बेहतरीन पोस्ट लेखन के लिए बधाई !
आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।
वक़्त आने पर बता देंगे तुझे ए आसमाँ हम अभी से क्या बताएँ क्या हमारे दिल में है
नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******
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"मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें। उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा। जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा।" -- महात्मा गांधी
"अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।" -- महामना मदनमोहन मालवीय
अन्तर सोहिल जी प्रणाम !
ReplyDeleteआपका कहना बिलकुल सही है ... आपने अक्सर ही मेरी यही टिप्पणी काफी सारी पोस्टो पर देखी होगी ... पर अगर आप दिए गए लिंक पर जा कर देखते तो शायद आपको शिकायत ना होती ... मैं केवल ब्लॉग वार्ता की पोस्ट का ही लिंक देता हूँ ... ताकि जिस किसी भी ब्लॉगर मित्र की पोस्ट मैंने ब्लॉग वार्ता के लिए ली है उस तक यह सूचना दे सकूँ कि मेरे उस मित्र की पोस्ट की चर्चा की गई है ... आज तक कोई भी यह नहीं कह सकता कि मैंने कभी भी अपनी किसी निजी पोस्ट का प्रचार किया हो !
ब्लॉग ४ वार्ता एक ब्लॉग चर्चा मंच है जहाँ रोज़ आने वाली पोस्टो की चर्चा होती है ... आज जब कोई भी ब्लॉग ऎग्रीगेट्र पूरे तरह से काम नहीं कर पा रहा है ... यह जान पाना थोडा कठिन हो जाता है कि हमारी पोस्ट की चर्चा कहाँ हुयी सो लिंक दे कर मैं केवल अपना प्रचार ही नहीं कर रहा हूँ बल्कि उस पोस्ट पर आने वाले बाकी लोगो को भी इस की सूचना देने का प्रयास कर रहा हूँ कि जिस पोस्ट को वह पढ़ रहे है उसे कितना पसंद किया गया है |
बाकी मेरे बारे में राय बनने के लिए आप स्वतंत्र है | आपने अपनी बात मुझ तक पहुँचाने के लिए मुझ पर एक पोस्ट ही लिख डाली ... इस सम्मान के लिए हार्दिक आभार ! वैसे आपको पहले ही बता दूँ अगर आपकी यह पोस्ट भी वार्ता में ली गई तो एक बार फिर आपको मेरी वही २ लाईनों को झेलना होगा ... इस लिए अभी से माफ़ी मांगे ले रहा हूँ !
और हाँ वार्ता लगाने के लिए पोस्ट को पढना पड़ता है ... यह भी साफ़ करता चलूँ !
सादर आपका
शिवम् मिश्रा
मैनपुरी , उत्तर प्रदेश
न्योता दिया था आने का....
ReplyDeleteकुछ तो समझा करो....:)
वेरी नाईस
ReplyDelete:)
ReplyDeleteNice Bhi kah sakte hain
ReplyDeleteराज़ दादाजी
ReplyDeleteवेरी नाइस कि ओर के लिये
साफ़ साफ़ ये कि वेरी नाइस किसके लिये है ये
ReplyDeleteबाकी मेरे बारे में राय बनने के लिए आप स्वतंत्र है |
ReplyDelete>
>
समझ अपनी अपनी खयाल अपना अपना :)
यह भी ठीक है
ReplyDeleteLo ji shikayat bhi ho gayi aur safayi bhi mil gayi
ReplyDelete@ GirishMukul अजी यहां कोई लड नही रहा, ओर नही किसी की बुराई की गई हे, ओर लेख लिखने वाला ओर उस का जबाब देने वाले दोनो ही समझदार हे, इस लिये इसे कोई खेमे वाजी मे ना खींचे, हम एक दुसरे को टिपण्णी देते हे तो हमारा एक दुसरे पर हक भी बनता हे सवाल पुछने का, ओर मेने दोनो को ही नाईस यानि शरीफ़ कहा हे, धन्यवाद
ReplyDeleteप्रिय अंतर जी ,
ReplyDeleteमैं काफ़ी देर तक पोस्ट को पढता रहा और सोचता रहा कि क्या टिप्पणी करूं ? कारण सिर्फ़ ये था कि ये तो शिवम भाई के नाम लिखा पत्र है ..बिल्कुल वैसा ही जैसा कोई छोटा भाई बडे भाई को लिख रहा हो ..लेकिन था तो पत्र ही ..पोस्ट कैसे और क्यों बन गया ?पता नहीं । आपके प्रश्न का उत्तर तो उन्होंने दे ही दिया है और मुझे लगता है कि आपकी शंका का समाधान हो ही गया होगा । मगर चर्चा में पोस्ट लगाने के बाद सूचना देने वाली टिप्पणी न तो सिर्फ़ शिवम भाई द्वारा की जाती है , और न ही किसी प्रचार के लिए । वो तो एक डबल ड्यूटी की तरह से है कि पहले चर्चा में लिंक दें फ़िर उन्हें बताएं भी , लेकिन देखिए न .....शायद उम्मीद से दुगना हजम कहां होता है इतनी जल्दी ? उम्मीद है कि बात काफ़ी स्पष्ट हो गई होगी । साथ और स्नेह बनाए रखें
शिकायत मत कीजिए जनाब!
ReplyDeleteआपको सूचना दे दी तो क्या गुनाह किया!
पत्रिका में आपकी पोस्ट का लिंक लगाया है तो बताना तो पड़ेगा ही!
yah bhii khoob rahi.
ReplyDeleteसूचना देने से ब्लोगर और उत्साहित होते हैं वरना उन्हें पता भी नही चलता कि उनकी पोस्ट कहाँ लगी है और मेरे ख्याल से इसमे कोई बुराई नही है।
ReplyDeleteथोडा पोस्ट पर कमेन्ट भी कर दें तो अच्छा लगेगा ।
ReplyDeleteअंतर सोहिल भाई,
ReplyDeleteवैसे यह दुविधा मेरे पास भी रहती है, मैं हमेशा ही पूरी पोस्ट पढता हूँ... और जब पढता हूँ तभी टिप्पणी देता हूँ... लेकिन टिप्पणी क्या दूं, अक्सर यही सोचते-सोचते बहुत समय हो जाता है लेकिन समझ नहीं आता क्या कहूँ.... इसलिए पोस्ट अगर पसंद आती है तो लिख देता हूँ.. बेहतरीन... :-) :-) :-) और वह भी केवल इसलिए क्योंकि तब मुझे लगता है कि वाकई यह पोस्ट बेहतरीन है....
अन्तर जी, वार्ता में ली गई पोस्ट्स पर कमेण्ट द्वारा सूचित किया जाना मेरे हिसाब से तो कोई गलत बात नहीं है... पोस्ट लेखक को भी पता होना चाहिए की उसकी पोस्ट का लिंक फ़लां फ़लां जगह पर दी गई है.. आप ही बताएं यदि आपके पास कोई अन्य सुझाव हो तो...
ReplyDeleteआपके ब्लॉग पर पहली बार आया-चर्चा अच्छी लगी,लेकिन सबसे अधिक अच्छी लगी
ReplyDeleteमुझे शिकायत है
हिन्दी हितार्थ बहुत ही अच्छे लगे
हिन्दी हितार्थ
मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें।उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा।जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा।--
महात्मा गांधी
अंग्रेजी का माध्यम भारतीयों की शिक्षा में सबसे बड़ा कठिन विघ्न है।...सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।"--
महामना मदनमोहन मालवीय
उन्होंने ईश्वर से डरना छोड़ दिया है , जो भ्रूण हत्या के दोषी हैं। जिन्हें कन्या नहीं चाहिए उन्हें बहू भी मत दीजिये।