11/19/09
आओ आप को ले चले बीते दिनो मै...अन्ताक्षरी १
जी आज से मैने सोचा क्यो ना हम उन दिनो मे चले, जो हम सब ने एक से बिताये हो,यानि जब भी हमे समय होता था तो सब कभी कभी अन्ताक्षरी खेला करते थे, यानि लडी बार गीत गाना, ओर फ़िर मेरे जेसे हेरा फ़ेरी कर के जोर जबर्दस्ती से जीत जाते थे, गलत मलत गीत गा कर, बहुत सुंदर समय था वो बचपन का.
तो चलिये आज से सिल सिला शुरु करते है उन पलो का फ़िर से, मै अन्त मै एक शब्द आप को दुंगा, आप ने उस शव्द से कोई एक गीत की कम से कम दो लाईने लिखनी है, ओर उस लाईन के आंतिम शव्द से अगला गीत शुरु करना है, आप सब ने बस एक धयान रखना है कि एक गीत इस अन्ताक्षरी मै सिर्फ़ एक बार ही लिखे, वेसे आप चाहे कितनी बार भी कितने ही अलग अलग गीत लिखे.
ओर इस मे विजेता वो होगा जो सब से ज्यादा गीत लिखे गा, यह अन्ताक्षरी (मुझे यह शव्द भूल गया है केसे लिखना है) रवि वार तक, ओर इस के परिणाम के संग ही दुसरी अन्ताक्षरी शुरु हो जायेगी, लेकिन आप सब ने आज मुझे इस मै अपनी राय भी देनी है, कि इस मै ओर क्या क्या सुधार किये जाये, यानि अभी तो यह पहला प्रयास है. तो आप सब तेयार है.
यह गीत है तलत की आवज मै ....
अंधे जाहन के, अंधे रास्ते... जाये तो जाये कहा,
दुनिया तो दुनिया, तु भी पराया हम यहां ना वहां.
देखे इस बार पहला विजेता कोन बनता है
तो चलिये अब ह या हा से कोई गीत फ़िर उसे से आगे आगे आप को पता ही है.....
ओर आप सब ने अपनी अपनी राय जरुर देनी है सुधार के बारे, ताकि अगली अन्ताक्षरी उस सुधार के संग आये
तो चलिये आज से सिल सिला शुरु करते है उन पलो का फ़िर से, मै अन्त मै एक शब्द आप को दुंगा, आप ने उस शव्द से कोई एक गीत की कम से कम दो लाईने लिखनी है, ओर उस लाईन के आंतिम शव्द से अगला गीत शुरु करना है, आप सब ने बस एक धयान रखना है कि एक गीत इस अन्ताक्षरी मै सिर्फ़ एक बार ही लिखे, वेसे आप चाहे कितनी बार भी कितने ही अलग अलग गीत लिखे.
ओर इस मे विजेता वो होगा जो सब से ज्यादा गीत लिखे गा, यह अन्ताक्षरी (मुझे यह शव्द भूल गया है केसे लिखना है) रवि वार तक, ओर इस के परिणाम के संग ही दुसरी अन्ताक्षरी शुरु हो जायेगी, लेकिन आप सब ने आज मुझे इस मै अपनी राय भी देनी है, कि इस मै ओर क्या क्या सुधार किये जाये, यानि अभी तो यह पहला प्रयास है. तो आप सब तेयार है.
यह गीत है तलत की आवज मै ....
अंधे जाहन के, अंधे रास्ते... जाये तो जाये कहा,
दुनिया तो दुनिया, तु भी पराया हम यहां ना वहां.
देखे इस बार पहला विजेता कोन बनता है
तो चलिये अब ह या हा से कोई गीत फ़िर उसे से आगे आगे आप को पता ही है.....
ओर आप सब ने अपनी अपनी राय जरुर देनी है सुधार के बारे, ताकि अगली अन्ताक्षरी उस सुधार के संग आये
नाम
अन्ताक्षरी
133 comments:
नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******
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होठों से छू लो तुम मेरे गीत अमर कर दो..
ReplyDeleteबन जाओ मीत मेरे, मेरी प्रित अमर कर दो..
बड़ा मजा आने वाला है..
दूरियां नजदीकिया बन गई अजब इत्तफाक है
ReplyDeleteकह डाली कितनी बाते अनकही अजब इत्तफाक है
अरे भाटिया साहब, शुरू हो जाने दीजिये, सुझाव अपने आप आजायेंगे !
हम प्यार में जलनेवालों को
ReplyDeleteचैन कहाँ, हाय, आराम कहाँ
बैठे बैठे क्या करें करना है कुछ काम
ReplyDeleteशुरू करें अन्ताक्षरी ले हरी का नाम
शनिवार को दोपहर बाद इन्ही लाइनों के साथ अन्ताक्षरी शुरू हुआ करती थी | आज आपने उसी की याद ताजा करा दी |
खेल तो सचमुच अच्छा है .. पर मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि अभी मुझे गीत किस शब्द से लिखना चाहिए !!
ReplyDeleteहम तुम एक कमरे में बंद हों
ReplyDeleteऔर चाबी खो जाये
हम हैं राही प्यार के हम से कुछ न पूछिये
ReplyDeleteजो भी राह में मिला हम उसी के हो लिये
सचमुच मजा आयेगा
ReplyDeleteबहुत कुछ याद आ गया
प्रणाम स्वीकार करें
अवधिया जी ने "य" दिया है तो
ReplyDeleteये गलियां ये चौबारा
यहां आना ना दोबारा
के हम तो भए परदेसी
तेरा यहां कोई नहीं
लो जी फिर "ह" पर आ गये
हम तुमसे जुदा होके ... मर जाएंगे रो रोके !!
ReplyDeleteहाँ दीवाना हूँ मैं
ReplyDeleteगम का मारा हुआ
इक दीवाना हूँ मैं
हाय रे हाय नींद नहीं आये
आया प्यार भरा मौसम सुहाना
हमने तुझको प्यार किया है जितना
कौन करेगा उतना
हमने देखी है इन आँखों की महती खुशबू
हाथ से छू के इसे रिश्तों का इल्जाम न दो
हमें तुम से प्यार कितना ये हम नहीं जानते
मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना
होठों पे ऐसी बात मैं दबा के चली आई
खुल जाये वही बात जो दुहाई है दुहाई
हमीं से मोहब्बत हमीं से लड़ाई
अरे मार डाला दुहाई दुहाई
है अपना दिल तो आवारा
न जाने किस पे आयेगा
हमारी साँसों में आज तक वो
हिना की खुशबू महक रही है (नूरजहाँ का गाया पाकिस्तानी गीत)
संगीता जी ने 'क' दिया है तो उससे
ReplyDeleteकहाँ ले चले हो
बता दो मुसाफिर
सितारों से आगे
ये कैसा जहाँ है
होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा
ReplyDeleteज़हर चुपके से दवा जानके खाया होगा
अगला शव्द गा
गाता रहे मेरा दिल तू ही मेरी मंजिल ,कहीं बीते न यह राते ,कहीं बीते न यह दिन ....
ReplyDeleteगीत गाता चल ओ साथी मुस्कुराता चल !!
ReplyDeleteसंगीता जी ना शव्द है गा नही यानि अगला गीत न से शुरु करनाहै
ReplyDeleteराज भाटिया जी .. मैने आपके गाने को देखकर 'ग' से लिखा .. पर ठीक उसी समय रंजना भाटिया जी ने भी एक गाना 'ग' से लिख दिया .. देखिए एक ही समय है दोनो का .. दोनो साथ साथ टाइप कर रहे थे .. और साथ साथ पोस्ट किया .. वैसे 'न' से भी गाना बताना आसान ही है ....
ReplyDeleteना ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे !!
भई जब एक ही समय मै दो लोग गाने दे तो जिस की टिपण्णी पहले होगी सेकिंडो के हिसाब से अगला गीत भी वही से शुरु करना होगा, अगर शवद तो ठा है जी बहुत कठीन लेकिन ठ से भी बहुत से गीत है.... देखे कोन पहले आता है इस ठ पर गीत ले कर
ReplyDeleteठुमक चलत रामचंद्र बाजत पैजनियां !!
ReplyDeleteओह सॉरी .. मुझे शायद नहीं देना था अभी .. ब्लाग में अंतराक्षरी .. अभी समझ में नहीं आ रहा !!
ReplyDeleteना ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे
ReplyDeleteकरना था इनकार मगर इकरार तुम्हीं से कर बैठे
अरे भाई जब तक हम टिप्पणी करें दूसरों का गाना तब तक आ गया होता है!
ReplyDeleteअवधिया जी पहली बात कि ये गाना हो चुका है .. और दूसरी बात कि आपको य से गाना है !!
ReplyDeleteराज भाटिया जी .. ये समस्या कैसे दूर होगी ??
ReplyDeleteबस जल्दी से लिखे ओर टिपण्णी दे दे, जो पहले आयेगा लाईन मै तो वो ही माना जायेगा, बाद वाला पीछे, अब संगीता जी ने या शब्द दिया है.... या
ReplyDeleteये दुनियां ये महफ़िल मेरे काम की नही.
ReplyDeleteरामराम.
भाटिया जी आईडिया तो बहुत जोरदार है पर अभी इसके कानून कायदे समझ कोनी आरहे सैं. जरा समझावो.
ReplyDeleteरामराम.
ताऊ जी जिस शव्द पर गीत खत्म होगा दुसरा वही से शुरु करना है जेसे आप नए नही से खत्म किया तो यह रहा ह से अगला गीत
ReplyDeleteहोठों पे सच्चाई रहती है
जहाँ दिल में सफ़ाई रहती है
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है
अगला गीत भी ह से ही शुरु होगा
हम तुमसे जुदा होके मर जायेंगे रो रो के.
ReplyDeleteरामराम.
कोयल बोली दुनिया डोली !!
ReplyDeleteलो आगई उनकी याद वो नही आये.
ReplyDeleteरामराम.
ये गलियां ये चौबारा यहां आना ना दोबारा !!
ReplyDeleteरात कली इक ख्वाब में आई और गले का हार हुई..
ReplyDeleteसुबह को हम जब निंद से जागे आंख उन्ही से चार हुई...
राम करे ऐसा हो जाये, मेरी निंदियां तोहे लग जाये
ReplyDeleteमैं जागूं और तू सो जाये.
रामराम.
इमली का बूटा बेरी का बेर ..इमली खट्टी मीठे बेर !!
ReplyDeleteइना मीना डीका
ReplyDeleteरामराम.
इना मीना डीका
ReplyDeleteरामराम
रात और दिन दिया जले
ReplyDeleteफ़िर भी मेरे मन मे अंधियारा है.
रामराम
हमें तुमसे प्यार कितना ये हम नहीं जानते
ReplyDeleteमगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना..
नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए , बाकी जो बचा था सारे चोर ले गए !!
ReplyDeleteए मेरे प्यारे वतन, ए मेरे प्यारे चमन..
ReplyDeleteतुझ पै दिल कुर्बान..
ए गुलबदन..ए गुलबदन..फ़ूलों सी महक काटों सी चुभन
ReplyDeleteतुझे देखके कहता है मेरा मन,
कही आज मुझे मुहब्बत ना हो हो जाये.
रामराम
नन्हा मुन्ना राही हूं देश का सिपाही हूं बोलो मेरे संग जय हिंद जय हिंद !!
ReplyDeleteदिल की ये आरज़ू थी कोई दिलरुबा मिले
ReplyDeleteदेखें हमें नसीब से अब अपने क्या मिले
अब तक तो जो भी दोस्त मिले बेवफा मिले
लल्ला लल लौरी दूध की कटोरी दूध में बताशा मुन्नी करे तमाशा !!
ReplyDeleteशायद मेरी शादी का खयाल दिल में आया है
ReplyDeleteइसीलिए मम्मी ने मेरी तुम्हें चाय पै बुलाया है
हम बने तुम बने एक दूजे के लिए !!
ReplyDeleteएक मैं और एक तू
ReplyDeleteदोनों मिले इस तरह
और जो तन मन पै हो रहा है
वो तो होना ही था
थोड़ा रुक जायेगी तो तेरा क्या जायेगा
ReplyDeleteनैन भर के देख लेंगे चैन आ जायेगा
ओ कामिनी, ओ कामिनी
थोड़ रुक जायेगी
गोरे गोरे मुखड़े पै काला काला चश्मा
ReplyDeleteतौबा खुदा खैर करे खूब है करिश्मा
अन्ताक्षरी तो खैर चलती रहेगी पर बीच में समय मिला है तो इतना कह दूँ कि राज भाटिया जी ने पहेली प्रथा शुरू की खूब हिट हुई मज़ेदार ।
ReplyDeleteअब यह तो और भी मज़ेदार मसाला लाये हैं । जितनी तारीफ़ की जाय कम है ।
लगता है सब सो गये ?
ReplyDeleteमन डोले मेरा तन डोले
ReplyDeleteमेरे दिल का गया करार रे
ये कौन बजाये बांसुरिया
सोये नही सोच रहे है सब चलिये "य" शव्द से
ReplyDeleteयाद में तेरी जाग जाग के हम रात भर करवटें बदलते हैं
ReplyDeleteदिल में तेरी उल्फत के धीमे धीमे चराग जलते हैं
हाँ, मैं ने भी प्यार किया
ReplyDeleteप्यार से कब इंकार किया
भीगी-भीगी रातें, मीठी-मीठी बातें
और मैं ने दिल को निसार किया
ये गलियाँ ये चौबारा
ReplyDeleteयहाँ आना ना दोबारा
अब हम तो भये परदेशी कि तेरा यहाँ कोई नहीं
हम ने जो देखे सपने, सच गो गए वो अपने
ReplyDeleteओ मेरे साजना दिन आ गए हैं प्यार के
मेरे साजना दिन आ गए क़रार के
कितना प्यारा वादा है इन मतवाली आँखों का
ReplyDeleteइस मस्ती में सूझे ना क्या कर डालूँ हाल
मोहे सम्हाल ।
क्या खूब लगती हो , बडी सुaदर दिखती हो !!
ReplyDeleteलाखों तारे आसमां में एक मगर ढूंढे न मिला !!
ReplyDeleteलेकर हम दीवाना दिल
ReplyDeleteफिरते हैं मंजिल मंजिल
ले के पहला पहला प्यार भरके आंखों में खुमार
ReplyDeleteजादू नगरी से आया है कोई जादूगर !!
रोते रोते हँसना सीखो
ReplyDeleteहँसते हँसते रोना
नफरत करनेवालों के सीने में प्यार भर दूं !!
ReplyDeleteरोते रोत हँसना सीखो
ReplyDeleteहँसते हँसते रोना
जितनी चाबी भरी
राम ने उतना चले खिलौना
दे दी हमें आजादी बिना खड्ग बिना ढाल
ReplyDeleteसाबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
लाख छुपाओ छुप न सकेगा राज हो कितना गहरा
ReplyDeleteदिल की बात बता देता है, असली नक़ली चेहरा
लाल छडी मैदान खडी !
ReplyDeleteदिल विल प्यार व्यार मैं क्या जानूँ रे
ReplyDeleteराम तेरी गंगा मैली हो गयी
ReplyDeleteपापियों के पाप धोते धोते
अजी र शव्द से शुरु करना है
ReplyDeleteडिम डिम डिगा डिगा मौसम भिगा भिगा
ReplyDeleteतेरी याद दिल से, भुलाने चला हूँ
ReplyDeleteके खुद अपनी हस्ती, मिटाने चला हूँ
भाटिया जी कृपया 'अक्षर' को 'शब्द' न बोलें ।
ReplyDeleteन हम तुम्हे जाने , न तुम हमें जानो
ReplyDeleteमगर लगता है जैसे की ,मेरा हमदम मिल गया
हम तुम्हारे हैं तुम्हारे सनम
ReplyDeleteजानेमन मुहब्बत की
हर कसम की कसम
आर्य जी ह अक्षर से शुरु करे जल्द
ReplyDeleteमेरी तसवीर लेकर क्या करोगे तुम मेरी तसवीर लेकर
ReplyDeleteमेरी तसवीर लेकर क्या करोगे तुम मेरी तसवीर लेकर
रुला के गया सपना मेरा
ReplyDeleteबैठी हूँ कब हो सबेरा
हजारों ख्वाहिसे ऐसी की हर ख्वाहिश पे दम निकले
ReplyDeleteबहुत निकले मेरे अरमान लेकिन कम निकले
रंग-बिरंगी राखी लेके आई बहना
ReplyDeleteओ राखी बँधवा ले मेरे वीर
भाई जी
ReplyDeleteये तो एक्सप्रेस चल रही है, लिखने से पहले ही अक्षर बदल जा रहा है
रुक जा ओ जाने वाली रुक जा
ReplyDeleteमैं हूँ राही तेरी मंजिल का
आर्य जी ओर अर्कजेश जी वा अन्य साथियो आप हर गीत के आखरी अक्षर को देखे ओर वही से अगला गीत शुरु करे
ReplyDeleteरत कली मेरे ख्वाब में आई और गले का हार हुयी
ReplyDeleteसुबह को जब मै नीद से जगा आँख उन्ही से चार हुई
लेके पहला पहला प्यार
ReplyDeleteभर के ऑखों में खुमार
जादू नगरी से आया है
कोई जादूगर
राम करे ऐसा हो जाये
ReplyDeleteमेरी निंदिया तोहे मिल जाये
मैं जगुन तू सो जाये
अभी क से बोलना है जी
ReplyDeleteकुछ तो लोग कहेंगे
ReplyDeleteलोंगो का काम है कहना
नाम गुम जाएगा
ReplyDeleteचेहरा ये बदल जाएगा
किस न ... चिलमन से मारा
ReplyDeleteहाय ...
किस न चिलमन से मारा
अरे, नज़ारा मुझे किस न चिलमन से मारा
नज़ारा मुझे किस न चिलमन से मारा
लगा दो आग चिलमन में
ReplyDeleteन मैंने मारा न तुमने मारा
रुक जा ओ जाने वाले रुक जा
ReplyDeleteमैं हँ इक राही तेरी मंजिल का
ये हो चुका है
ReplyDeleteगाड़ी बुला रही है, सीटी बजा रही है
ReplyDeleteचलना ही ज़िंदगी है, चलती ही जा रही है
कमबख्त इश्क है जो
ReplyDeleteसारा जहाँ है वो
कब आता है
कब जाता है
हमने तुमको देखा तुमने हमको देखा ऐसे
ReplyDeleteभाटिया जी, आपकी ये अन्ताक्षरी जरूर रामप्यारी का रिकार्ड तोडने वाली है :)
ReplyDeleteसज गयी बारात तो क्या
ReplyDeleteआई न मिलन की रात तो क्या
बिन फेरे हम तेरे , बिन फेरे हम तेरे
रंग और नूर की बारात किसे पेश करूँ
ReplyDeleteये मुरादों की हँसी रात किसे पेश करूँ
रुप तेरा मस्ताना
ReplyDeleteप्यार मेरा दीवाना
भूल कोई हमसे
न हो जाये
रात कली एक ख्वाब में आयी और गले का हार बनीं !!
ReplyDeleteये दिल ना होता बेचारा कदम न होते आवारा !!
ReplyDeleteरहा गर्दिशों में हरदम
ReplyDeleteमेरे इश्क का सितारा
कभी डगमगाई कश्ती
कभी खो गया किनारा
रुक जा वो जाने वाले रुक जा मैं हूँ राही तेरी मंज़िल का,
ReplyDeleteनज़रों में तेरी बुरा हू सही, आदमी बुरा नही मई दिल का,
हो चुका है ये तो जी
ReplyDeleteराम जी की निकली सवारी
ReplyDeleteराम जी की लीला है न्यारी
राज ए दिल हम से छुपाया न गया
ReplyDeleteयादों की बारात ले कर हैं निकले
ReplyDeleteदिल के द्वारे
भाटिया जी ये तो बहुत बडिया प्रयास शुरू किया इसके रुल भी लिख देते कि कब तक चलेगा क्या रोज़ इसी पर आगे चलेगी अन्तराक्षरी? धन्यवाद
ReplyDeleteरोज रोज रोजी तुमको प्यार करता है
ReplyDeleteऐ मैन तुम काहे को इन्कार करता है
हर खुशी हो वहॉं तू जहॉं भी रहे
ReplyDeleteजिंदगी हो वहॉं तू जहॉं भी रहे
रणजी म्हारे गुस्से में आये,
ReplyDeleteअगिया बरसाए ........थर्राए नैन,
जैसे ओह जैसे ,
दूर देश के टावर में घुस जाये एरोप्लेन !!
हीर जाने आळी
ReplyDeleteरुक जइये जरा
खता मेरी क्या है
बतइये जरा
हाल चल ठीक थक है सब कुछ ठीक ठाक है
ReplyDeleteb.a किया है में.a किया ...लगता है वोह भी एवे किया काम नहीं है वर्ना यहं आप की दुआ से सब ठीक ठाक है
रणजी म्हारे गुस्से में आये,
ReplyDeleteअगिया बरसाए ........थर्राए नैन,
जैसे ओह जैसे ,
दूर देश के टावर में घुस जाये एरोप्लेन !!
निर्मला जी आज पहल दिन है, मुझे आप सब की राय की जरुरत है, साथ साथ मै अपनी राय भी दे. धन्यवाद
ReplyDeleteहम तो हार मानते है भाई जी ............जब तक हम लिखते है कुछ का कुछ हो चूका होता है !
ReplyDeleteराही मनवा दुख की चिंता क्यों सताती है
ReplyDeleteदुख तो अपना साथी है
रामा हो रामा
ReplyDeleteहमने गांव की गलियों में
देखी था पनिहारियां
चक्कर खा गए हम तो रे भैय्या
देख शहर की ना3रियां।
वैसे आप लाये है दूर की कौड़ी ! बधाई और शुभकामनाएं !
ReplyDeleteहाल कैसा है जनाब का
ReplyDeleteह से बोलना था
ReplyDelete। मै
तो चला
कह दो कोई न करे यहाँ प्यार
ReplyDeleteइस में ख़ुशियाँ हैं कम
बेशुमार हैं ग़म
हम ने तो कभी खेला ही नहीं :)
ReplyDeleteमुझे इश्क है तुझी से, मेरी जाने जिंदगानी
ReplyDeleteतेरा पास मेरा दिल है मेरे प्यार की निशानी
'न' से...
नैनों में बदरा छाए, बिजली सी चमके हाए
ReplyDeleteऐसे में बलम मोहे, गरवा लगा ले
nice idea--
ReplyDeletegeet hoga---
le kar ham diwna dil
phirte hain manzil manzil...
लाख छुपाओ छुप न सकेगा राज हो कितना गहरा
ReplyDeleteदिल की बात बता देता है, असली नक़ली चेहरा
रिमझिम के गीत सावन गाये
ReplyDeleteहाये, भीगी भीगी रातों में
मैं जिंदगी का साथ निभाता चला गया .. हर फिक्र को धुंएं में उडाता चला गया!!
ReplyDeleteये दुनियां ये महफ़िल मेरे काम की नही.
ReplyDeleteरामराम.