7/30/10

चोरी का माल आप के नाम....

मेरी थोडी बहुत तबीयत खराब थी, ओर अभी भी है, इस लिये अभी कम समय दे पा रहा हुं, आज ओर्कुट  पर गया तो मुझे एक कविता हमारे किरायेदार ने भेजी, जो बहुत अच्छी लगी, लेकिन उस की प्रोफ़ाईल मे मुझे एक कविता ओर मिली जो मैने चुपके से वहां से चुरा ली.....
तो लिजिये चोरी का माल आप के नाम....

जिन्दगी ये किस मोड पे ले आयी है ,

ना मां, बाप, बहन , ना यहां कोई भाई है .

हर लडकी का है Boy Friend, हर लडके ने Girl Friend पायी है ,

चंद दिनो के है ये रिश्ते , फिर वही रुसवायी है .

घर जाना Home Sickness कहलाता है ,

पर Girl Friend से मिलने को टाईम रोज मिल जाता है .

दो दिन से नही पुछा मां की तबीयत का हाल ,

Girl Friend से पल - पल की खबर पायी है,

जिन्दगी ये किस मोड पे ले आयी है …..

कभी खुली हवा मे घुमते थे ,

अब AC की आदत लगायी है .

धुप हमसे सहन नही होती ,

हर कोई देता यही दुहाई है .

मेहनत के काम हम करते नही ,

इसीलिये Gym जाने की नौबत आयी है .

McDonalds, PizaaHut जाने लगे,

दाल- रोटी तो मुश्कील से खायी है .

जिन्दगी ये किस मोड पे ले आयी है …..

Work Relation हमने बडाये ,

पर दोस्तो की संख्या घटायी है .

Professional ने की है तरक्की ,

Social ने मुंह की खायी है.

जिन्दगी ये किस मोड पे ले आयी है

ना मां, बाप, बहन , ना यहा कोई भाई है .

इस कविता के रचियता का नाम मुझे नही मालुम, लेकिन सुमित जी के ओर्कुट प्रोफ़ाईल से मेने इसे लिया है , उस रचियता को मेरा धन्यवाद जिस ने भी इसे सुंदर शव्दो से सजाया

23 comments:

  1. राज जी मेरी शिकायत पर अच्छी शिकायत लगाई है। मुझे भी कुछ कहने का मन हो रहा है।
    girl friend से जब बढता है connection
    तो पीछे रह जाता है बाकी सब relation
    उधर heater के जैसा मिज़ाज़ उनका
    इधर ज़ज़्बात का है refregeration.
    Thank you कह लीजिए, I don't mind it
    मगर मैं तो कहूंगा no mention, no mention.
    हा-हा-हा

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  2. दो दिन से नही पूछा मां की तबीयत का हाल ,
    Girl Friend से पल - पल की खबर पायी है,
    यही हो रहा है आजकल ...
    ऐसी चोरियां तो माफ़ी के काबिल है ...!

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  3. वाह जी वाह ।
    बहुत बढ़िया हास्य व्यंग कविता चुराई है ।
    ज़वाब नहीं जी दोनों का ।

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  4. कविता तो वाकई सटीक और जोरदार है पर ये समझ नही आया की ये ताऊ यहां आंखों को ढककर कांपते हुये क्या कर रहा है?:)

    रामराम

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  5. बहुत सुन्दर जी. क्या ज़माना आ गया है.

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  6. अजी! कविता क्या है बल्कि ये तो जमाने की हकीकत है.....वैसे स्टाक में से चोरी के लिए भी आपने बहुत बढिया रचना चुनी :)

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  7. ताऊ जी कविता इसी ताऊ ने मेरे को ला कर दी है, ओर तभी से माथे पर हाथ रख कर रो रहा है...

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  8. ताई के हाथों "मेड-इन-जर्मन" का नाश्ता कर लिया दिक्खै ताऊ नै?:)

    रामराम.

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  9. अजी यह चोरी कहां..यह तो आप कविता का प्रचार-प्रसार ही कर रहे हैं. वैसे भी चोरी का माल खाने- खिलाने का मजा ही कुछ और है.

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  10. खुलेआम इमानदारी से चोरी :)

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  11. इस चोरी केमाल की चर्चा तो
    आज चर्चा मंच पर भी है!

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  12. बिल्कुल सटीक कविता सुनाई है,
    आपको बहुत बहुत बधाई है

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  13. सटीक कविता ... बहुत बहुत बधाई ...

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  14. "जिन्दगी ये किस मोड पे ले आयी है"

    अजी आगे आगे देखिये होता है क्या! अभी तो इससे भी खतरनाक मोड़ आने वाले है!

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  15. एक लाजवाब प्रस्तुति ............

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  16. बहुत अच्छा है .. चोरी का ही सही

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  17. यह द्विभाषी कविता तो बढ़िया है लेकिन किरायेदार ने किराये के बदले तो इसे नही दे दिया ना ?

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  18. भाटिया साहब,
    ऐसी ही एक रचना एक डॉ. शाह सुनाया करते थे टीवी शो पर लाफ्टर चैलेंज कार्यक्रम में... जो भी हो, मज़ेदार है.

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  19. वाह जी वाह , friendship day के दिन कविता चुराई है ..खुले आम चोरी चोरी नहीं रह जाती । ये कविता तो अच्छा सबक है teen-agers को आईना दिखने के लिए ।

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  20. बहुत अच्छा है
    आपको बहुत बहुत बधाई है
    **********************
    मुझे भी कुछ कहने का मन हो रहा है।

    "जिसे नहीं हुई माँ -बाप की फिक्र एक पल के लिये भी हुआ वो शक्स, बर्बाद हर दम है"

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  21. हा-हा सही है भाटिया साहब ,
    ऎ जिंदगी,
    यह तु किस मोड पे ले आयी है
    आगे कुंआ,पीछे खाई है

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नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******

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मुझे शिकायत है !!!

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उन्होंने ईश्वर से डरना छोड़ दिया है , जो भ्रूण हत्या के दोषी हैं। जिन्हें कन्या नहीं चाहिए, उन्हें बहू भी मत दीजिये।