7/21/08
अरे वाह क्या समानता हे
जब भी मैं तुम्हें देखता हूं तो मुझे प्यारे लाल की याद आ जाती है।' ' लेकिन मुझमें और प्यारेलाल में कोई समानता तो है नहीं।' ' है क्यों नहीं? तुम दोनों ने ही मुझसे सौ-सौ रुपए उधार ले रखे हैं।'
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एक दिन जनरल मुशर्रफ बोर हो गए। वह भेस बदल कर अपने महल से निकले और टहलते हुए एक बड़ी नहर पर पहुंच और किनारे बैठ कर पैर पानी में डुबो दिए। ठंडी हवा और ठंडे पानी का लुत्फ ले रहे थे कि फिसल कर नहर में गिर गए और डूबने लगे। वह चिल्लाए: 'बचाओ, बचाओ ...' वहां से तीन नौजवान गुजर रहे थे। उन्होंने देखा और उनमें से दो भाग खड़े हुए। तीसरा कूद गया और जनरल साहब को बचा लाया। जनरल बोले: 'मैं तुम्हारा शुक्रिया कैसे करूं? तुम्हें जो चाहिए, मांग लो।' नौजवान न, न, न करता रहा। जब जनरल मुशर्रफ ने इसरार किया तो कहने लगा: 'मेरी कब्र पर लगाने के लिए संगमरमर का खूबसूरत पत्थर बनवा दीजिए, जिस पर लिखा हो, नईम अली जिसने जनरल मुशर्रफ की जान बचाई।' जनरल बड़े हैरान हुए: 'मगर तुम तो नौजवान हो, अभी मरने की बात क्यों कर रहे हो?' नौजवान बोला: 'मेरे साथ मेरे जो दो दोस्त थे, उन्होंने अब तक लोगों को बता दिया होगा और अब लोग मुझे जिंदा नहीं छोड़ेंगे।'
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एक दिन जनरल मुशर्रफ बोर हो गए। वह भेस बदल कर अपने महल से निकले और टहलते हुए एक बड़ी नहर पर पहुंच और किनारे बैठ कर पैर पानी में डुबो दिए। ठंडी हवा और ठंडे पानी का लुत्फ ले रहे थे कि फिसल कर नहर में गिर गए और डूबने लगे। वह चिल्लाए: 'बचाओ, बचाओ ...' वहां से तीन नौजवान गुजर रहे थे। उन्होंने देखा और उनमें से दो भाग खड़े हुए। तीसरा कूद गया और जनरल साहब को बचा लाया। जनरल बोले: 'मैं तुम्हारा शुक्रिया कैसे करूं? तुम्हें जो चाहिए, मांग लो।' नौजवान न, न, न करता रहा। जब जनरल मुशर्रफ ने इसरार किया तो कहने लगा: 'मेरी कब्र पर लगाने के लिए संगमरमर का खूबसूरत पत्थर बनवा दीजिए, जिस पर लिखा हो, नईम अली जिसने जनरल मुशर्रफ की जान बचाई।' जनरल बड़े हैरान हुए: 'मगर तुम तो नौजवान हो, अभी मरने की बात क्यों कर रहे हो?' नौजवान बोला: 'मेरे साथ मेरे जो दो दोस्त थे, उन्होंने अब तक लोगों को बता दिया होगा और अब लोग मुझे जिंदा नहीं छोड़ेंगे।'
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नाम
मजकिया फ़ुल झडी
6 comments:
नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******
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बहुत बढिया!!
ReplyDeleteaaj ki muskaan....
ReplyDelete:)
ReplyDeleteअच्छा लिखा है
ReplyDeleteवैसै मैं होता तो मुशर्रफ को बचाता ही नही
इसे कहते हैं ..every dog has a day .
ReplyDeleteबेचारा मुशर्रफ़ ....
bhut badhiya samanata hai. achhe cutukale. jari rhe.
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