बहुत दिन हो गये हैं ना अन्ताक्षरी खेले हुये, तो आईये आज फिर से खेलते हैं। आप क्यो नही आते अन्ताक्षरी खेलने, एक बार आओ फ़िर देखे केसे आप बचपन मै लोट जाते है, हम सब को भी कभी कभी बच्चा बनना चाहिये, तभी तो हम अपने बच्चो के दोस्त बन पायेगे....
तो आईये ओर हम संग खेले ओर थोडी देर के लिये सब गम भुल जाये...
नये आने वाले मित्रों के लिये भी आज अन्ताक्षरी के कुछ नियम दोबारा बता देते हैं।
कृप्या अपने दिये हुए अक्षर पर खुद गाना ना गायें। अपना अक्षर देने के बाद कृप्या धैर्य रखें और 2-3 मिनट इंतजार करने के बाद कमेंट पन्ने को रिफ्रेश या रिलोड करें। F5 दबा कर, अपने दिये अक्षर के बाद गाये गानों को जरूर पढें, अगर कोई गलती करता है तो सबको सचेत करें। चेन को टूटने ना दें, अगर चेन टूटती है तो सबको बतायें और वहीं से शुरू करें जहां से चेन टूटी थी। अगर एक ही अक्षर पर दो टिप्पणियां आती हैं तो पहले पब्लिश हुई टिप्पणी के दिये अक्षर पर गाना लिखें। झुंझलायें नहीं और जल्दी से रिफ्रेश करके टिप्पणी लिखें।
नोट - इस पेज को टैब में खुला रखिये और अपना गाना गाकर और अंतिम अक्षर " " के बीच में लिखकर टिप्पणी करके आप दूसरी टैब में ब्लाग्स और चिट्ठियां पढ सकते हैं, और दूसरे कार्य कर सकते हैं। फिर जब फ्री होते हैं तो एक बार फिर से पेज को रिफ्रेश या रिलोड करिये और फिर से खेलना शुरु कर दीजिये। जब आप जल्दबाजी में टाईप करते हैं या कोई गाना एकदम से याद आता है या दूसरे लोगों के गाये गानों को पढते हैं तो एकदम से आपके होठों पर जो मुस्कान आती है - "क्या आपने उसे महसूस किया है?" बताईयेगा जरूर। तो चले आज की आंतक्षरी की तरफ़..
होंठों में ऐसी बात मैं दबा के चली आई
खुल जाये वही बात तो दुहाई है दुहाई
"ई" से
ईश्वर अल्ला तेरो नाम सब को सन्मति दे भगवान
ReplyDelete"न" से
न न करते प्यार तुम्ही से कर बैठे
ReplyDeleteकरना था इनकार इकरार तुम्ही से कर बैठे
...'ठ'........
ठुमक चलत रामचन्द्र बाजत पैंजनिया...
ReplyDeleteयारी है ईमान मेरा
ReplyDeleteयार मेरी जिन्दगी!
"ग" के लिखिए-
गाता रहे मेरा दिल, तू ही मेरी मंज़िल,
ReplyDeleteकहीं बीतें न ये रातें, कहीं बीतें न ये दिन
"न" से
न कजरे की धार न मोतियों के हार
ReplyDeleteन कोई किया श्रृंगार फिर भी कितनी सुन्दर हो
तुम कितनी सुन्दर हो.......
"ह" से
हमें तुम से प्यार कितना, ये हम नहीं जानते
ReplyDeleteमगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना
"न" से
नीले-नीले अम्बर पर चांद जब आये
ReplyDeleteचांद जब आये नेह बरसाये
:य:
ये तो बहुत बढिया शुरूआत है।
ReplyDelete...
ये देश है वीर जवानों का,
अलबेलों का, मस्तानों का,
इस देश का यारों
होये
इस देश का यारों क्या कहना,
ये देश है दुनिया का गहना
"न" से
न जा कहीं अब न जा दिल के सिवा
ReplyDeleteहै यही दिल कूचा तेरा
ऐ मेरे हम्दम मेरे दोस्त
ना जा कहीं अब न जा
"ज" से
जन गण मन अधिनायक जय हे...भारत भाग्य विधाता
ReplyDeleteतुम आ गए हो नूर आ गया है,
ReplyDeleteवरना चिरागों से लौ जा रही थी
थोड़ा रुक जायेगी तो तेरा क्या जायेगा
ReplyDeleteनैन भर के देख लेंगे चैन आ जायेगा
"ग"
गाता रहे मेरा दिल
ReplyDeleteतू ही मेरी मंज़िल
लो आ गयी उनकी याद वो नहीं आए।
ReplyDeleteदिल उनको ढूंढता है गम का सिंगार करके
आंखे भी थक गयी है अब इंतजार कर के।
क्या से क्या हो गया
ReplyDeleteबेवफ़ा ऽऽऽ
तेरे प्यार में
चाहा क्या क्या मिला
बेवफ़ा ऽऽऽ
तेरे प्यार में
"म"
bhatiya ji main kaise gaaun mujhe to bahut sharam aati hai gaana gaane me
ReplyDeleteमेरे दिल मे आज क्या है, तू कहे तो मै बता दू
ReplyDeleteद से