिवाना, हाय, माने ना मेरा दिल दिवाना।
"न"
लो आ गई उनकी याद
ReplyDeleteवो नही आये
'य'
या दिल की सुनो दुनियावालो
ReplyDeleteया मुझको अभी चुप रहने दो
मैं ग़म को खुशी कैसे कह दूँ
जो कहते हैं उनको कहने दो
"द"
antar sohil ji ye gana aa chukaa!!! ha..ha..
ReplyDeleteशर्मा जी थोडा जल्दी से...
ReplyDeleteduniyaan se duniyaawaloon se hum aaj bagaawat karte hain tumse mohbbat karte hain
ReplyDelete"h"
लल्ला लल्ला लोरी दूध की कटोरी
ReplyDeleteदूध में बताशा लल्ला करे तमाशा
'श' या 'स'
दोबारा पीछे आ गये जी अगर 'ल' से किसी ने ना गाया हो तो यह माना जाये
मुरारी जी
ReplyDeleteधन्यवाद गलती बताने के लिये
"H"
ReplyDeleteहम तुम से जुदा हो के मर जायेंगें रो-रो के
ReplyDelete'क'
आने-जाने वालों को मेरा प्रणाम
ReplyDeleteअब मुझे चलना है जी
ट्रेन पकडनी है घर जाने के लिये
'य'
क्या से क्या हो गया
ReplyDeleteबेवफ़ा तेरे प्यार में
चाहा क्या क्या मिला
बेवफ़ा तेरे प्यार में
"म"
देखते हैं 'य' से कौन बकरा बन के गाता है
ReplyDeleteहा-हा-हा-हा-हा
अजी 'य' से नही गाना है
just joking
चलिये कल मिलते है राम राम ओर धन्यवाद
ReplyDeleteले के पहला-पहला प्यार, भर के आंखों में खुमार, जादू नगरी से आया है कोई जादूगर।
ReplyDelete"र"
शर्मा जी कडी से कडी मिलाये जनाब
ReplyDeleteमैं आशिक़ हूँ बहारों का
फ़िज़ाओं का नज़ारों का
मैं मस्ताना मुसाफ़िर हूँ
जवां धरती के अंजाने किनारों का
अब "क" से
kaun aayaa ki ngaahon me khanak jaag uthi!!
ReplyDelete"Th"
थोडा सा ठहरो, करती हू तुम से वादा, पुरा होगा तुम्हारा इरादा.
ReplyDelete"द"
दो दिल टूटे दो दिल हारे,दुनिया वालो सदके तुम्हारे....
ReplyDelete"र"
रोका कई बार मैंने दिल की उमंग को
ReplyDeleteक्या करूं मैं अपनी निगाहों की पसंद को
"क"
राज जी वैसे आपको शायद "ठ" से गाना था....
ReplyDeleteठंडे-ठंडे पानी से नहाना चाहिये... गाना आये या ना आये गाना चाहिये...
"य"
ये है रेशमी, ज़ुल्फ़ों का अन्धेरा ना घबराइये
ReplyDeleteजहाँ तक महक है मेरे गेसुओं की, चले आइये
य**
ये जिन्दगी उसी की है जो किसी का हो गया,प्यार ही में खो गया..
ReplyDelete"य"
ये समा समा है ये प्यार का
ReplyDeleteकिसी के इंतज़ार का
दिल ना चुराले कहीं मेरा मौसम बहार का
क** से
किसी की मुस्कुराहटो पे हो निसार,किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार,किसी के वासते हो तेरे दिल मे प्यार ,जीना इसी का नाम है
ReplyDelete"ह"
हम तुमसे जुदा हो के मर जाएँगे रो-रो के
ReplyDeleteमर जाएँगे रो-रो के
क**
कहीं दूर जब दिन ढल जाये ,सांझ की दुलहन बदन चुराये चुपके से आये
ReplyDelete"य"
ये ज़ुल्फ़ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा
ReplyDeleteइस रात की तक़दीर सँवर जाए तो अच्छा
छ**
छोड दो आँचल जमाना क्या कहेगा,इन अदाओ का जमाना भी है दीवाना ,दीवाना क्या कहेगा
ReplyDelete"ग"
गाता रहे मेरा दिल, तू ही मेरी मंज़िल,
ReplyDeleteकहीं बीतें न ये रातें, कहीं बीतें न ये दिन
न**
ना कोई उमंग है,ना कोई तरंग है,मेरी जिन्दगी है क्या एक कटी पतंग है
ReplyDelete"ह"
हमदम मेरे, मान भी जा,कहना मेरे प्यार का
ReplyDeleteअरे हल्का-हल्का, सुर्ख लबों पे रंग तो है इक़रार का
क**
कभी-कभी मेरे दिल मे खयाल आता है,कि जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिए
ReplyDelete"ए"
ऐसे तो न देखो, के हमको नशा हो जए
ReplyDeleteख़ूबसूरत सी कोई हमसे ख़ता हो जाए
ए**
एह्सान तेरा होगा मुझ पर,दिल चाहता है वो कहने दो ,मुझे तुमसे मोहब्बत हो गई है ,मुझे पलको की छांव मे रहने दो
ReplyDelete"द"
दिन हैं बहार के तेरे मेरे इक़रार के
ReplyDeleteदिल के सहारे आ जा प्यार करें
र**
रुक जा रात ठहर जा रे चन्दा ,आई है मिलन की बेला
ReplyDelete"ल"
लिखा है तेरी आँखों में, किसका अफ़साना
ReplyDeleteअगर इसे समझ सको, मुझे भी समझाना
न**
न न करते प्यार तुम्ही से कर बैठे ,करना था इनकार मगर इकरार तुम्ही से कर बैठे...
ReplyDelete"ठ"
ठहरिये होश में आलूँ तो चले जाइयेगा
ReplyDeleteआपको दिल में बिठालूँ तो चले जाइयेगा
ग**
गुजरा हुआ जमाना आता नही दोबारा,हाफ़िज खुदा तुम्हारा..
ReplyDelete"र"
रोका कई बार मैंने दिल की उमंग को
ReplyDeleteक्या करूं मैं अपनी निगाहों की पसंद को
क**
कुछ ना कहो ,कुछ भी ना कहॊ,
ReplyDeleteक्या कहना है,क्या सुनना है.......
"ह"
ReplyDeleteहमदम मेरे, मान भी जाओ
ReplyDeleteकहना मेरे प्यार का
अरे हल्का-हल्का, सुर्ख लबों पे
रंग तो है इक़रार का
क**
राज जी आप ये गाना रिपीट कर रहे है ..........
ReplyDeleteदुसरा अभी लो जी..इस के लिये सांरी
ReplyDeleteहमें काश तुम से मुहब्बत न होती
ReplyDeleteकहानी हमारी हक़ीकत न होती
त**
फ़िल्म मुगले आजम १९६०
तुम्हारा चाहने वाला खुदा की दुनिया में
ReplyDeleteमेरे सिवा भी कोई और हो खुदा न करे
"र"
रिम झिम के तराने लेके आयी बरसात
ReplyDeleteयाद आये किसी से वो पहली मुलाक़ात
त**
तेरा मेरा प्यार अमर!
ReplyDeleteफिर क्यों मुझको लगता है डर!
"र"
रंग दिल की धड़कन भी लाती तो होगी
ReplyDeleteयाद मेरी उनको भी आती तो होगी
ग**
गुम है किसी के प्यार मे दिल सुबह शाम,पर तुम्हे लिख नही पाऊं मै उसका नाम ,हाये राम...
ReplyDelete"म"
माई रे मैं कासे कहूं पीर अपने जिया की माई रे
ReplyDeleteमाई री
ReplyDeleteहाँ
माई री मैं कासे कहूँ पीर अपने जिया की
माई री
ओस नयन की उनके मेरी लगी को बुझाये ना
तन मन भीगो दे आके ऐसी घटा कोई छाये ना
मोहे बहा ले जाये ऐसी लहर कोइ आये ना
ओस नयन की उनके मेरी लगी को बुझाये ना
पड़ी नदिया के किनारे मैं प्यासी
पी की डगर में बैठा मैला हुआ री मोरा आंचरा
मुखडा है फीका फीका नैनों में सोहे नहीं काजरा
कोई जो देखे मैया प्रीत का वासे कहूं माजरा
पी की डगर में बैठा मैला हुआ री मोरा आंचरा
लट में पड़ी कैसी बिरहा की माटी
माई री ...
आँखों में चलते फिरते रोज़ मिले पिया बावरे
बैंया की छैंया आके मिलते नहीं कभी साँवरे
दुःख ये मिलन का लेकर काह कारूँ कहाँ जाउँ रे
आँखों में चलते फिरते रोज़ मिले पिया बावरे
पाकर भी नहीं उनको मैं पाती
माई री ...
रात और दिन दिया जले,मेरे मन मे फ़िर भी अंधियारा है
ReplyDelete"ह"
हज़ार बातें करे जमाना मेरी व्फा पे यकीन करना----
ReplyDelete*न* पर्
ना तुम हमे जानो,ना हम तुम्हे जाने ,मगर लगता है कुछ ऐसा ,मेरा हमदम मिल गया...
ReplyDelete"य"
नमस्कार, आंताक्षरी तो १०,०० बजे समय के अनुसार खत्म हो गई है, लेकिन अगर आप आगे खेलना चाहते है तो फ़िर अर्चना जी के छोडे शव्द से आगे बढे... यानि य** कोई ना कोई आप का साथ निभाने जरुर आयेगा
ReplyDeleteये लाल रंग कब मुझे छोड़ेगा | मेरा गम कब तलक मेरा दिल तोड़ेगा!!!
ReplyDelete"ग"