7/23/08

यह केसी शिकायत

यह गीत नही मेरे दिल की आवाज हे,ओर इसे समझने वाले बहुत कम हे


6 comments:

  1. बहुत बढिया गीत सुनवाया-

    बस यही अपराध मैं हर बार करता हूँ
    आदमी हूँ आदमी से प्यार करता हूँ।

    आभार।

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  2. bhut badhiya gaana. aadmi hun aadmi ko pyar karta hun. sahi hai isko samjhane vale bhut kam hai.

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  3. भाई भाटिया जी क्यों उस जमाने की याद दिलाण लाग रे हो ! भाई यो सनीमा हमने देख्या था तब हम नए नए जवान होण लाग रे थे !
    और कलकत्ता के राक्शी सिनेमा हाल में डेढ़ रु. की
    बालकनी की टिकट ५ रु. में ब्लेक में खरीदी थी !
    और उस बार हम पकडे गए थे और म्हारे बाबू (पिताजी) नै म्हारे और म्हारे दोस्त के हाड कूट दिए थे ! इस करके आज भी याद सै यो फ़िल्म तो !
    और शायद हिरोइन थी मम्मीजी ( मेरी नही
    करीना करीश्मा की ) !
    पहचान कौन ?

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  4. आदमी हूँ आदमी से प्यार करता हूँ।

    ---वाह, ऐसी शिकायत तो रोज हो..!!

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  5. मनोज जी से मुझे शिकायत है. आदमी से प्यार करने को वह अपराध कह रहे हैं. अगर यह बाकई अपराध है तब यह अपराध मैं हर पल करता हूँ.

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मुझे शिकायत है !!!

मुझे शिकायत है !!!
उन्होंने ईश्वर से डरना छोड़ दिया है , जो भ्रूण हत्या के दोषी हैं। जिन्हें कन्या नहीं चाहिए, उन्हें बहू भी मत दीजिये।