7/3/10
ब्लांगबाणी!!!! तेरे नाम से
हे ब्लांग बाणी तु जहां भी है, खुश रह.... लेकिन जाते जाते हम सब की बात सुनती जा....
नाम
चित्र पट गीत
23 comments:
नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******
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खुश रहे तू सदा ............यह दुआ है हमारी !
ReplyDeleteराज जी ब्लागवाणी के बन्द होने का राज भी हम सब ब्लागर ही है आपको बता दूँ कि ब्लागवाणी बन्द नही है केवल नऐ फिड अपडेट नही किये जा रहे हैँ
ReplyDeleteपर ब्लागवाणी लौटेगी....?जरुर लौटेगी ।
दादा
ReplyDeleteसादर अभिवादन
ब्लागवाणी अब आई समझ में तेरी कहानी .... जाने तू ..जाने तू ...
लगता ब्लागरों की तरह वो भी टंकी पर चढ़ गई है .... टंकी के ए. सी. रूम में पतासाजी करवा कर दिखवा लें शायद मिल जाए....
इतना मनाने पर तो प्रभु भी मान जाते हैं, ब्लोग्वानी तो छोटी चीज़ है, अवश्य मानेगी. हम बस मनाते रहें!
ReplyDeleteहमारी भी आरजू है कि ब्लॉगवाणी जल्दी से वापिस आ जाये!
ReplyDeleteबस इसी इन्तजार मे हैं कि कब वापिस आये ब्लागवाणी। तब तक यही गीत गुनगुनाते हैं धन्यवाद।
ReplyDeleteसटीक
ReplyDeleteब्लागवाणी अब वापस आ भी जाओ
माहौल ग़मगीन हो गया !
ReplyDeleteअब तो उनको वापस आ जाना चाहिए :)
ReplyDeleteब्लागवाणी को अलविदा तो नहीं कहेंगें, क्यों कि हमें तो देर सवेर उसके लौटने की पूरी उम्मीद है....
ReplyDeleteइन्तजार लगा ही है फिर भी!
ReplyDeletebahut sunder giit sunaya aapne.
ReplyDeleteblagvaani ke liye aalogon ke mn men itna dard dekh kar mujhe yah lag raha hai ki maine hii shayad blagvaani se koi laabh nahin uthaya tha...!
ब्लॉगवाणी तुम्हारा इंतजार है ।
ReplyDelete0 तिरुपति बालाजी के दर्शन और यात्रा के रोमांचक अनुभव – १० [श्रीकालाहस्ती शिवजी के दर्शन..] (Hilarious Moment.. इंडिब्लॉगर पर मेरी इस पोस्ट को प्रमोट कीजिये, वोट दीजिये
सुन्दर।
ReplyDeleteब्लोगवाणी के जाने से लेखन और पठन , दोनों पर असर पड़ा है ।
ReplyDeleteदूसरे एग्रीगेटर्स इसका मुकाबला नहीं कर पा रहे ।
भगवान उन महानुभावों को भी सद्बुद्धि दे जो बैठे ठाले ही, अपने काम में निर्विकार भाव से लगे लोगों को यूं ही अपराधी घोषित कर दुःख देते हैं.
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर और मेरे पसन्द का गीत सुनाया आपने राज जी!
ReplyDeleteबिलकुल सही कहा ...ब्लोगवाणी को भी लौटना ही होगा....
ReplyDeleteरोज मनाते रहते हैं ..जाने किस दिन ब्लोगवाणी का मूड बदल जाए और वो वापसी कर जाए । कहीं नहीं गई है ..है तो यहीं ..। सोचते हैं कि एक दिन सब मिलकर चले चलते हैं डायरेक्टली उसे गले लगाने को .। शायद जादू की झप्पी कुछ काम कर ही जाए
ReplyDeleteइंतजार है ...........
ReplyDeleteआ लौट के आजा मेरे मीत .... ब्लोगवानी की कमी खल रही है ...
ReplyDeleteराज भाई !
ReplyDeleteबड़ा पसंद रहा है यह गाना , बहुत दिन बाद सूना है , आपका शुक्रिया !
vaah daadaa jee waah
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