11/21/09
अन्ताक्षरी ३ गीतो भरी
नमस्कार आप सभी को, आज की आंताक्षरी १०,०० बजे भारतीय समय अनुसार शुरु की है, ओर यह भारतीया समय अनुसार रात १०,०० बजे तक चलेगी, यानि सुबह १०,०० बजे से रात १०,०० बजे तक, आगे आप सब भी अपनी अपनी राय दे, कल से मेरे साथ मेरे साथी के रुप मे अन्तर सोहिल जी भी मिल कर इस श्रांखला को आगे बढायेगे.
आप सब की राय की हमे सख्त जरुरत है, ओर इस समय के बारे जरुर बताये यह समय आप सब को केसा लगा
आज के विजेता है संगीता पुरी जी ओर फ़िर समीर लाल जी भी अपना नाम विजेतओ मै लिखवाने मै सफ़ल रहे, क्योकि समय तो रात एक बजे है ओर संगीता जी अंत तक डटी रही, १,०१ ओर फ़िर १,११ तक संगीता जी रही फ़िर समीर जी आ गये.समय के अनुसार तो संगीता जी जीती.
आज की पहेली इस भजन के आंतिम शव्द से शुरु होगी....
अल्लाह तेरो नाम, ईश्वर तेरो नाम
अल्लाह तेरो नाम, ईश्वर तेरो नाम
सबको सन्मति दे भगवान
सबको सन्मति दे भगवान
अल्लाह तेरो नाम ...
आप सब की राय की हमे सख्त जरुरत है, ओर इस समय के बारे जरुर बताये यह समय आप सब को केसा लगा
आज के विजेता है संगीता पुरी जी ओर फ़िर समीर लाल जी भी अपना नाम विजेतओ मै लिखवाने मै सफ़ल रहे, क्योकि समय तो रात एक बजे है ओर संगीता जी अंत तक डटी रही, १,०१ ओर फ़िर १,११ तक संगीता जी रही फ़िर समीर जी आ गये.समय के अनुसार तो संगीता जी जीती.
आज की पहेली इस भजन के आंतिम शव्द से शुरु होगी....
अल्लाह तेरो नाम, ईश्वर तेरो नाम
अल्लाह तेरो नाम, ईश्वर तेरो नाम
सबको सन्मति दे भगवान
सबको सन्मति दे भगवान
अल्लाह तेरो नाम ...
नाम
अन्ताक्षरी
129 comments:
नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******
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मन रे तू काहे न धीर धरे
ReplyDeleteवो निर्मोही मोह ना जाने
जिनका मोह करे...!
भाटिया साहब, यह भी एक उचित समय ही है क्योंकि सुबह-सुबह मूड फ्रेश रहता है !
ReplyDeleteबस ब्लाग पर ही नही जीत पाता हूं,भाटिया जी।वैसे ट्राई करूंगा इस बार भी।
ReplyDeleteमहासंग्राम के सभी योद्धाओं को मेरी शुभकामना...विजयी भव...
ReplyDeleteजय हिंद...
बिल्कुल सही समय चुना है भाटिया जी आपने!
ReplyDeleteपर यह तो स्पष्ट कीजिये कि गीत अन्तिम शब्द से शुरू करना है या अन्तिम अक्षर से? अन्तिम शब्द 'नाम' है और अन्तिम अक्षर 'म' है।
मन रे तू काहे न धीर धरे
ReplyDeleteवो निर्मोही मोह ना जाने
जिनका मोह करे...!
ab hum र se kehte hai gana
rahi manwa dukh ki chinta kyun satati hai
dukh tho apna saathi hai .
राम करे ऐसा हो जाए .. मेरी निंदिया तुम्हें मिल जाए .. मैं जागूं तू सो जाए !!
ReplyDeleteएक मैं और एक तू है
ReplyDeleteऔर हवा में जादू है
"ह" ले लो जी
bahut badhiya antaxari chal rahi hai.
ReplyDeletesirf jo hissa le rahe hain unko hi nahi balki dekhne walon ko bhi aanand aa raha hai.
kya antaxari men sher shaamil nahi ho sakte ?
बहुत सुन्दर प्रयास है भाटिया जी। बधाई।
ReplyDeleteअगर अदरवाइज़ न लें तो एक सुझा देना चाहूँगा। अंताक्षरी शुद्ध शब्द नहीं है। सही शब्द अंत्याक्षरी होता है।
--------
क्या स्टारवार शुरू होने वाली है?
परी कथा जैसा रोमांचक इंटरनेट का सफर।
जाकिर अली जी नमस्कार
ReplyDeleteअंत+अक्षर = अंताक्षर
क्योंकि इसमें सारा महत्त्व अंत वाले अक्षर का ही होता है
क्या यह गलत है? मेरे विचार से तो अंताक्षरी को भी ठीक होना चाहिये।
प्रणाम स्वीकार करें
@ क्रिएटिव मंच
ReplyDeleteयहां कोई भी कभी भी पिछले दिये हुए अंतिम अक्षर से गाना गा सकता है
केवल दो लाईनें ही लिखनी हैं और अंतिम अक्षर देना है
आप भी गाना गा कर जाते तो और भी आनन्द आता
प्रणाम स्वीकार करें
हम छोड चले हैं महफिल को याद आए कभी तो मत रोना !!
ReplyDeletenaa naa krte pyaar tumhee se kar baithe
ReplyDeletekrna tha inkaar ham ikraar tumhee se kar baithe
ना-ना मेरी बेरी के बेर मत तोडो
ReplyDeleteरे कोई कांटा चुभ जायेगा
"ग़"
ठ से गाना है
ReplyDeleteगलती हो गई
ठंडे-ठंडे पानी से नहाना चाहिये
ReplyDeleteगाना आये या ना आये गाना चाहिये
"य"
यूँही तुम मुझसे बात करती हो
ReplyDeleteया कोई प्यार का इरादा है
होली के दिन दिल खिल जाते हैं रंगों में रंग मिल जाते हैं !!
ReplyDeleteहम ने जफ़ा न सीखी, उनको वफ़ा न आई
ReplyDeleteपत्थर से दिल लगाया, और दिल ने चोट खाई
ई* या इ* अक्षर से
इचक दाना बिचक दाना
ReplyDeleteदाने ऊपर दाना
कोठे ऊपर लडकी नाचे
लडका है दीवाना
"न"
नैना बरसें, रिमझिम रिमझिम
ReplyDeleteनैना बरसें, रिमझिम रिमझिम
पिया तोरे आवन की आस
स*
सजन रे झूठ मत बोलो खुदा के पास जाना है
ReplyDeleteन हाथी है , न घोडा है , वहां पैदल ही जाना है
'ह' से गाईये
है दुनिया उसी की, ज़माना उसी का
ReplyDeleteमोहब्बत में जो हो गया हो किसी का
क*
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ReplyDeleteकभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है
ReplyDeleteकि तुझको बनाया गया है मेरे लिये
"य"
यार बिना चैन कहाँ रे प्यार बिना चैन कहाँ रे
ReplyDeleteसोना नहीं चांदी नहीं यार तो मिला
अरे प्यार कर ले
'ल' से गाईये
लागा गोरी गुजरिया से नेहा हमार
ReplyDeleteहोइ गवा सारा चौपट मोरा रोजगार
र*
रमैया वास्ता भैया रमैया वास्ता भैया
ReplyDeleteमैंने दिल तुझको दिया ओ मैंने दिल तुझको दिया
'य' से गाईये
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ReplyDeleteयकीन कर लो मुझे मुहब्बत है तुमसे तुमसे
ReplyDeleteमेरी ये दुनिया हसीन जन्नत है तुमसे तुमसे
स*
संदेशे आते हैं हमें तड़पाते हैं
ReplyDeleteजो चिट्ठी आती है वो पूछी जाते है
की घर कब आओगे लिखो कब आओगे
की तुम बिन ये घर सूना सूना है
संदेशे आते हैं हमें तड़पाते हैं
'ह' से गाईये
पहले के गाने मैंने पढ़े नहीं अतः अगर गलती से गाना 'रिपीट' हो जाए तो तत्काल मुझे चिट्ठी द्वारा सूचित किया जाए,
ReplyDeleteहम बने तुम बने एक दूजे के लिये
ReplyDeleteउस को क़सम लगे जो बिछड़ के इक पल भी जिये
य*
यार हमारी बात सुनो ऐसा इक इंसान चुनो
ReplyDeleteजिसने पाप न किया हो जो पापी न हो
'ह' से गाईये
बहुत गलत जगह पंगा ले लिया आपने इस बार :)
ReplyDeleteहमें रास्तों की ज़रूरत नहीं है
ReplyDeleteहमें तेरे पाँवों के निशाँ मिल गए हैँ
ह*
हाल क्या है दिलों का न पूछो सनम
ReplyDeleteआपका मुस्कुराना गजब ढा गया
एक तो महफ़िल तुम्हारी यूँ ही कम न थी
उस पे मेरा तराना गजब ढा गया
'य' से गाईये जनाब
ये दुनिया गोल है, ऊपर से खोल है
ReplyDeleteअन्दर जो देखो प्यारे बिलकुल पोलम-पोल है
ये दुनिया गोल है
हाय हाय ये मजबूरी ये मौसम और ये दूरी
ReplyDeleteतेरी दो टकियाँ दी नौकरी मेरा लाखों का सावन जाए
हाय हाय ये मजबूरी
'र' से सोचिये अब
राज जी ये दुनिया गोल नहीं ... पूरी 840 है :)
ReplyDeleteरंगमहल के दस दरवाज़े
ReplyDeleteना जाने कौन सी खिड़की खुली थी
थ*
ये कौन सा गाना है
ReplyDeleteपहले स्पष्ट कीजिये .... तब आगे बढेगा सिलसिला
कोई चीटिंग नहीं चलेगी जी यहाँ
राज जी .. कहीं ऐसा तो नहीं कि यह उस फ़िल्म का गाना हो जो अभी तक रिलीज न हुयी हो :)
ReplyDeleteसत्यम शिवम सुंदरम,१९७८ लता, भूपिंदर , शशि कपूर, जीनत अमान
ReplyDeleteअजी थ पर एक नही बहुत से गाने है.... चलो अब बचने की कोई गुंजाऎस नही
ReplyDeleteचलिए मान लिया जी
ReplyDeleteथोडा रुक जायेगी तो तेरा क्या जाएगा
नैन भर के देख लेंगे चैन आ जाएगा
ओ कामिनी, ओ कामिनी
'न' से सोचिये तो जरा जनाब
नारी कुछ ऐसन आगे निकल रही है
ReplyDeleteमर्दन के पाँव तले धरती फिसल रही है
ह*
होठो पे ऐसी बात मैं छुपा के चली आयी .. जाए ऐसी बात तो दुहाई है दुहाई !!
ReplyDeleteहादसे क्या क्या तुम्हारी बेरुखी से हो गए
ReplyDeleteसारी दुनिया के लिए हम अजनबी से हो गए
'ए' से भी आता है गाना आपको ?
इन्साफ़ की डगर पे, बच्चों दिखाओ चल के
ReplyDeleteये देश है तुम्हारा, नेता तुम्हीं हो कल के
क*
एक दो तीन चार पांच छह सात आठ नौ दस ग्यारह बारह तेरह , तेरा करू दिन गिन गिन के इंतजार आजा पिया आयी बहार !!
ReplyDeleteप्रकाश जी आप्लेट हो गये अब क* से आप से पहले संगीता जी आ गई
ReplyDeleteये राज भाटिया जी कहां पहुंच गए .. र से गाइए !!
ReplyDeleteबडी मुसीबत है भई इतने लोगों के बीच में गाना लिखना !!
ReplyDeleteअभी लो
ReplyDeleteरोना-धोना छोड छोड दे
ReplyDeleteगम से नाता तोड तोड दे
"द"
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ReplyDeleteदाग़ न लग जाये हाय
ReplyDeleteकहीं दाग़ न लग जाये हाय
प्यार किया तो कर के निभाना
ना जाओ संईयां, छुडा के बईयां
ReplyDeleteकसम तुम्हारी मैं रो पडूंगी
"ग"
गर्दिश में हों तारे, न घबराना प्यारे
ReplyDeleteग़र तू हिम्मत न हारे, तो होंगे वारे न्यारे
गर्दिश में हों तारे.
राज जी क्या आपने आज मेरी मेल पढ ली है
ReplyDeleteराज जी मुझे लगता है अन्ताक्षरी के लिये कोई गूगल चैट जैसा विजेट हो तो मजा आ जाए
बार-बार रिफ्रेश करने वाली प्राब्लम बडी प्राब्लम है
राही मनवा दुख की चिंता क्यूं सताती है
ReplyDeleteदुख तो अपना साथी है
'ह'
चलता हूं जी प्रणाम आने-जाने वालों को
ReplyDeleteअंतर सोहिल जी ,
ReplyDeleteआप टिप्प्णियों को ईमेल में सब्सक्राइब कर लीजिए .. जैसे ही नई टिप्पणी आएगी आपके ईमेल में पहंच जाएगी !!
हमने गाँव के पनघट पे भई
ReplyDeleteहमने गाँव के पनघट पे देखी थी पनिहारियाँ
चक्कर खा गए हम तो रे भैया देख शहर की नारियाँ
माना हुजूर ने पुकारा नही!
ReplyDeleteक्या मेरा साथ भी गवारा नही!!
हमने अपना सब कुछ खोया
ReplyDeleteप्यार तेरा पाने को!
छोड़ दिया क्यों राह में हमको,
दर-दर भटकाने को!
अब जरा "क" से गाइए-
शास्त्री जी य * अक्षर से शुरु करना है अगला गीत म से नही
ReplyDeleteये रातें ये मौसम ये नदी का किनारा----
ReplyDeleteराम तेरी गंगा मैली हो गयी पापिओं के पाप धोते धोते। क्या अकेले ही खेली जा सकती है ? मुझे समय का पता नहीं था।
ReplyDeleteचलो अब अकेली ही खेलती हूँ
येरी यादों के सिवा दुनिया मे रखा क्या है
ReplyDeleteहम तो तेरे आशिक हैं सदियों पुराने चाहे तू माने चाहे न माने
ReplyDeleteनगरी नगरी दुआरे दुआरे ढूँढूँ रे सांवरिया
ReplyDeleteयाद मे तेरी हाग जाग के हम रात भर करवटें बदलते हैं
ReplyDeleteहर खुशी हो वहाँ तो जहाँ भी रहे----------
ReplyDeleteहज़ार बातें कहे जमाना मेरी वफा पे यकीन करना
ReplyDeleteन तुम हमे जनो न हम तुम्हें जाने मगर लगता है कुछ ऐसा मेरा हम दम मिल गया
ReplyDeleteयारी है इमान मेरा यार मेरी ज़िन्दगी
ReplyDeleteगैरों पे करम अपनो पे सितम ए जाने वफा ये ज़ुर्म न कर
ReplyDeleteनाचे मन मोरा, मगन, धीगधा धीगी धीगी -२
ReplyDeleteबदरा घिर आये, रुत है भीगी भीगी
रहा गर्दिशों मे हर दम मेरे इश्क का सितारा
ReplyDeleteगीत गाता चल ओ साथी गुनगुनाता चल !!
ReplyDeleteराज़े दिल हम से छुपाया न गया
ReplyDeleteलागा चुनरी मे दाग छुडाऊँ कैसे
ReplyDeleteसंगीता जी के अक्षर पर
ReplyDeleteसारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा !!
ReplyDeleteस पर चलिये संगीता जी
ReplyDeleteरात अकेली है बुझ गये दिये
ReplyDeleteसारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा !!
ReplyDeleteयाद आ रही है .. तेरी याद आ रही है !!
ReplyDeleteह से
ReplyDeleteटिप्पणी का आँक डा 100 पर पहुँचाना है आज्
ReplyDeleteझवा मे क्या है खुश्बूहै फिज़ा मे क्या है सर्गम्\\म से चलिये
ReplyDeleteतो ह से कहिए ना !!
ReplyDeleteउपर हवा लिखा है गल्ति लगी
ReplyDeleteमानो तो मै गंगा मां हूं ना मानों तो बहता पानी !!
ReplyDeleteहवा मे क्या है खुश्बू फिज़ा मे क्या है सरगम्
ReplyDeleteजी समझ गयी .. न से कहिए !!
ReplyDeleteनज़र के सामने जिगर के पास कोई रहता है वो हो तुम - म से
ReplyDeleteपहले सौंवी टिप्पणी के लिए बधाई !!
ReplyDeleteमार दिया जाए कि छोड दिया जाय बोल तेरे साथ क्या सलूक किया जाए !!
ReplyDeleteसुनीता जी आप हैं क्या?
ReplyDeleteऐ चोरी-चोरी चुपके-चुपके
ReplyDeleteतेरे मेरे बिन इस कमरे में और कौन है
किसने बुलाया बिना पूछे चला आया
इसे पकड़ो ये चोर कौन है
चोरी-चोरी
एक तेरा प्यार हमे दो जहाँ से प्यारा है ----
ReplyDeleteरात कली एक ख्वाब में आयी और गले का हार बनी !!
ReplyDeleteबडी मुश्किल से मेरा ना आया जब भी गीत ढुढ कर लाया पहले ही आप लोग छाये हुये थे बहुत अच्छा लगा
ReplyDeleteसभी को शुभकामनाएं. लगे रहिये.
ReplyDeleteरामराम.
ह पर चलिये
ReplyDeleteताऊजी आप भी आईये न
ReplyDeleteना तो कारवाँ की तलाश है, ना तो हमसफ़र की तलाश है
ReplyDeleteमेरे शौक़-ए-खाना खराब को, तेरी रहगुज़र की तलाश है
संगीता जी गयीं?
ReplyDeleteलिजिये ह पर
ReplyDeleteहोठों पे सच्चाई रहती है
जहाँ दिल में सफ़ाई रहती है
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है
हज़ूर इस तरह भी न इतरा के चलिये -- य पर्
ReplyDeleteखाना बनाने जा रही हूं !
ReplyDeleteजरूर जी ह्रे लिये भी बना लेना
ReplyDeleteराज जी य पर चलिये
ReplyDeleteअंत में यारी है ईमान मेरा यार मेरी जिंदगी !!
ReplyDeleteग से कहिए !!
ReplyDeleteये समा
ReplyDeleteसमा है ये प्यार का
किसी के इंतज़ार का
दिल ना चुराले कहीं मेरा
मौसम बहार का
ये समा
कोई है क्या?
ReplyDeleteआज तो निर्मला जी को यहाँ देखकर मन्त्र मुग्ध हूँ !
ReplyDeleteनिर्मला जी आपको इतने सारे गाने आते हैं ..... क्या बात है ....बात क्या कमाल है ..वाह ..वाह
लेकिन आप अकेले कहाँ भागी जा रही हैं .... दुसरे का इन्तजार तो करिए ! दुसरे के दिए गाने का अंतिम अक्षर देखकर गाईये !
मुझे प्यार की ज़िन्दगी देने वाले कभी गम न देना खुशी देने वाले
ReplyDeleteहाँ वही तो कर रही हूँ सभी भाग जते हैं तो अकेले ही लगी हूँ आप आईये न
ReplyDeleteप्रकाश जी गये?
ReplyDeleteलाल छडी मेदान खडी, क्या खुब लडी क्या खुब लडी
ReplyDeleteचलिये फिर मैं भी चलती हूँ राम राम
ReplyDeleteनिर्मला जी सभी गीत ढुढ रहे होंगे.....
ReplyDeleteआज की अंताक्षरी यही समाप्त होती है, अब कल सुबह फ़िर से मिलेगे, आप सभी का दिल से धन्यवाद
ReplyDelete