6/1/10

किस-किस को एतराज है - अन्तर सोहिल

सभी कहते हैं कि "पति-पत्नी एक ही गाडी के दो पहिये होते हैं,
एक भी पहिया खराब हो जाये तो गाडी चल नहीं सकती"
तो क्या
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स्टेपनी रखनी चाहिये????????????
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सभी कहते हैं कि "दारू पीने से जिन्दगी की समस्याओं का हल नही हो सकता"

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दूध पीने से कौन सा जिन्दगी के मसले सुलझ जाते हैं????????????
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सभी कहते हैं कि "मेहनती की कद्र होती है"
तो क्या
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गधा सबसे सम्मानित होना चाहिये????????????
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डिसक्लेमर : - उपरोक्त पंक्तियां  शुद्ध हास्य के लिये हैं। आपके एतराज पर हटा दी जायेंगीं।

31 comments:

  1. हा-हा-हा, सोहिल जी आज पूरे मूड में लग रहे हो, क्या बात है ?

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  2. हा हा
    स्टेपनी का खयाल अच्छा है

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  3. भाई हमें तो कोई ऎतराज नहीं....आखिर आप बता रहे हैं तो सही ही होगा :-)

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  4. स्टेपनी रखनी चाहिये????????????
    :)

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  5. एक भी पहिये को खराब ही मत होने दो ।
    स्टेपनी की ज़रुरत ही नहीं पड़ेगी ।

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  6. बात तो सोचने योग्य की है आपने

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  7. बहुत बढिया!!
    अब इनका कोई जवाब क्या देगा...

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  8. अंतर सोहिल जी बहुत अच्छा
    एक हमारे तरफ से भी आज इन्सान की जगह जानवर और हैवानों की कद्र होती है ,
    तो क्या हम सब को इन्सान से जानवर बन जाना चाहिए ???????
    ये कुदरत का नियम है की अच्छाई बुराई साथ-साथ रहती है ,लेकिन हमें हमेशा अच्छाई का साथ देना चाहिए |

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  9. सही कहा जी एकदम।

    एक और,

    ’शराब वो धीमा जहर है जो धीरे धीरे मारता है।’
    .........
    ..........
    .............
    ................
    "तो हमें कौन सा मरने की जल्दी है?"

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  10. जी नहीं, बिलकुल हटाने की ज़रूरत नहीं है .... बढ़िया लिखा है.

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  11. मजा आ गया | स्टैपनी के बारे में पहले भाभीजी से भी एक बार बात कर लेवे

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  12. ..बहुत मजेदार रोचक ,,,सच भी लगी.......... ऐतराज़ क्यूँ होगा ...हम तो आपके द्वतीय सिद्धांत पर ही जीवित है :)

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  13. मुझे तो बिल्कुल एतराज नही है..मजेदार बात कही आपने..धन्यवाद जी

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  14. bahut achha laga pad kar

    bahut khub

    http://kavyawani.blogspot.com/

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  15. :)

    स्टेपनी रखनी चाहिये????????????

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  16. @ honesty project democracy
    आदरणीय

    ये कुदरत का नियम है की अच्छाई बुराई साथ-साथ रहती है ,लेकिन हमें हमेशा अच्छाई का साथ देना चाहिए

    आपकी यह बात बहुत प्रेरक, अच्छी और सच्ची लगी जी, धन्यवाद। मैं इसे अपने जीवन में उतारने की कोशिश करूंगा।

    ऐसा मुझे तो नहीं लगता कि "जानवरों और हैवानों की कद्र होती है।" जो इन्सान है वो तो इन्सानों की ही कद्र करता है जी और जो खुद हैवान हैं वो हैवानों की कद्र करते हैं।

    हां कुछ हैवान चालबाजियों से अपनी कद्र करवाने में माहिर होते हैं। इसलिये हमें उनकी चालबाजियों और शातिरता को समझना चाहिये।

    प्रणाम स्वीकार करें

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  17. @ नरेश सिंह राठौड जी

    बिल्कुल बात कीजिये जी, अपनी भाभी जी से भी और मेरी भाभी जी से भी :-)
    हा-हा-हा

    यह बात तो स्त्री और पुरुष दोनों पर सम भाव से पूछी गई है।

    प्रणाम

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  18. :)
    अभी अभी किसी ने फोन पर मूड ऑफ़ कर दिया था... भाई अब फ्रेश हो गया.

    बहुत अच्छा अन्तर जी.

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  19. अगर आप कृपा करके एक स्टेपनी की व्यवस्था कर दें,
    तो उसी दिन यह गधा दारू भी पीने लग पड़ेगा ।
    वैसे मरने की जल्दी मुझे भी नहीं है ।
    एक खुशदिल पोस्ट का धन्यवाद !

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  20. हा हा!! बहुत मजेदार..स्टेपनी. :)

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  21. Dhood peene se kuch bane ya na bane, par daroo peene se bigad zaroor jayega....
    ek paheea khrab ho jaye to doosre ko usee kee dekh-rekh karnee bantee hai..na ke stipani dhoondne chal do...
    Mere vechar hain...manna zaroori bhee nahee....

    Hardeep

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  22. आज रात पढि़ए ब्‍लोग जगत के महारथी महामानव फुरसतिया सर को समर्पित कविता। दोबारा याद नहीं कराऊंगी। खुद ही आ जाना अगर मौज लेनी हो, अब तक तो वे ही लेते रहेंगे, देखिएगा कि देते हुए कैसे लगते हैं फुरसतिया सर।

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  23. क्रोध पर नियंत्रण स्वभाविक व्यवहार से ही संभव है जो साधना से कम नहीं है।

    आइये क्रोध को शांत करने का उपाय अपनायें !

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  24. wah ji wah maja aa gaya padhkar bahut rochak aur satya hai janab

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नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******

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मुझे शिकायत है !!!

मुझे शिकायत है !!!
उन्होंने ईश्वर से डरना छोड़ दिया है , जो भ्रूण हत्या के दोषी हैं। जिन्हें कन्या नहीं चाहिए, उन्हें बहू भी मत दीजिये।