5/13/08

नमस्ते, नमस्कार, सलाम अलविदा..


सब दोस्तो को नमस्कार..

5 comments:

  1. आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद, मन तो नही करता कि जाऊ क्योकि आप सब ने इतना प्यार दिया हे, लेकिन अब यहां कुछ अजीब सा लगता हे, इस लिये आज यह मेरी आखरी पोस्ट हे, वेसे मे आता रहुगा टिपण्णी के रुप मे.

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  2. 'लेकिन अब यहां कुछ अजीब सा लगता हे,'


    लगता है किसी बात ने आपके दिल को चोट पहुँचायी है। हम आपको नही जाने देंगे। हम सब आपके साथ है और लगातार आपको पढना चाहेंगे।


    आपने ही जिद कर मुझे रोका है। अब आप जाने की बात न करे।

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  3. अरे ऐसा क्या हो गया राज जी।

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  4. नमस्कार पर अलविदा नहीं !

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नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******

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मुझे शिकायत है !!!

मुझे शिकायत है !!!
उन्होंने ईश्वर से डरना छोड़ दिया है , जो भ्रूण हत्या के दोषी हैं। जिन्हें कन्या नहीं चाहिए, उन्हें बहू भी मत दीजिये।