3/17/11
जीभ निकालो, चिढ काढो
बहुत मजा आता है किसी को जीभ निकालकर चिढाने में। ट्रेन या बस में किसी छोटे बच्चे को देखकर मैं तुरन्त जीभ काढ कर उसे चिढाने की कोशिश करता हूँ। बदले में बच्चा अगर बच्चा भी मुझे चिढाने की कोशिश करता है तो, उससे बातें करने का और खेलने का रास्ता अपने आप खुल जाता है। जब हम छोटे थे तो अपने भाई-बहन से या स्कूल में झगडा होने पर आपस जीभ निकालकर और उल्टा-सीधा चेहरा बनाकर चिढाते थे। अब भी कभी-कभी अपने बच्चों के साथ खेलते वक्त ऐसे ही करता हूँ। इस प्रकार उल्टे-सीधे चेहरे बनाने से वातावरण हँसी-खुशी का हो जाता है और चेहरे की माँसपेशियों का व्यायाम भी बहुत अच्छा होता है। आप भी ये तस्वीरें देखिये और इस होली पर एक-दूसरे को खूब चिढाईये, यकीन मानिये बहुत मजा आयेगा।
नाम
Antar Sohil,
अच्छी बाते,
अन्तर सोहिल,
मजाक
14 comments:
नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******
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ha ha ha ha
ReplyDeleteशुभकामनाये
एक से बढकर एक सारे मस्त....
ReplyDeleteha ha ha ha
ReplyDeleteएक पोज और भी है जीव निकाल दोनों हाथों के अंगूठे कान पे सटा उँगलियों को हिलाना !
बहुत बढ़िया जी। अच्छी पोस्ट है हँसाने के लिये:)
ReplyDeleteअब आपने आंख मारनी बन्द कर दी है क्या?
ReplyDeleteजीभ निकालने की भी एक अदा है ....आज पता चला ...आपकी पोस्ट देखकर सहज ही मेरी भी जीभ निकल गयी ....आपका आभार
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर ओर मस्त जी:)
ReplyDeleteएक और कद्रदान आपके सुझाव कि क़द्र करते हुए आपके फोर्मुले पर अमल करेगा. तस्वीरे भी उम्दा हैं.
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
इनमे भी होली के रंग नज़र आ रहे हैं। आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteअजब गज़ब पोस्ट ...होली की शुभकामनायें
ReplyDeleteअरे वाह !
ReplyDeleteमजा आ गया चित्रों को देखकर ...
भजन करो भोजन करो गाओ ताल तरंग।
ReplyDeleteमन मेरो लागे रहे सब ब्लोगर के संग॥
होलिका (अपने अंतर के कलुष) के दहन और वसन्तोसव पर्व की शुभकामनाएँ!
होली के पर्व की अशेष मंगल कामनाएं। ईश्वर से यही कामना है कि यह पर्व आपके मन के अवगुणों को जला कर भस्म कर जाए और आपके जीवन में खुशियों के रंग बिखराए।
ReplyDeleteआइए इस शुभ अवसर पर वृक्षों को असामयिक मौत से बचाएं तथा अनजाने में होने वाले पाप से लोगों को अवगत कराएं।
जाट की राम राम,
ReplyDeleteआखिर से तीसरे नम्बर की सबसे जानदार है।
बाकि तो ट्राई की जा सकती है। पर ये वाली नहीं।