1/9/11
बेचारी बिल्ली...मोसी
अजी देखिये शराफ़त की भी हद हो गई ना.... अब राम प्यारी ताऊ की तरह शरीफ़ है तो यह काला कॊवां ओर यह झवरा कुत्ता उसे चेन से नही रहने देता.यकिन ना आये तो खुद ही देख लो....
नाम
मजकिया फ़ुल झडी
8 comments:
नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******
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सही है-बेचारी बिल्ली.
ReplyDeleteशरीफो को सभी परेशान करतें है।
ReplyDeleteबिल्ली मोसी और कुकर मोसा की रब ने बना दी जोड़ी। आखिर मानव जीवन में भी वे लड़ते-भिड़ते, प्यार-पुचकार से ही तो जीते रहे थे :)
ReplyDeleteलगता है जैसे दाल भात में मूसल चंद आ गया हो । ( कौव्वा )
ReplyDeleteझबरु की अकेले हिम्मत नहीं पड़ रही होगी तभी उस्ताद को साथ लाया होगा।
ReplyDeleteइंसानों के लिए प्रेरणा स्रोत है तीनो !
ReplyDeleteजब भी कोई जीव जन्म लेता है तो उसका क्या होगा, वह क्या बनेगा, क्या करेगा यह कोई नहीं बता सकता। पर उसकी मौत एक न एक दिन जरूर होगी यह निश्चित होता है।
ReplyDeleteबढ़िया ...
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