12/4/09

अन्ताक्षरी भाग २ कविताओ, गजलो, शेरो ओर गीतो की.

आप सब का स्वागत है आज कि इस आंताक्षरी मै, इस आंताक्षरी मै आप अपनी कविताये, गजले, शायरो शायरी, भजन, शलोक, गीत, कव्वाली जो चाहे जनाब लिख सकते है, बस आप ने अपने से पहले ब्लांगर की रचना के आखरी शव्द से अपनी  रचना लिखनी है, यानि जरुरी नही वो गीत वो कविता आप की हो या आप उसे पुरी यहा लिखे... अजी जनाब दो लाईने भी चलेगी.

यह आंताक्षरी चलेगी इतवार रात तक यानि तीन दिन आप जब चाहे लिखे, अजी किसी साथी को ढुढे फ़िर खेले तो मजा दो गुणा आता है
कल के विजेता है हमारे Gagan Sharma, Kuchh Alag sa  जी तो हो जाये इन के नाम से खुब सारी तालियां


तो लिजिये आज की आंताक्षरी के लिये एक बहुत सुंदर गीत के बोल से एक अक्षर...


कौन आया मेरे मन के द्वारे,
पायल की झनकार लिये
तो देखे आज मीठी सी झनकार ले कर कोन पहले आता है

"य़" अक्षर से

*** कई बार  तबियत खराब होने के कारण नयी आंतक्षरी ना दे पाऊ तो आप पहले वाली आंताक्षरी पर ही खेल सकते है, राम राम

42 comments:

  1. ये लाल रंग कब मुझे छोड़ेगा,
    मेरी गम कब तलक मेरा दिल तोड़ेगा
    ये लाल रंग कब मुझे छोड़ेगा

    "गा "

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  2. गता रहे मेरा दिल,
    तू ही मेरी मंजिल
    "ल"
    regards

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  3. तो लिजिये कल की आंताक्षरी के लिये एक बहुत सुंदर गीत के बोल से एक अक्षर...
    ये क्‍या लिखा है आपने .. कल की अंताक्षरी या आज की अंताक्षरी है ये !!

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  4. लाखों तारे आसमान में एक मगर ढूंढे ना मिला .. देख के दुनिया की दीवाली दिल मेरा चुपचाप जला 'ल' से

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  5. सारा सिलसिला गलत हो रहा है, आज की अन्ताक्षरी फिल्मी गीतों की नहीं बल्कि कविताओं, गीतों, गज़लों आदि वाली है। कृपया फिल्मी गीत न दें। 'य' से कविता हैः

    यदि ईश्वर में विश्वास न हो,
    उससे कुछ फल की आस न हो,
    तो अरे नास्तिको ! घर बैठे,
    साकार ब्रह्‌म को पहचानो !
    पत्नी को परमेश्वर मानो !
    गोपाल प्रसाद व्यास

    'न'

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  6. नहीं हुआ है अभी सवेरा पूरब की लाली पहचान , चिडियों के जगने से पहले खाट छोड उठ गया किसान ।
    तीसरी या चौथी कक्षा में पढी गयी यह कविता अभी भी याद है .. रचयिता कौन हैं ये नहीं मालूम !!

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    1. Enter your reply...पूरी कविता लिखें मैडम!आभारी रहूँगा!

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    2. सत्यनारायण लाल

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  7. नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
    चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है।
    मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
    चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है।
    आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
    कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
    सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'

    'त'

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  8. तितली रानी बोलो तुमने
    पर किससे सजवाये
    नाजुक अपने पंखों पर
    रंग किस से लगवाये

    "य" से

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  9. यह निशानी मूक होकर
    भी बहुत कुछ बोलती है
    खोल इसका अर्थ पंथी
    पंथ का अनुमान कर ले।

    पूर्व चलने के बटोही बाट की पहचान कर ले।
    हरिवंशराय 'बच्चन'

    'ल'

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  10. "ल" लाल छड़ी मैदान कड़ी क्या खूब लड़ी क्या खूब लड़ी "ल"

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  11. लागी छूटे न --लागी छूटे न अब तो बल्म
    प्यार किया --- तेरी कसम
    *म* से

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  12. मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो
    भोर भये गैयन के पीछे मधुबन मोहे पठायो
    चार पहर वंशीवट भटक्यौ सांझ परे घर आयो
    सूरदास

    'य'

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  13. ये रंग न छूटेगा उल्फ़त की निशानी है
    कुछ तेरा फ़साना है कुछ मेरी कहानी है
    "ह"

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  14. हम से . दोस्ती कर लो,
    ये हसीं ग़लती कर लो,
    आओ ना "न"

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  15. न तुम हमें जानो, न हम तुम्हें जानें
    मगर लगता है कुछ ऐसा, मेरा हमदम मिल गया
    "य"

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  16. यम्मा यम्मा, यम्मा यम्मा
    क्या खूबसूरत शमां
    बस आज की रात है जिन्दगी
    कल हम कहा तुम कहां ।

    'ह'

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  17. है इसी में प्यार की आबरू
    वो ज़फ़ा करें मैं वफ़ा करूँ
    जो वफ़ा भी काम न आ सके
    तो वोही कहें के मैं क्या करूँ
    "र"

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  18. रुक जा रात ठहर जा रे चंदा ...बीते ना मिलन की रैना .......ना ...!!

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  19. रुक जा रात ठहर जा रे चंदा ...बीते ना मिलन की बेला .....ला ......!!

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  20. लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
    कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
    सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”

    'त'

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  21. tere mere milan ki ye raina .....
    tabhi to chanchal hai ye tera naina .
    'n'se

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  22. न किसी की आँख का नूर हूँ
    न किसी के दिल का क़रार हूँ
    जो किसी के काम न आ सका
    मैं वो एक मुश्त-ए-गुबार हूँ
    "ह"

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  23. हुस्न वाले तेरा जवाब नहीं कोई तुम सा नहीं हज़ारों मे
    *म* पर

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  24. मुझे देख कर आपका मुस्कराना
    मुहब्बत नहीं है तो फिर और क्या है
    "ह"

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  25. हज़ार बातें कहे जमाना मेरी वफा पे यकीन रखना
    *न* पर्

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  26. न तुम हमें जानो, न हम तुम्हें जानें
    मगर लगता है कुछ ऐसा, मेरा हमदम मिल गया
    "य"

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  27. ये जो देश है तेरा स्वदेश है तेरा
    ये वो बन्धन है जो कभी टूट नहीं सकता ।


    'त'

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  28. तुम जो हमारे मीत न होते, गीत ये मेरे गीत न होते
    हँसके जो तुम ये रंग न भरते, ख़्वाब ये मेरे ख़्वाब न होते
    "त"

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  29. तुम्हारा नूर पड़ रहा है चेहरे पर
    वरना कौन देखता मुझे अंधेरे में
    "म"

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  30. OK AB YAHAN PAR LAGTI HAI MAHAFIL I M COME BACK SIR

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  31. राज जी,
    आपकी तबीयत कैसी है...एक-दो दिन ब्लॉग पर नहीं होते तो सूना-सूना लगता है...अगर
    हो सके तो मुझे अपना ई-मेल भेज दीजिए...मेरा ई-मेल है sehgalkd@gmail.com

    आठ दिसंबर को एक पोस्ट लिखी थी...मां ठंडी छांव...उस पर आपके कमेंट की शिद्दत के साथ इंतज़ार कर रहा था...पोस्ट का लिंक है...http://deshnama.blogspot.com/2009/12/blog-post_08.html

    जय हिंद...

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  32. अरे कहाँ खो गए सब. सिलसिला बढ़ाइए न.
    राज सर भी बिजी होंगे शायद.

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  33. मन रे काहे न धीर धरे ---
    *र* पर ये सिलसिला रुका सा क्यों है? सब लोग कहँ गये?

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  34. भाटिया जी क्या बात है सिलसिला थमने क्यों लगा? कल से कोई नहीं आया? शुभकामनायें

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  35. raha gardisho me hardam
    mere ishk ka sitara
    kabhi dagmagai kashti
    kabhi kho gaya kinara .
    'r'se

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  36. क्या बात है वर्षों से यहाँ कोई आया नहीं लगता।

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  37. क्या बात है वर्षों से यहाँ कोई आया नहीं लगता।

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  38. ब्लॉग की अंत्याक्षरी बंद क्यों कर दी ..जारी रखना चाहिए न ..

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नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******

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मुझे शिकायत है !!!

मुझे शिकायत है !!!
उन्होंने ईश्वर से डरना छोड़ दिया है , जो भ्रूण हत्या के दोषी हैं। जिन्हें कन्या नहीं चाहिए, उन्हें बहू भी मत दीजिये।