12/3/09

अन्ताक्षरी 12 गीतों भरी

आज  सुबह की आप सब को प्यारी प्यारी से नमस्ते, सलाम सुनिये केसा मुड है आप सब का? अजी अच्छा ही होगा, नास्ता तो कर ही लिया होगा ना, तो चलिये अन्तर सोहिल ओर राज भाटिया की तरफ़ से आप सह को एक सुंदर सी मुस्कान.
तो चले आज की आंताक्षरी की तरफ़.... लेकिन अगर हम से कोई गलती हो तो आप लोगो ने हमे बतानी है, ओर बताये रोजाना इस आंताक्षरी को चलाये या सप्ताह मै दो गीतो की आंताक्षरी ओर एक कविताओ ओर गजल की... लेकिन अपनी राय जरुर दे, ओर हम भी अपनी सलाह कर रहे है,

हा कल की विजेता है हमारी संगीता पुरी जी, अब हो जाये जोर दार तालिया
अन्य प्रत्योगियो का भी बहुत बहुत धन्यवाद
ओर शुकर वार को कविताओ, गजलो, शेरो शायरी की जेसा की अंतर सोहिल जी ने लिखा है, वो आंताक्ष्री होगी जो इतवार तक चले गी जिस मै तीन पहले विजेता होगे शुकर वार, शनि वार ओर इतवार के ओर भारतिया समय अनुसार रात १० बजे तक जिन की आखरी टिपण्णी होगी वो ही विजेता होगा,

तो अब गप्पे बन्द ओर चले अब आंताक्षरी की तरफ़..

तेरा ग़मख़्वार हूँ लेकिन मैं तुझ तक आ नहीं सकता
मैं अपने नाम तेरी बेकसी लिखवा नहीं सकता

"त"  से

33 comments:

  1. तुम बिन जाऊं कहां, कि दुनिया में आके,
    कुछ ना फिर चाहा कभी, तुम को चाह के।
    "क"

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  2. कौन है जो सपनों में आया
    कौन है जो दिल में समाया
    लो झुक गया आसमां भी
    इश्क मेरा रंग लाया

    'य'

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  3. ये दुनिया ये महफिल मेरे काम की नहीं मेरे काम की नहीं
    "ह" से

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  4. हम तो झुककर सलाम करते हैं .. वो नजर से कलाम करते हैं .. कलाम करते हैं !! 'ह' से

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  5. हर किसी को नहीं मिलता यहां प्यार ज़िंदगी में ख़ुशनसीब हैं वो जिनको है मिली ये बहार ज़िंदगी में ।
    'म'

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  6. माना जनाब ने पुकारा नहीं .. क्‍या मेरा साथ भी गंवारा नहीं .. मुफ्त में बनके चल दिए तन के .. माना जबाब तुम्‍हारा नहीं 'ह' से

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  7. हंसते-हंसते कट जायें रस्‍ते,
    जिन्‍दगी यूं ही चलती रहे ।
    'ह'

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  8. हौले हौले से हवा लगती है .. हौले हौले से दवा लगती है .. हौले हौले से दुआ लगती है ..'ह' से

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  9. हमने तुमको देखा तुमने हमको देखा कैसे
    हम तुम सनम सातों जनम मिलते रहें हों जैसे

    'स'

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  10. साजन साज्न पुकारूँ गलियों मे
    *म* पर्

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  11. मैं तो भूल चली बाबुल का देश पिया का घर प्‍यारा लगे !! 'ग' से

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  12. मेरा नाम राजू घराना अनाम,
    बहती है गंगा जहां मेरा धाम।
    "म"

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  13. संगीता जी,
    नमस्कार।
    इस खिड़की का खुलना, बंद होना दिखना, छपना सब विधि के हाथ है। इसीलिये देर सबेर हो जाती है। :)

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  14. गगन झनझना रहा, पवन सनसना रहा,
    ओ नैया वाले होशियार।
    "र"

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  16. 'ग' से गा रहा हूँ :
    "गुनगुना रहे हैं भँवरे खिल रही है कलि कलि.. गली गली ..गली गली..."

    "ल" से...

    Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल

    आभार
    प्रतीक...

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  17. फिर गल्‍ती हुई प्रतीक माहेश्‍वरी जी , 'र' से गाना है आपको !!

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  18. रहें ना रहें हम महका करेंगें
    बन के कली बन के फिजां बाग ए वफा में

    'म'

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  19. मन रे तू काहे गुमान करे
    वो निर्मोही मोह न जाने जिसका मोह करे

    'र'

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  20. राही मनुवा कल की चिंता क्यूं सताती है
    दुख तो अपना साथी है

    'ह'

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  21. है अपना दिल तो आवारा,
    ना जाने किस पे आयेगा।
    "ग"

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  22. हम हैं राही प्यार के हम से कुछ ना बोलिये
    जो भी राह में मिला हम उसी के हो लिये

    'य'

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  23. यारी है ईमान मेरा, यार मेरी जिन्‍दगी ।
    'ग'

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  24. गीत गाता चल
    ओ साथी मुस्कुराता चल

    'ल'

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  25. लिखा है तेरी आँखों में, किसका अफ़साना
    अगर इसे समझ सको, मुझे भी समझाना
    न**

    maine chala

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  26. ना ना करते प्यार तुम्ही से कर बैठे!
    करना था इनकार मगर इकरार तुम्हीं से कर बैठे!

    "ठ"

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  27. ठुमक-ठुमक मत चलो, हां जी मत चलो,
    किसी का दिल मचलेगा, मंद-मंद मत हंसो कोई राही भटकेगा।
    कोई राही भटकेगा।
    "ग"

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  28. गोरी चलो न हंस की चाल ज़माना दुश्मन है
    तेरी उमर है सोलह साल ज़माना दुश्मन है
    "ह"

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  29. हँसते हँसते कट जाए रस्ते
    ज़िन्दगी यूँ ही चलती रहे
    खुशी मिले या गम
    बदलेंगे न हम
    दुनिया चाहे बदलती रहे !
    "ह"
    मुझे आपका ब्लॉग बहुत अच्छा लगा! मेरे ब्लोगों पर आपका स्वागत है!

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  30. hamne dekhi hai in aankho ki mahakti khushboo ,
    haath se choo ke ise rishton ka iljaam na do ,sirf ahsaas hai ye pyaar se mahsoos karo
    'r'se aage
    poora aanand mila antrakshari ka ,shukriyaa raj is manoranjan ke liye

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नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******

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मुझे शिकायत है !!!

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उन्होंने ईश्वर से डरना छोड़ दिया है , जो भ्रूण हत्या के दोषी हैं। जिन्हें कन्या नहीं चाहिए, उन्हें बहू भी मत दीजिये।