"बालक तै नादान सै अर जवान मेरा भाई, बूढे नै छोडूं कोन्या चाहे ओढ ले रजाई" |
11/19/10
विनम्र श्रद्धांजली
इस बार भारी बारिश को देखते हुये, एकदिन अचानक दिल में एक बात आयी थी कि इस साल सर्दी भी कडाके की पडने वाली है। श्रीमति को कहा कि इसबार देखना मेरी "दादी" या "नानी" में से कोई एक जायेगा। मुझे हर सर्दी में लगता है कि इसबार भी कुछ बूढे लोग जरुर परलोक जायेंगें। हर सर्दी में आस-पडोस, नाते-रिश्तेदार या मित्र-बन्धु किसी ना किसी के यहां से दो-तीन बुजुर्गों के स्वर्गवासी हो जाने की खबरें आती हैं। हरियाणवी कहावत भी है जाडे के मुख से कि
और यह भी कहते हैं कि जाडा (सर्दी) बूढों और कटडों (भैंस का बच्चा) का बैरी होता है।
हालांकि मेरी दादी और नानी दोनों ही पडपोते-पडपोतियों वाली और 80-85 से ज्यादा उम्र की हैं, फिर भी एक्टिव हैं। दोनों के पोते-पोतियों के 1-2 बच्चे शादी लायक भी हो गये हैं। दोनों ही अपने काम खुद करना पसन्द करती हैं। मैं कई बार मजाक में बोल भी देता हूँ कि "दादी/नानी तुम कब मरोगी, हमने पार्टी करनी है।"
लेकिन ये मजाक में कही गई बात जब गंभीरता से सोचता हूँ, और उनके बिना घर की कल्पना करता हूँ तो एकदम जीवन सूना सा लगता है। ऐसा लगता है कि जैसे हम अनाथ हो जायेंगें इनके बिना। हम आयु से कितने भी बडे हो जायें, लेकिन घर के बुजुर्ग का जाना जैसे किसी अंधेरी रात में पथ पर लगे लैम्प पोस्ट का अचानक बुझ जाना या एकाएक पेड की छाया से तप्ते रेगिस्तान में खडे हो जाना।
अभी जाडे ने अपनी दस्तक दी भी नहीं है, फिर भी हमने हिन्दी ब्लॉगर्स के चार हिमालय सरीखे, अनुभवों, प्रेम और ममता से भरे बुजुर्गों को खो दिया है।
परमात्मा सभी मृतकों की आत्माओं को मोक्ष, परिवारों को संबल और स्वास्थय प्रदान करे।
विनम्र श्रद्धांजली
नाम
Antar Sohil,
अन्तर सोहिल
7 comments:
नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******
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माँ की जगह कोई नहीं ले सकता .........हम केवल सब्र कर सकते हैं और अरदास भी ताकि दिवंगत को परम शान्ति मिले
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजलि !
बेहद दुखद समाचार मिल रहे है आजकल !
ReplyDeleteकुछ समझ नहीं आता कि यह क्या हो रहा है ....एक के बाद एक सब ऐसे ही समाचार मिल रहे है !!!!
भगवान् से यही विनती है कि परिवार में सब को इस दारुण दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करें !
ॐ शांति शांति शांति !!
विनम्र श्रद्धांजली
ReplyDeleteएक और दुखद खबर आई है एक दुर्घटना के बारे में, बहुत बुरा लग रहा है। मोहन वशिष्ठ जी का 3 साल का बच्चा जलने की वजह से इमरजेंसी में है। कैसे सांत्वना दूं। परमात्मा बच्चे को जल्द स्वस्थ करे।
ReplyDeletemohankaman.blogspot.com
मेरी तरफ से भी विनम्र श्रद्धांजलि |
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजलि
ReplyDeleteमेरी भी विनम्र श्रद्धाँजली। स्वाभाविक है उनका याद आना।
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