भारत एक अजीबो गरीब ओर रोचक बातो से भरा देश है, हमारे देश मै बहुत सी बाते ऎसी है जिन पर विशवास करना कठिन होता है.... लेकिन सदियो से लोगो की भावनये उन रीति रिवाजो से जुडी है, इस लिये हम सभी को किसी भी रीति का, किसी भी धर्म को मानने वाले का उपहास नही करना चाहिये, क्योकि कि हम जिस धर्म मै जिस परिवार मै जिस रीति रिवाजो मे पेदा हुये है उस मै हमारा कोई हाथ नही, अगर हम भी इन्ही लोगो मै पेदा हुये होते तो हम भी ऎसा ही करते इस लिये हमे सभी धर्मो ओर सभी रीति रिवाजो का आदर करना चाहिये, क्योकि आज जो रीति रिवाज हमे गलत लगते है, वो कल तक अपने समय के अनुसार बिलकुल सही थे.
मै बहुत अधिक धार्मिक नही होली दिपावली पर माथा टेक लिया बस , मंदिर साल मै कभी कभार चला गया, इस लिये मुझे अपने देवी देवताओ का इतना ग्याण नही, जिन्हे रोजाना हम पुजते है उन्ही के बारे थोडा बहुत पता है, या कभी नेट पर किसी ब्लांगर ने धर्म के बारे लिखा तो मोटा मोटा वहां से पढ लिया, कल नेट पर जब इस देवी के चित्र पर नजर पढी तो मै ध्यान से देखने लगा कि कही किसी ने मजाक तो नही किया, फ़िर ध्यान से पढा तो सब समझ गया, ओर जिसे मैने पहली बार देखा हो उसे तो पहेली के रुप मे पूछना भी मेरा फ़र्ज है...
इस पहेली का सही जबाब आप विस्तार से यहां देख सकते है,ओर यहां भी देख सकते है
जी इस देवी का नाम शीतला माता ओर शीतला देवी है.
सही जबाब भी बहुत से आये जो इस प्रकार है...
लेकिन उस से पहले सभी विजेताओ को बहुत बहुत बधाई, ओर जिन्होने सही जबाब देने की कोशिश की उन का धन्यवाद.
आज की पहेली की प्रथम विजेता है हमारी.... अल्पना वर्मा जी.
दुसरे स्थान पर विजेता है हमारी... कविता वाचक्नवी Kavita Vachaknaveeजी .
चोथे स्थान पर विजेता है हमारे... मनोज कुमार जी
पांचवे स्थान पर विजेता है हमारे... पं.डी.के.शर्मा"वत्स"जी
छटे स्थान पर विजेता है हमारे.... ताऊ रामपुरिया जी
सातंवे स्थान पर विजेता है हमारे.. अजित वडनेरकर जी
आठवे स्थान पर विजेता है हमारी... seema gupta जी
नोंवे स्थान पर विजेता है हमारे ... Amit Sharma जी
दंसवे स्थान पर विजेता है हमारे...निशांत मिश्र - Nishant Mishra जी
आप सभी को फ़िर से बहुत बहुत बधाई.
अब जिन्होने जितनी जितनी जानकारी दी वो....
अल्पना वर्मा
Sheetla Devi :)
सांस्कृतिक परिकल्पना के अनुसार देवी शीतला दिग्वस्त्रा है और गधा उनका वाहन है.-मान्यता है कि शीतलाधाम कडा के मेला से खरीदा गया गधा काफी फलित होता है
प्रकाश गोविन्द
sheetala devi
or
sheetala maata
आपने पूछा है तो
अब आपको पढना भी पड़ेगा
Sītala Devi (in Bengali) or Māri (Tamil) is the Goddess of Smallpox or the Goddess of Disease in popular or non-Vedic Hinduism. She is also generically referred to as the Village Goddess
The worship of this Goddess is very extended among the lower castes in India. The name Sītala (Skt. "the cold one") is used in Northern India, while the same goddess is known as Māri (probably from the Dravidian word meaning "rain") in the Southern areas of the Subcontinent.
Although she is commonly referred to as the Goddess of Smallpox, this generic goddess is actually related to other epidemic diseases as well, like cholera. Her protection is invoked when a village is attacked by any epidemic.
Village Goddesses are local. They are always connected with a specific locality or place. Therefore their name is always preceded by the name of their location, like for example: Karumari Amman (Tamil Nadu) or Attukal Amma (Kerala).
Villagers in South India usually erect humble little shrines to this Goddess. During worship she is referred to as "Amma" or mother. Certain trees, like the Neem, the Bo tree, the Palmyra palm, the Ashoka tree and the Papaya are related to this deity, therefore some of the Village Goddess' shrines are under a certain tree.
Most caste Hindus and members of modern Hindu politico-religious movements claim that all these village goddesses are but a version of goddess Kali, incorporating thus these non-Vedic deities into the mainstream Hindu pantheon. However, this view is challenged by certain militant Dalit intellectuals, like Kancha Ilaiah, who claim that village-deity worship in India is a separate religion.
[edit] Blood Sacrifices
There are a number of festivals connected with the village goddesses, but they lack the regularity and steadfastness of Vedic rituals. Traditionally villagers were prompted to worship the Goddess only when in trouble, but modern-day goddess shrines have increasingly introduced scheduled regular festivals.
In case of epidemics, villagers try to propitiate their goddess by means of blood sacrifices, usually sacrificing a cock or a goat at her shrine. The often deadly disease is interpreted by villagers as having incurred the wrath of their divine Mother because of having neglected her.
[edit] Iconography
Unlike the Vedic goddesses, there is not much in the way of established iconography for the Indic village goddesses. They are usually portrayed wearing a red dress, red being the colour of the goddess. The iconography of the village goddesses is mostly derived from the stories related to them.
Sitala Devi, the Northern version of the village Goddess is usually portrayed as a woman sitting on a donkey holding a broom in one hand and a winnowing fan in the other. She might be naked or wearing a red dress.
Māri is portrayed in the sitting or standing position mostly holding a trident (trisula) in one hand and a bowl (kapala) in the other. One of her hands may display a mudra, usually the abhaya mudra, to ward off fear. She might have more than two arms and might be represented in two optional ways, one displaying her pleasant nature, and the other her terrifying aspect, with fangs and a wild mane of hair.
शीतला माता , जिनकी पूजा के निमित्त साल में एक बार ठन्डे पकवानों का भो लगा कर हम ठंडा भोजन करते है . त्यौहार का नाम बास्योड़ा(हमारे यहाँ तो बाकी जगह का आप बताएं ) इनका वाहन गदर्भ (गधा) है. हमारे यहाँ गोनेर(स्थान) के पास गधों का मेला भी लगता है .
बाकी सभी का बहुत बहुत धन्यवाद फ़िर मिलेगे कभी किसी अन्य लेख मै धन्यवाद कोई गलती हो तो माफ़ करे
भाटिया जी। आप का यह ब्लाग खोलते ही अपने कंप्यूटर को अफीम चढ़ जाती है। कमेंट बाक्स के लिए क्लिक कर के ब्लाग बंद करना पड़ता है तब कमेंट बाक्स खुलता है। करीब दो मिनट तक तो कहीं भी क्लिक करो कोई असर ही नहीं होता। ऐसा क्या सम्मोहन है आप के ब्लाग में?
ReplyDeleteसभी पहेली विजेताओं को बहुत बहुत बधाई...ओर हाँ द्विवेदी जी का कहना सही है..आपका ब्लाग खुलने में हद से ज्यादा समय लगता है...हो सके तो ये कार्टून, घडी वगैरह हटा कर ब्लाग को थोडा भारमुक्त कर दीजिए....माता शीतला के वाहन की तरह इतना भार उठाकर बेचारे ब्लाग की साँस फूलने लगी है :-)
ReplyDeleteभाटिया जी, अम्बरसर दा शीतला मन्दर वी दरबार साहब वाँगूँ वेखन वाली शोभा दी चीज है, बड़ा नाँ हैगा। ओत्त्थे बइयाँ मिट्ठियाँ रोटियाँ दा वरत करके परशाद चड़दै। साल विच इक दिन सारा शहर ही समझो ऐस वरत नूँ करके मन्दर विच आके बैंदा।
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई सभी विजेताओं को.
ReplyDeleteशीतला माता की जै...
ReplyDeleteभाटिया जी, अब फर्स्ट क्लास है। लगता है बैलगाड़ी से सीधे राजधानी में आ बैठे हैं।
ReplyDeleteआपके इस बिचारोत्तेजक रचना के लिए आपका धन्यवाद / आशा है आप इसी तरह ब्लॉग की सार्थकता को बढ़ाने का काम आगे भी ,अपनी अच्छी सोच के साथ करते रहेंगे /आपके इस सुन्दर और संदेशात्मक रचना की जितनी तारीफ की जाय कम है / आपके इस प्रयास के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद / ब्लॉग हम सब के सार्थक सोच और ईमानदारी भरे प्रयास से ही एक सशक्त सामानांतर मिडिया के रूप में स्थापित हो सकता है और इस देश को भ्रष्ट और लूटेरों से बचा सकता है /आशा है आप अपनी ओर से इसके लिए हर संभव प्रयास जरूर करेंगे /हम आपको अपने इस पोस्ट http://honestyprojectrealdemocracy.blogspot.com/2010/04/blog-post_16.html पर देश हित में १०० शब्दों में अपने बहुमूल्य विचार और सुझाव रखने के लिए आमंत्रित करते हैं / उम्दा विचारों को हमने सम्मानित करने की व्यवस्था भी कर रखा है / पिछले हफ्ते अजित गुप्ता जी उम्दा विचारों के लिए सम्मानित की गयी हैं /
ReplyDeleteसभी पहेली विजेताओं को बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteपहेली के माध्यम से अच्छी जानकारी देने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद!
ReplyDeleteशीतला माता की शीतल सवारी।
ReplyDeleteगरमी के मौसम में शीतल करने की शीतल सी कोशिश।
जय हो भाटिया जी।
वैसे शिकायतों वाले ब्लॉग पर पहेली कहां से आ गयी?
चलिए पहले तो विजेतावों को बधाई , मैंने जब पहेली पढी थी तो रोज की ही भांति खुरापाती दिमाग सही जबाब ढूँढने में असमर्थ था और गलत जबाब इसलिए नहीं दिया क्योंकि यह देवी देवतावों से जुडा मसला था !
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बधाई .
ReplyDeleteSABHEE KO BAHUT BAHUT BADHAAI
ReplyDeleteये तो अच्छा हुआ कि अपना तो कंप्यूटर खराब था । वर्ना इस धार्मिक टेस्ट में हम तो बिलकुल जीरो निकलते ।
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