3/7/11

तम्बाकू आदि पर बैन लगाने से क्या होगा

तम्बाकू, धूम्रपान, गुटखा, पान मसाला आदि पर बैन लगाने से कुछ नहीं होगा। गुजरात में शराब पर बैन है, लेकिन आज वहां शराब की होम डिलिवरी हो रही है। खूब आराम से शराब मिल जाती है और गैरकानूनी कार्य करने वाले चांदी कूट रहे हैं। यही हाल गुटखा, खैनी आदि का भी होने वाला है। चोरी-छुपे फैक्टरियां चलेंगी, व्यापारी दूना कमायेंगें, सरकारी अफसर कमायेंगें। बिक्री तब भी होगी। 
इससे बढिया तो सरकार को ऐसी वस्तुओं पर 4000-5000 प्रतिशत के हिसाब से टैक्स लगा देना चाहिये। यानि तम्बाकू, गुटखा, शराब, सिगरेट, बीडी  आदि 50पैसे मूल्य की चीज कम से कम 20रुपये की बिके, 200 रुपये की दारू 8-10हजार की बिके। बिक्री होगी तो सरकार की जेब में जायेगा और ना बिके तो जनता की सेहत बनी रहेगी। जो इतने महँगे शौक रखेगा, वो महँगा इलाज भी करा सकता है।
व्यापार और कर विभाग को ज्यादा सख्त बनाया जा सकता है कि कोई मैन्यूफैक्चर कर चोरी ना कर सके। 

14 comments:

  1. "इससे बढिया तो सरकार को ऐसी वस्तुओं पर 4000-5000 प्रतिशत के हिसाब से टैक्स लगा देना चाहिये। यानि तम्बाकू, गुटखा, शराब, सिगरेट, बीडी आदि 50पैसे मूल्य की चीज कम से कम 20रुपये की बिके, 200 रुपये की दारू 8-10हजार की बिके।"

    हे भाई ! रहम कर, ऐसी भी क्या दुश्मनी हमसे ?

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  2. बात तो आपकी ठीक है साहब
    पर हमारा क्या होगा

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  3. सरकार लगाये तो सही ।
    काश कि न रहे बांस , न बजे बांसुरी ।

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  4. सरकार चाहे तो बहुत कुछ कर सकती है । लेकिन दुखद तो ये है की वो कुछ करना ही नहीं चाहती । शामिल है सरकार भी इन काले धंधों में।

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  5. ससुरे बांस को ही तोड दो तो लठ्ठ पडने बंद हो जायेंगे.

    रामराम.

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  6. तम्बाकू, धूम्रपान, गुटखा, पान मसाला आदि पर बैन लगाने से कुछ नहीं होगा। इसीलिए सरकार बैन नहीं लगाती.

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  7. शायद आप को पता नही इसे बेचने वाले आम आदमी नही, यह सब इस नेताओ के ही रिश्तेदार होते हे, शराब बन्द हो तो भी इन्हे लाभ... खुली हो तो भी इन्हे लाभ,
    अच्छा हो जो भी नशा करे उस से समाज ही बात करनी बन्द कर दे, ओर जब समाज ही बुराई से मुः मोडेगा तो आदमी समाज के डर से इन्हे मुफ़त भी नही लेगा,
    आप ने बहुत सुंदर विषय चुना, धन्यवाद

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  8. चोरी छिपे बिकने के डर से बुराई को रोका ही न जाये, उस तर्क में कोई दम नहीं है। इस तर्क को मानें तो टैक्स की चोरी भी सारे देश में डटकर होती है, तो फिर कर लगाने या बढाने से क्या होगा? इसी प्रकार हत्या अपराध होते हुए भी भारत में दुनिया भर से अधिक होती है। बुराई पर नियंत्रण का प्रयास समाज और प्रशासन का कर्तव्य है और वह होना ही चाहिये।

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  9. अपनी दुकानदारी का आधा हिस्सा इन्ही वस्तुओं का है | आप तो हमारे ही पेट पर लात मारने वाली बात कर रहे है | खैर समाज का भला हो तो अच्छा है हम तो अपना व्यवसाय बदल लेंगे लेकिन क्या समाज बदलेगा |

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  10. खूब हिसाब किताब लगाया है। लेकिन चोर फिर भी रास्ता निकाल ही लेते हैं। शुभकामनायें।

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  11. ये बैन भी दोधारी तलवार है। एक तरफ बैन से माल का दाम बढ़ जाता है और दूसरी ओर सरकार का टैक्स भी। यदि सचमुच सरकार चाहे तो उसका बनाना ही बैन कर दें... पर नहीं, आमदनी जो बंद हो जाएगी:)

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  12. न रहे बांस , न बजे बांसुरी ।
    आप ने बहुत सुंदर विषय चुना, धन्यवाद|

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  13. ये भी ठीक है पर बैन लगाने से कम से कम आसानी से तो नहीं मिलती चीज़ .... कमसे कम बच्चों के हाथ इतनी आसानी से नहीं आती ये चीज़ें ..

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मुझे शिकायत है !!!

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उन्होंने ईश्वर से डरना छोड़ दिया है , जो भ्रूण हत्या के दोषी हैं। जिन्हें कन्या नहीं चाहिए, उन्हें बहू भी मत दीजिये।