अन्ताक्षरी नंO 10 गीतों भरी में आपका स्वागत है।
अन्ताक्षरी के बारे में आप अपने विचार भी व्यक्त करेंगें तो हमें सुविधा होगी, जिससे इस खेल में रोचकता बनी रहे। आशा है इसी प्रकार आपका सहयोग मिलता रहेगा । आप सबके सुझावों और शिकायतों का हमें इंतजार है।
अन्ताक्षरी को ज्यादा रोचक बनाने के लिये कुछ फेर-बदल किये गये हैं और नये आने वाले मित्रों के लिये भी आज अन्ताक्षरी के कुछ नियम दोबारा बता देते हैं।
1> सोमवार से वीरवार तक हर रोज नयी अन्ताक्षरी गीतों भरी खेली जायेगी। इसका भारतीय समय सुबह 10:00 बजे से अगली सुबह 6:00 तक रहेगा। यानि आप पूरे बीस घंटे में किसी भी समय जब फ्री हों तब भी खेल पायेंगें।
2> शुक्रवार को शुरू होने वाली अन्ताक्षरी कविताओं भरी को इतवार की सुबह 6:00 बजे तक खेला जायेगा।
3> अन्ताक्षरी कविताओं भरी में आप अपनी या किसी की भी कोई कविता, शेर, गजल गा सकते हैं।
4> प्रत्येक अन्ताक्षरी में तीन विजेता हो सकते हैं। प्रथम सबसे ज्यादा टिप्पणी करने वाले (आयोजकों की नही), द्वितीय जिनके दिये अक्षर पर कोई भी गाना नही आयेगा, तृतीय जो आखिर तक खेल खेलेंगें।
5> सोमवार को सभी विजेताओं के नाम घोषित किये जायेंगें और उनके ब्लाग या नयी पोस्ट को भी प्रचारित किया जायेगा।
कृप्या अपने दिये हुए अक्षर पर खुद गाना ना गायें। अपना अक्षर देने के बाद कृप्या धैर्य रखें और 2-3 मिनट इंतजार करने के बाद कमेंट पन्ने को रिफ्रेश या रिलोड करें। F5 दबा कर, अपने दिये अक्षर के बाद गाये गानों को जरूर पढें, अगर कोई गलती करता है तो सबको सचेत करें। चेन को टूटने ना दें, अगर चेन टूटती है तो सबको बतायें और वहीं से शुरू करें जहां से चेन टूटी थी। अगर एक ही अक्षर पर दो टिप्पणियां आती हैं तो पहले पब्लिश हुई टिप्पणी के दिये अक्षर पर गाना लिखें। झुंझलायें नहीं और जल्दी से रिफ्रेश करके टिप्पणी लिखें। पिछले सप्तहा मै टिपण्णी विजेता यानि जिन्होने सब से ज्यादा टिपण्णियां दी....
प्रथम स्थान पर विजेता है हमारी
संगीता पुरी जी सब से ज्यादा टिपण्णियां करीब १०६
दुसरे स्थान पर विजेता हौ हमारे
प्रकाश गोविन्द इन्होने ९८ टिपण्णियां की है
तीसरे स्थान पर विजेता है हमारी
Nirmla Kapila जिन्होने ६० से ऊपर टिपण्णियां की है
तालियां जोर दार जी
अरे अरे सुनो भई ओर कल की आंतक्षरी मै विजेता बनी फ़िर से हमारी सब की
गत्यात्मक ज्योतिष विशेषय्ग्या ओर हम सब के भाविषया का हाल बताने वाली
संगीता पुरी जी
अब फ़िर से जोर दार तालियां, ओर हां भई मै इस पापी पेट के लिये सुबह काम पर जाता हुं, लेकिन मेरी जगह समभालते है आज के होनहार नोजवान अन्तर सोहिल जी ओर इन सब आंताक्षरी का श्रे भी उन्हे ही जाता है, ओर फ़िर शाम को मै आ जाता हुं, तो अब हमारे नोजवान साथी
अन्तर सोहिल जी के लिये भी जोर दार तालियां.
हमारी टीम ने सोचा कि हम इस ब्लांग का नाम बदल दे, लेकिन फ़िर सोचा क्यो? क्यो भाई हमे भी अभी भी शिकायत है, अरे आप सभी क्यो नही आते आंतक्षरी खेलने, एक बार आओ फ़िर देखे केसे आप बचपन मै लोट जाते है, हम सब को भी कभी कभी बच्चा बनाना चाहिये, तभी तो हम अपने बच्चो के दोस्त बन पायेगे....
तो आईये ओर हम संग खेले ओर थोडी देर के लिये सब गम भुल जाये...
तो चले आज की आंतक्षरी की तरफ़.. ओर आज तो आप के होंठो पर एक सुंदर सी मुस्कुराहट ले ही आए हम जी
किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार किसीका दर्द मिल सके तो ले उधार किसीके वास्ते हो तेरे दिल में प्यार जीना इसी का नाम है"ह" से
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ReplyDeleteहर खुशी हो वहा, तू जहां भी रहे
ReplyDeleteजिन्दगी हो वहां तू जहां भी रहे
"ह"
har ghadi badal rahi hai roop zindagi,chawn hai kahi,kahi hai dhoop zindagi
ReplyDelete"ग"
गीत गाता चल ओ साथी गुनगुनाता चल !! 'ल' से
ReplyDeleteमैने इतनी सारी टिप्पणी कर ली .. बताने और विजेता बनाने के लिए आपका शुक्रिया !!
ReplyDeleteपापी पेट के लिये सुबह काम पर जाता हुं, लेकिन मेरी जगह समभालते है आज के होनहार नोजवान अन्तर सोहिल जी
ReplyDeleteअंतर सोहिल जी को पापी पेट की कोई चिंता नही क्या ??
lambu ji lambu ji ,bolo tingu ji,mere raste mein tang na adana,i kanya ko haath na lagana..
ReplyDeleteन
नाम हरि का जप ले रे वंदे फिर पीछे पछताएगा !! 'ग' से
ReplyDeletegori tera gaon bada pyara,mein tho gaya hara aake yaha re,aake yaha re
ReplyDeleteर
रेशमी सलवार कुर्ता जाली का , रूप सहा नहीं जाए नखरेवाली का !! 'क' से
ReplyDeleteकहीं दूर जब दिन ढल जाये, शांझ की दुल्हन नजर चुराये. (य)
ReplyDeleteVijetaaon ko badhaai.
ReplyDeleteयाद न जाये बीते दिनों कि... "क"
ReplyDeleteकभी तेरा दामन न छोडेंगे हम हाय , चाहे जमाना करे लाखों सितम !! 'म' से
ReplyDeletemaine rakha hain mohabbat apne afsane ka naam
ReplyDeletetum bhi kuchh achha sa rakhdo apne diwane ka naam
मुझे प्यार की ज़िन्दगी देने वाले कभी गम न देना खुशी देने वाले
ReplyDelete*ल* पर
लो आ गयी उनकी याद .. वो नहीं आए । 'ए' से
ReplyDeleteएक तो सूरत प्यारी और ऊपर से ये नाज़,
ReplyDeleteदिल लेने के तौबा ये कैसे हैं अंदाज़
"ज"...
आओ जी आगे खेले
जब भी ये दिल उदास होता है जाने कौन आस पास होता है
ReplyDelete*है* पर्
है इसी में प्यार की आबरू
ReplyDeleteवो ज़फ़ा करें मैं वफ़ा करूँ
"र"
raja ki aayegi baarat,rangili hogi raat,sajan mein nachungi, raja ki aayegi baaraat..
ReplyDeleteत
तेरा मेरा प्यार अमर, फिर क्यों मुझको लगता है डर
ReplyDeleteमेरे जीवन साथी बता, दिल क्यों धड़के रह-रह कर
"र"
राम करे ऐसा हो जाए मेरी निंदिया तोहे मिल जाए मै जागूं तू सो जाए
ReplyDelete"ए"
वाह भाई!!! थोडा सा इधर-उधर क्या गये यहाँ तो नये लोगो ने जगह ले ली.......
ReplyDeleteएक मैं और एक तू. दोनों मिले इस तरह.
ReplyDeleteऔर जो तन मन में हो रहा है. ये तो होना ही था.
'थ'
थोड़ी देर के लिए मेरे हो जाओ
ReplyDeleteमेरे दिल मेरी साँसों में खो जाओ
मेरे प्यार की छाँवों में सो जाओ
मंज़िल न मिले कभी हाय
"य"
ये तो कल वाली ही है .. आज नई नहीं शुरू हुई क्या ??
ReplyDeleteसंगीता जी कल समय नही था,हम दोनो के पास, इस लिये आज इसी से काम चलाते है, कल नयी होगी, धन्यवाद
ReplyDeleteतो हो जये "य" से
ये गलियां ये चौबारा यहां आना ना दोबारा अब हम तो भए परदेशी कि यहां तेरा कोई नहीं !! 'ह' से
ReplyDeleteहम तेरे प्यार में सारा आलम खो बैठे
ReplyDeleteतुम कहते हो कि ऐसे प्यार को भूल जाओ, भूल जाओ
"ऒ"
ओ जय जय शिव शंकर कांटा लगे ना कंकड कि प्याला तेरे नाम का पिया !! 'य' से
ReplyDeleteये कैसी अजब दास्ताँ हो गई है
ReplyDeleteछुपाते छुपाते बयाँ हो गई है
"ह"
होली आई रे कन्हाई रंग झलके , सुना दे जरा बांसुरी ... 'र' से
ReplyDeleteरुक जा रात ठहर जा रे चंदा बीते न मिलन की बेला
ReplyDeleteआज चांदनी की नगरी में अरमानों का मेला
"ल"
लो चली मैं , अपने देवर की बारात लेके , लो चली मैं , ना बैंड बाजा ना ही बाराती , खुशियों की सौगात ले के लो चली मैं । 'म' से
ReplyDeleteमस्त नज़र देख इधर हम हैं वही दिलवाले
ReplyDeleteइश्क़ में जो देते हैं जाँ हम हैं वही मतवाले
"ल"