6/3/10

कविता का मौसम पर एक माईक्रो पोस्ट - अन्तर सोहिल

आदरणीय समीरजी  ने लिखा है "कविता का मौसम" बस आने ही वाला है। 
अजी मेरे ख्याल में तो कविता, सविता, बबीता, ललिता सभी का ही मौसम आने वाला है ;-)
(आज पत्नी छुट्टियां मनाने (या मुझे छुट्टी दे कर) मायके चली गई है - हुर्रे, टेन टेन टेनेण)
ये कविता, बबीता, सविता हमारी पत्नियों में से भी हो सकती है, यह याद रखें।  

डिस्कलेमर - यह पोस्ट शुद्ध हास्य के लिये है। आपके एतराज पर हटा दी जायेगी।
आदरणीय समीरजी की पोस्ट और नाम का प्रयोग करने के लिये क्षमाप्रार्थी हूं।
दिनेशराय द्विवेदी Dineshrai Dwivedi said...
श्री जी खुश थे कि श्रीमती जी सुबह सुबह मायके चली गई हैं और हफ्ते भर में आएँगी। अंतर सोहिल की पोस्ट पढ़ी और शाम होते ही वापस लौट आई।
 श्री दिनेशराय द्विवेदी जी
श्रीमती जी की तो अपने कविवर से मिलकर वापसी भी गई। :-)
श्री जी के पास कम से कम एक दिन तो था। इंतजार क्यों किया।
अब नहाओ आधी बाल्टी पानी से ही।

हम तो ट्रेन में बैठे खिडकी से बाहर हाथ निकाले रहते हैं जी। आगे वाली खिडकी पर कोई कुल्ला भी करता है और दो-चार बूंदें हाथ पर गिर जाती हैं तो खुश हो जाते हैं कि बारिश आ गई। हा-हा-हा 



डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक said...
बस वर्षा का इन्तजार है!

श्री रूपचन्द्र शास्त्री जी की तरह हिम्मतवरों बनना चाहिये, देखिये कैसे उन्होंनें अपनी उनका नाम बता दिया। अब आप सब लोग भी बताईये कि आपको किसका इंतजार है :-)

10 comments:

  1. हम्म्म्म ! चलो मेरी तो अभी शादी नहीं हुयी है मै इस लोचे से बचा हुआ हूँ ! हुरेर्र्र्रर्र्र
    रत्नेश त्रिपाठी

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  2. श्री जी खुश थे कि श्रीमती जी सुबह सुबह मायके चली गई हैं और हफ्ते भर में आएँगी। अंतर सोहिल की पोस्ट पढ़ी और शाम होते ही वापस लौट आई।

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  3. वर्षा?? यह कोन है??अमित जी दिनेश राय जी की बात भी सुने.... आप की पोस्ट ने कबाडा कर दिया श्री जी का :)

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  4. जी मुझे को आक्षेप नहीं है आपकी पोस्ट से :)

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  5. श्री रूपचन्द्र शास्त्री जी की तरह हिम्मतवरों बनना चाहिये, देखिये कैसे उन्होंनें अपनी उनका नाम बता दिया।

    अब आप सब लोग भी बताईये कि आपको किसका इंतजार है :-)

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  6. @श्री दिनेशराय द्विवेदी जी
    श्रीमती जी की तो अपने कविवर से मिलकर वापसी भी गई। :-)
    श्री जी के पास कम से कम एक दिन तो था। इंतजार क्यों किया।
    अब नहाओ आधी बाल्टी पानी से ही।

    प्रणाम

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  7. मतलब कवियों की शामत आनेवाली है ?

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  8. समीर जी की कविता ने सभी को बोरा(पगला ) दिया है |बरखा एक महीने की छुट्टी पे है |

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नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******

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मुझे शिकायत है !!!

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उन्होंने ईश्वर से डरना छोड़ दिया है , जो भ्रूण हत्या के दोषी हैं। जिन्हें कन्या नहीं चाहिए, उन्हें बहू भी मत दीजिये।