12/25/10
आप क्या सब्जी खाते हैं?
गुप्ता जी के घर पर आयकर विभाग का छापा पडा है।
अरे! क्या वो रिश्वत लेते थे?
नहीं, वो तो व्यापार करते हैं।
तो क्या, आयकर भरने में कोई धांधली करते थे?
पता नहीं, लेकिन कल सुबह ही उन्होंने आधा किलो प्याज खरीदी थी।
अन्तर सोहिल द्वारा लघु व्यंग्य कथा
अरे! क्या वो रिश्वत लेते थे?
नहीं, वो तो व्यापार करते हैं।
तो क्या, आयकर भरने में कोई धांधली करते थे?
पता नहीं, लेकिन कल सुबह ही उन्होंने आधा किलो प्याज खरीदी थी।
अन्तर सोहिल द्वारा लघु व्यंग्य कथा
नाम
Antar Sohil,
अन्तर सोहिल
16 comments:
नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******
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क्या सचमुच प्याज इतना जरूरी है?
ReplyDeleteबहुत खुब जी, मजा आ गया,
ReplyDeleteजबरदस्त व्यंग ! इतनी महंगी प्याज जो खरीदेगा वो शक के दायरे में आ ही जाएगा।
ReplyDeleteबहुत मजेदार है | अब तो ढूंढ़ ढूंढ़ कर वो सब्जिया लानी पड़ती है जिसमे प्याज टमाटर नहीं डाला जाता है |
ReplyDeleteभाव बढ़े है लेकिन अखबारो मे और मीडिया मे बढ़े है |हमारे यहाँ तो इस मूल्य वृद्धी का कोई खास असर नही पड़ा है |प्याज तीस रूपये और टमाटर 20 रूपये किलो मिल रहे है | प्याज महंगे होने से किस(चुंबन)सस्ता हो गया है |ये मै नही कह रहा हू अखबार की एक खबर कह रही ह |
ReplyDeleteनरेश जी ने सही कहा है .....क्या कहें ,,,,शुक्रिया भाई
ReplyDeleteआप क्या सब्जी खाते हैं?
ReplyDeleteनहीं भाई, सब्जियां अब केवल दर्शनार्थ रह गई हैं ।
waah !
ReplyDeletegazab rachna !
बहुत सही!
ReplyDeleteभाई आपने ये क्या प्याज कतरा कि आंखों में आंसू आ गए। बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
ReplyDeleteएक आत्मचेतना कलाकार
प्याज ही क्यों , टमाटर और लहसुन भी रुला रहे हैं अब तो !
ReplyDeleteसटीक ....प्याज़ गरीबों का खाना रही है ...अब तो वो भी मयस्सर नहीं ..
ReplyDeleteयहाँ आपका स्वागत है
गुननाम
ई देखो अब प्याज खरीदना इतना महंगा पड़ेगा............... प्याज के लिए भी पैसे और आयकर वोलों को पटाने के लिए भी पैसे.अच्छी प्रस्तुति.
ReplyDeleteफर्स्ट टेक ऑफ ओवर सुनामी : एक सच्चे हीरो की कहानी
bahot achche.
ReplyDeleteदिल्ली के आयकर छापा विभाग, झंडेवालान में एक समय एक पोस्टर लगा मिलता था - "You might not know that you have become rich, but we do."
ReplyDeleteसोहिल भाई, गजब। जवाब नहीं आपकी धार का।
ReplyDelete---------
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