6/20/12
निर्मल बाबा केवल एक नहीं है : अन्तर सोहिल
इंदु आहूजा, लाल किताब वाले गुरूदेव और अन्य बहुत सारे ज्योतिष बताने और यंत्र बेचने वाले टीवी चैनलों के जरिये धर्मांध जनता को शोषित कर रहे हैं। कई बार तो लगता है कि हिन्दु ही इतने अंधे हैं या कोई षडयंत्र चल रहा है। लगभग सभी के सभी हिन्दुओं से जुडी धार्मिक भावनाओं और मान्यताओं के आधार पर दोहन करते हैं। जैसे धन बढाने के लिये लक्ष्मी यंत्र आदि।
दूसरे चैनलों के साथ-साथ न्यूज चैनल भी विज्ञापनों के नाम पर धन कमाने के लिये इन अंधविश्वासों को बढावा दे रहे हैं। सभी गुरू और यंत्र बेचने वाले मानव प्रजाति को हर दुख-क्लेश से छुटकारा दिलाने और ग्रहदशा के प्रभाव को बदलने का प्रयास करते और आसान उपाय बताते हैं।
क्या विज्ञापनों के नाम पर दिखाये जाने वाले, अंधविश्वास फैलाने वाले और केवल एक फोन कॉल पर (इनकी फोन कॉल 12 रुपये प्रति मिनट होती है) हर दुख दूर करने का दावा करने वाले इन कार्यक्रमों पर रोक नहीं लग सकती है।
अगर आप इन बाबाओं पर विश्वास करते हैं और अपना ब्लॉग भविष्य सुखद चाहते हैं तो ताऊ बाबा, टिप्पल बाबा और आसमानी बाबा के दरबार में भी हाजिरी लगा लीजिये।
नाम
Antar Sohil,
अन्तर सोहिल,
शिकायत,
समस्या
9 comments:
नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******
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कैसे निजात मिले इन बहुरूपियों से!
ReplyDeleteअच्चा आलेख!
इसको साझा करने के लिए आभार!
इन बाबओ ने तो लुट मचाई ही हे, इन का कोई कसूर नही , क्योकि इन का धंधा हे यह... लेकिन जो लोग इन के चुगल मे फ़ंसते हे वो महा मु्र्ख लोग हे, अगर थोडा भी दिमाग से काम ले तो इन सभी बाबओ का काम चले ही ना... लेकिन आम लोग अपने लालच मे आ कर इन के चुगल मे फ़ंसते हे, ओर ज्यादातर अमीर या पैसे वाले ही फ़ंसते हे जो धन के साथ साथ अपने घर की इज्जत भी इन की झोली मे डाल देते हे, कई बाबे तो बेटा होने का प्रसाद भी देते हे.... अब वो प्रसाद कैसे ओर कहां देते होंगे यह लोग समझ ही गये होंगे....
ReplyDeleteसुंदर रचना एवं अभिव्यक्ति "सैलानी की कलम से" ब्लॉग पर आपकी प्रतिक्रिया की प्रतिक्षा है।
ReplyDeleteहम ही क्यूं फसने जाते हैं इन बाबाओं के चंगुल में, इनसे तो दूर ही रहना अच्छा ।
ReplyDeleteभारत बाबाओं का देश है
ReplyDeleteBahut sahi
ReplyDeleteसोहिल जी, सही कहा आपने! यदि यंत्रों से ही धन मिलता तो किसी को भी कोई काम नही करना पड़ता. लेकिन भोली-भाली जनता इन बाबओं की बातों मे आ जाती है.
ReplyDeleteबिल्कुल सही कहा आपने। आजकल बाजार में अंधविश्वास की बड़ी मांग है। पढ़े लिखे लोगों को यह धंधा मुनाफे वाला लग रहा है।
ReplyDeleteबाबाओं की दुकान खूब चल रही हैं, लेकिन आपने .ब्लॉग बंद क्यों कर दिया?
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