1/7/11
बूझो तो जाने? जबाब
जनाब पुरे २४ घंटे के दोरान किस का जबाब भी सही नही आया ? अजी ऎसा नही हे... जिनका जबाब सब से पहला आया वो आधा जबाब था, ओर अंत मे फ़िर उन का जबाब आया एक तरह से वो भी आधा ही हे, लेकिन उसे सही माना जायेगा, क्योकि जब भी हम दुकान से अंडे लेने जाते हे, तो कभी नही कहते मुर्गी का अंडा चाहिये, हमेशा कहते हे कि हमे अंडे चाहिये हे क्या? असल मे मैने इस चित्र को बीच मे काट कर थोडा बडा कर दिया था,
हमारे आज के इकलोते विजेता हे हंस राज 'सुज्ञ जी' सुज्ञ वाले
तो जनाब अब आप को इस पहेली का जबाब मिल ही गया , जी यह भी एक मुर्गी का असली अंडा ही हे, यकिन नही हो रहा ना.... तो यहां देखे, लेकिन जाने से पहले हमारे एक मात्र विजेता को बधाई तो देते जाये, मेरी तरफ़ से भी हंस राज 'सुज्ञ'जी को बहुत बहुत बधाई.
बाकी सभी मित्रो का धन्यवाद जिन्होने इस पहेली मे हिस्सा लिया, या आये ओर आकर चले गये
हमारे आज के इकलोते विजेता हे हंस राज 'सुज्ञ जी' सुज्ञ वाले
तो जनाब अब आप को इस पहेली का जबाब मिल ही गया , जी यह भी एक मुर्गी का असली अंडा ही हे, यकिन नही हो रहा ना.... तो यहां देखे, लेकिन जाने से पहले हमारे एक मात्र विजेता को बधाई तो देते जाये, मेरी तरफ़ से भी हंस राज 'सुज्ञ'जी को बहुत बहुत बधाई.
बाकी सभी मित्रो का धन्यवाद जिन्होने इस पहेली मे हिस्सा लिया, या आये ओर आकर चले गये
नाम
पहेली
15 comments:
नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******
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भाटिया जी , अब मुर्गी ऐसे टेढ़े मेढ़े अंडे देगी तो इस में हमारा क्या कसूर है जी ।
ReplyDeleteहमने तो शेप देखकर इसे खीरा कहा था ।
ज़रूर इस मुर्गी ने खीरे खाए होंगे ।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें डंडों के साथ साथ अंडों से भी घबराना चाहिए। क्योंकि जब कभी भी ये पड़ते हैं तो ठंडा ही कर देते हैं। हा हा। है कि नहीं राज साहब ?
ReplyDeleteमुझे लगता है तुम एक नंबर के चूतिया हो
ReplyDeleteकभी अकल से कोई रिलेशन रहा भी है की नहीं ?
पता नहीं कहाँ कहाँ से उल्लू के पट्ठे यहाँ आ जाते हैं
@Abhinav Sathi अब मै चाहुं तो तुम पर मान हानि का मुकदमा ठोक सकता हुं, शायद तुम नाम बदल कर सोच रहे हो कि मै तुमे नही पहचाना, तो यह तुम्हारी गलती हे, लेकिन बिना मां बाप के बच्चे को मै माफ़ कर रहा हुं, क्योकि तुम्हे मां बाप का प्यार ही नही मिला तो अकल कोन देता, अगली बार साबधान रहना, हर बार नही छोडुंगा, ओर मेरे पास तुम्हारा सारा हिसाब किताब हे,मैने पैसे खर्च कर रखे हे, सिर्फ़ इस लिये कि तुम जेसे कुत्तो का पता लगता रहे, अगर अभी भी ना समभले तो फ़िर मत कहना,मै जिद पड अड जाऊ तो कोई मेरी जिद नही तोड सकता,एक बार तुम्हे पहले भी दुसरे नाम के कारण पकडा था तब तुम्हे इ मेल भी किया था, बस अब अपनी ऒकात मे रहो, वर्ना....
ReplyDeleteगजब की तस्वीर उठाई थी आपने।
ReplyDeleteऔर अच्छी फ़टकार लगाई उस साथी को ...
आप इतना गुस्सा करना भी जानते हैं ...!! बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
फ़ुरसत में आचार्य जानकीवल्लभ शास्त्री के साथ
मुर्गी ने भी कमाल कर दिया, अब फ़ैंसी अंडे भी देने लगी।
ReplyDeleteअजातशत्रु महाबाहू बसंत साहू से मिलिए
आजकल तो मुर्गीयंा भी शेप बदल बदल कर अंडे देने लगी।
ReplyDeleteसुज्ञ जी, व आपको बधाई
भाटिया जी , इस तरह की अनाम टिप्पणी को हटा देना चाहिए ।
ReplyDeleteनयी जानकारी मिली। --सुज्ञ जी को बधाई।
ReplyDeleteराज जी,
ReplyDeleteमैं ठहरा शाकाहारी तो आप सही-सही अंड़ा भी दिखा देते तो अपन को रसगुल्ला ही नजर आता, ये तो फिर भी एंड़-बैंड़ शेप का नमूना था :-)
सुज्ञ जी को बधाई.
ReplyDeleteYE lo jeeeeeeeee
ReplyDeleteab to sasuri MURGI bhi MODERN ho gai hai.
सुज्ञ जी को बधाई.हमें तो इस पोस्ट की लिंक ही नहीं मिली थी. वैसे मिल भी जाती तो हम पहचान नहीं सकते थे.
ReplyDeleteबडी बढिया जानकारी। आभार।
ReplyDelete---------
पति को वश में करने का उपाय।
जनाब जाकिर अली साहब की पोस्ट "ज्योतिषियों के नीचे से खिसकी जमीन : ढ़ाई हजा़र साल से बेवकूफ बन रही जनता?" पर निम्न टिप्पणी की थी जिसे उन्होने हटा दिया है. हालांकि टिप्पणी रखने ना रखने का अधिकार ब्लाग स्वामी का है. परंतु मेरी टिप्पणी में सिर्फ़ उनके द्वारा फ़ैलाई जा रही भ्रामक और एक तरफ़ा मनघडंत बातों का सीधा जवाब दिया गया था. जिसे वो बर्दाश्त नही कर पाये क्योंकि उनके पास कोई जवाब नही है. अत: मजबूर होकर मुझे उक्त पोस्ट पर की गई टिप्पणी को आप समस्त सुधि और न्यायिक ब्लागर्स के ब्लाग पर अंकित करने को मजबूर किया है. जिससे आप सभी इस बात से वाकिफ़ हों कि जनाब जाकिर साहब जानबूझकर ज्योतिष शाश्त्र को बदनाम करने पर तुले हैं. आपसे विनम्र निवेदन है कि आप लोग इन्हें बताये कि अनर्गल प्रलाप ना करें और अगर उनका पक्ष सही है तो उस पर बहस करें ना कि इस तरह टिप्पणी हटाये.
ReplyDelete@ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ ने कहा "और जहां तक ज्योतिष पढ़ने की बात है, मैं उनकी बातें पढ़ लेता हूँ,"
जनाब, आप निहायत ही बचकानी बात करते हैं. हम आपको विद्वान समझता रहा हूं पर आप कुतर्क का सहारा ले रहे हैं. आप जैसे लोगों ने ही ज्योतिष को बदनाम करके सस्ती लोकप्रियता बटोरने का काम किया है. आप समझते हैं कि सिर्फ़ किसी की लिखी बात पढकर ही आप विद्वान ज्योतिष को समझ जाते हैं?
जनाब, ज्योतिष इतनी सस्ती या गई गुजरी विधा नही है कि आप जैसे लोगों को एक बार पढकर ही समझ आजाये. यह वेद की आत्मा है. मेहरवानी करके सस्ती लोकप्रियता के लिये ऐसी पोस्टे लगा कर जगह जगह लिंक छोडते मत फ़िरा किजिये.
आप जिस दिन ज्योतिष का क ख ग भी समझ जायेंगे ना, तब प्रणाम करते फ़िरेंगे ज्योतिष को.
आप अपने आपको विज्ञानी होने का भरम मत पालिये, विज्ञान भी इतना सस्ता नही है कि आप जैसे दस पांच सिरफ़िरे इकठ्ठे होकर साईंस बिलाग के नाम से बिलाग बनाकर अपने आपको वैज्ञानिक कहलवाने लग जायें?
वैज्ञानिक बनने मे सारा जीवन शोध करने मे निकल जाता है. आप लोग कहीं से अखबारों का लिखा छापकर अपने आपको वैज्ञानिक कहलवाने का भरम पाले हुये हो. जरा कोई बात लिखने से पहले तौल लिया किजिये और अपने अब तक के किये पर शर्म पालिये.
हम समझता हूं कि आप भविष्य में इस बात का ध्यान रखेंगे.
सदभावना पूर्वक
-राधे राधे सटक बिहारी