चलिए अंत भला तो सब भला। :)
बस एक प्रश्न पूछना चाहूँगा- आप पासवर्ड को पासपोर्ट क्यों लिखते हैं?
बहुत सुंदर सवाल किया हे हमारे सोमेश जी ने, इस का सीधा सा जबाब तो मै यही दुंगा कि मेरे से गलती हो जाती हे, ओर भी कई अक्षरो मे गलतियां होती हे, लेकिन कई गलतिया बडी होती हे, जेसे यह पासबर्ड की जगह पासपोर्ट??? असल मे यह कोई गलती नही कई शव्द जो अग्रेजी मे कुछ ओर अर्थ रखते हे वो ही शव्द जर्मन भाषा मे कोई ओर अर्थ रखते हे, ओर जब मे हिन्दी मे लिखता हुं तो आम हिन्दी की गलतियां हो जाती हे, लेकिन जब उस मे कुछ ऎसे शव्द आते हे जो अग्रेजी मे होने चाहिये, मै उन्हे अपनी रटी रटाई जुबान यानि जर्मन मे ही लिख देता हुं, ओर मुझे उस समय तक अपनी गलती का पता नही लगता जब तक कोई टोके ना...
पासबर्ड को पासपोर्ट, ओर पोआईजन यानि जहर को जर्मन मे गिफ़्ट कहते हे, ऎसे ही बहुत से शव्द हे जो बोलने मे तो अग्रेजी के शव्द हे लेकिन उन के अर्थ अलग हे, इस लिये यह मोटी मोटी गलतिया हो जाती हे, अब गिनाने लगू तो बहुत लम्बी लिस्ट बन जायेगी, जेसे भारत मे किसी कॊ विदाई के समय अलविदा, वाय वाय करते हे, तो हमारे यहां चूस कहते हे, ओर इन सब शव्दो से हम तब बचते हे जब भारत मे होते हे.
बस यही कारण हे मेरी गलती करने का:) आईंदा भी ध्यान दिलाते रहे मेरी गल्तियो का, धन्यवाद
मेरे प्रश्न को इतना मान देने के लिए शुक्रिया :)
ReplyDeleteमुझे भी लगा था कि आपने इतनी बार इस शब्द का प्रयोग किया है तो कुछ तो वजह होगी ही। इसलिए मैने कारण पूछा था, गलती नहीं बताई थी न ही सुधारने को कहा था। आपके उत्तर से संतुष्ट हूँ।
"..जेसे भारत मे किसी कॊ विदाई के समय अलविदा, वाय वाय करते हे, तो हमारे यहां चूस कहते हे"
ReplyDeleteHa-ha-ha
Ab Samjha ! shaayad tabhee angoothaa dikhane kaa riwaj bhee hai !
च;लिये इसी बहाने नई बातें पता चली। धन्यवाद। आप गल्तियाँ करते रहा करें।
ReplyDeleteविदेशों की तो छोड़िए अपने देश में ही गरीब ब्राह्मण भूखा रह गया था जब उसे एक बंगाली बाबू के यहां "भोजन" के लिए बुलाया गया था और वह भजन के बाद भोजन का इंतजार ही करता रह गया था।
ReplyDeleteगलत वो भी नहीं था क्योंकि बांग्ला में जगह-जगह 'ओ' लगाया जाता है।
जैसे : गगन को गोगोन, शर्मा को शोर्मा इत्यादि :-)
नाम में क्या रखा है जी, गुलाब कहो या फूल :)
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