8/4/10

हिम्मत हो तो मोत से भी आदमी लड सकता है.....

आज फ़ेश बुक पर मुझे एक विडियो मिला, जो मेरे विचारो से पुर्णता मेल खाता है, मै हमेशा कहता हुं कि हमे आखरी दम तक अपने हक के लिये लडना चाहिये, ओर अगर समानए मोत भी खडी हो तो भिड जाना चाहिये, जीत हिम्मत करने वालो की होती है, यकिन ना हो तो यहां देखे........

15 comments:

  1. बहुत सही और सटीक कथन है आपका.

    रामराम.

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  2. भाटिया जी , आपके विचारों और darwins theory of natural selection से बिलकुल मेल खाता हुआ विडिओ है ।
    बेचारी शेरनी को लेने के देने पड़ गए ।

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  3. आज इंसानों में इस पशु जैसा हौसला भी नहीं , लोग जिन्दा हैं मुर्दों की तरह इसलिए ये देश और समाज मुर्दों के सौदागरों का होता जा रहा है ...

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  4. एक दम सहमत. अपनी डिक्शनरी में भी हिम्मत छोड़ने जैसा कोई शब्द नहीं है.

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  5. वाह जी, बड़ी हिम्मत से लड़ा..जान बचा ही ली. शानदार!!

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  6. दम है आपकी बात में

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  7. हिम्मत से क्या काम संभव नहीं ..सही कहा ...!

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  8. भाटिया साहब, इस देश का तो हर एक जेबरा(आमआदमी ) रोजमर्रा की जिन्दगी में इन कुछ सफ़ेद बस्त्र्धारी शेर (नी ) (गीदड़ की औलादों ) से इस तरह की कुश्ती रोज लड़ रहा है !

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  9. बेहतरीन और प्रेरक वीडियो क्लिप के लिये आभार

    प्रणाम

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  10. एकदम सही कहा आपने।
    किसी शायर ने भी कहा है कि पंखों से नहीं हौसलों से उड़ान होती है।

    …………..
    अंधेरे का राही...
    किस तरह अश्लील है कविता...

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  11. एकदम सटीक बात कही है आपने राज जी!

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  12. सही कहा आपने!...जीत हंमेशा हिम्मत करने वाले की ही होती है!... विडियो कमाल का है!

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मुझे शिकायत है !!!

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उन्होंने ईश्वर से डरना छोड़ दिया है , जो भ्रूण हत्या के दोषी हैं। जिन्हें कन्या नहीं चाहिए, उन्हें बहू भी मत दीजिये।