5/6/08

एक शिकायत इस रुप मे भी

मुझे नही पता कोन गीत कार हे, किस ने लिखा हे बस शिकायत पसंद आई ओर आप कॊ पेश कर दी..
एक शिकायत अपने बाबा (पिता )से...

7 comments:

  1. ऐसी शिकायत कि डूब के सुनी. आँखें नम हो गई. बहुत प्यारी शिकायत है.

    ReplyDelete
  2. बेहद सुंदर, बहुत पसंद आया ।

    ReplyDelete
  3. आप की शिकायत सुन कर बहुत अच्छा लगा.....आप भी सोच रहे होंगे कि अच्छा लगा (!)...नहीं नहीं मैं सैडिस्टिक नहीं हूं....लेकिन आप की शिकायत हम सब को भी कहीं का कहीं ले गई।

    ReplyDelete
  4. वाह.. बहुत बढ़िया भाटिया साहब..

    ReplyDelete
  5. सच में बहुत प्यारी शिकायत .

    ReplyDelete
  6. आँखे नम हो गयीं है ..बहुत ही दिल को छुने वाली शिकायत है यह ..

    ReplyDelete
  7. आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद.

    ReplyDelete

नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******

Note: Only a member of this blog may post a comment.

मुझे शिकायत है !!!

मुझे शिकायत है !!!
उन्होंने ईश्वर से डरना छोड़ दिया है , जो भ्रूण हत्या के दोषी हैं। जिन्हें कन्या नहीं चाहिए, उन्हें बहू भी मत दीजिये।