7/15/08

जाट के छोरे की शिकायत

भाई सभी दुखी हे आप भी जाट भाई के दुख मे थोडा होसला दे.

6 comments:

  1. भाई मज्जा आग्या!

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  2. main bhi shaamil hun Raj ji,nice post

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  3. राज जी
    बहुत बढ़िया । सुनकर अच्छा लगा। हास्य भी साहित्य का एक आवश्यक अंग है। बधाई स्वीकारें।

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  4. भाई भाटिया जी थमने तो चाल्हे रौप राखे सै | इब तक तो हम इन दोनु की कसेट ही
    सुन्या करते थे ! इब तो हमने थारे ब्लॉग का परमामेंट कनक्शन म्हारे लपटप (laptop) में घलवा लिया सै ! इब तो back ground में आज यो ही बाजैगा ! घना धन्यवाद थाने !

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मुझे शिकायत है !!!

मुझे शिकायत है !!!
उन्होंने ईश्वर से डरना छोड़ दिया है , जो भ्रूण हत्या के दोषी हैं। जिन्हें कन्या नहीं चाहिए, उन्हें बहू भी मत दीजिये।