1/12/10
मेरी उलझन
बात बहुत पुरानी है जी एक बार मेरे दादाजी ने एक दुकान से दस पैसे का कुछ सामान खरीदा। उन्होंने दुकानदार को पचास पैसे दिये। दुकानदार ने उनसे कहा कि उसके पास चालीस पैसे खुल्ले (छुट्टे) नही हैं और दादाजी के पचास पैसे वापिस लौटा दिये। अब दादाजी ने उस दुकानदार को एक रुपया दिया तो दुकानदार ने दादाजी को नब्बे पैसे (सामान के दस पैसे काटकर) वापिस कर दिये। आप लोग मुझे बतायें कि जब दुकानदार के पास चालीस पैसे खुल्ले (छुट्टे) नही थे तो उसने दादा जी को नब्बे पैसे कैसे वापिस किये।
नाम
Antar Sohil,
अन्तर सोहिल,
उलझन,
पहेली
21 comments:
नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******
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राज जी, आपकी उलझन सुलझाने के चक्कर में अब तो हम ही उलझ गये हैं इस उलझन में।
ReplyDeleteआपके दादाजी के जमाने में इकन्नी चला करती थी जो छह नये पैसे की होती थी.
ReplyDeleteआपके दादाजी को दुकानदार ने 15 इकन्नी दे दीं, यानी कुल नब्बे पैसे...
इन इकन्नियों से आप चालीस पैसे नहीं बना सकते..
भई हम भी उलझे है इस पहेली मै..... यह सवाल अन्तर सोहिल जी ने पूछा है, ओर वो ही सही जबाब भी देगे... लेकिन आज नही.. पहले आप महारथी बताये, आप के बाद
ReplyDeleteदो जबाब हो सकते है
ReplyDeleteपहला तो जो रवीस जी ने दिया कि उसके पास ४ नए पैसे खुले नहीं थे !
और दूसरा यह हो सकता है कि लाला पागल था !
यह तो घन चक्कर है.
ReplyDeleteभई आपकी कहाँ..अब तो ये हमारी उलझन हो चुकी है :)
ReplyDeleteहो सकता है इस बीच कोई दुसरा ग्राहक आ गया हो ओर खुले पेसे दे गया हो? राम जाने
ReplyDeleteवो वाला छह पैसा। जो एक आना कहलाता था। पर उस जमाने में तो सोलह आना एक रुपया के बराबर होता था।
ReplyDeleteउलझन ही उलझन है।
मुझे तो रवि सिंह जी का जवाब ही सही लग जहा है.
ReplyDeleteशायद दुकानदार झूठ बोल रहा था कि छुट्टे नहीं है....
ReplyDeleteअरे भाई, उसने अठन्नी लेनी बंद कर रखी थी, आगे की सोच कर।
ReplyDeleteमुझे डॉ टी एस दराल जी की टिपण्णी मै जबाब दिख रहा है अठन्नी खॊटी हो सकती है
ReplyDeleteमुण्े तो रवि सिंह जी का जबाब ही सही लग रहा .. मैं उलझन में नहीं पडनेवाली .. कल अंतर सोहिल जी तो जबाब दे ही देंगे !!
ReplyDeleteदुकानदार ने उन्हें तीन पैसे के तीस सिक्के वापस दिए। तब तीन पैसे का सिक्का प्रचलन में था।
ReplyDelete?????????
ReplyDeleteRaveesingh ji ka jawab--
ReplyDeleteआपके दादाजी के जमाने में इकन्नी चला करती थी जो छह नये पैसे की होती थी.
आपके दादाजी को दुकानदार ने 15 इकन्नी दे दीं, यानी कुल नब्बे पैसे...
इन इकन्नियों से आप चालीस पैसे नहीं बना सकते..
aur Dinesh ji ka jawab dono ke saath hain...
us jamaane mein 3 paise ke sikke bhi chalte the aur ikanni bhi....
लाला क्रेडिटिबिलिटी चैक कर रहा होगा दादाजी की...कि बड़ा नोट रखे हैं कि नहीं...हमें नहीं पता..अंदाज ही तो सब लगा रहे हैं.
ReplyDeleteभाई अंतर सोहिल जी, वो दुकानदार ताऊ ही था. मुझे अच्छी तरह याद है कि मैने वो रुपया रख लिया था " खुले नही हैं" के नाम पर.:)
ReplyDeleteरामराम.
आदरणीय राज जी,
ReplyDeleteआपकी उलझन रवि जी, दिनेश जी और अल्पना जी ने गणितीय रूप में तो सही सुलझा ली है और हमारी भी यही राय है।
very nice!
ReplyDeletenice
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