10/9/08
कुछ काम की बातें
बच्चो को इतनी छुट ना दो,
कि वह अपनी कहते कहते
तुम्हारी सुनना ही बन्द कर दें.
बच्चो को इतनी छुट ना दो,
कि उन की सुनने लगो
तो इतनी कितुम्हारा बोलना ही बन्द कर दे,
अब यह आप सब के हाथ मे है आप बच्चो से क्या उम्मीद रखते है.
ओर आप बच्चो की जगह, स्त्री, मन, पत्नि,कोई भी शव्द लगाये सब मे आप को कुछ ना कुछ जरुर मिलेगा
कि वह अपनी कहते कहते
तुम्हारी सुनना ही बन्द कर दें.
बच्चो को इतनी छुट ना दो,
कि उन की सुनने लगो
तो इतनी कितुम्हारा बोलना ही बन्द कर दे,
अब यह आप सब के हाथ मे है आप बच्चो से क्या उम्मीद रखते है.
ओर आप बच्चो की जगह, स्त्री, मन, पत्नि,कोई भी शव्द लगाये सब मे आप को कुछ ना कुछ जरुर मिलेगा
24 comments:
नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******
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विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनांयें
ReplyDeleteओर आप बच्चो की जगह, स्त्री, मन, पत्नि,कोई भी शव्द लगाये सब मे आप को कुछ ना कुछ जरुर मिलेगा
ReplyDeleteवाह वाह्ह ! क्या बात कही ही ? बहुत बढिया ! दशहरे की राम राम !
बहुत बढिया,दशहरे की बधाई।
ReplyDeletesir bahut sunder rachan
ReplyDeletemany times u r blog page didnt open i shared it with tau rampuria ji
long time no suggestion from u r side
waiting to check whether i am wrte or wrong
do visit
and
need to think how to handle the coming blogers
regards
दशहरे की बधाई आपको
ReplyDeleteवाह, आपने तो काम की कही!
ReplyDeleteविजयादशमी की हार्दिक बधाई। यूं ही सालों साल हम अपने सुख-दुख बांटते रहें।
ReplyDeleteभाटियाजी, फुसफुसा इस लिए रहा हूं, कि यही बात "वे लोग" करने लग गये तो !!!!
ReplyDeleteसुंदर सार्थक सहज विचार
ReplyDeleteमेरी नई रचना "शेयर बाज़ार पढने हेतु आपको सादर अपने इष्ट मित्रों सहित आमंत्रण है कृपया मेरे ब्लॉग पर पधारें और जाते जाते अपनी प्रतिक्रिया भी व्यक्त करें <> स्वागत है
sahi kaha..
ReplyDeletevaise yadi bachcho ki jagah pati ya purush bhi lagaaye to bhi kuch bhaav banegaa..
बच्चों को इतना भी मत डांटो कि उनका स्वाभाविक विकास ही थम जाए।
ReplyDeleteसही बात है। दशहरे की हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDeleteभाटिया बड़ी सुंदर सीख दी आपने ! आज दशहरे की शुभकामनाएं और तिवारीसाहब का सलाम आपको !
ReplyDeleteसुंदर सीख ! बधाई !
ReplyDeleteबड़ा मस्त गाना बज रहा है आपके ब्लॉग पर .. यूँ ही कोई मिल गया था ..
शायद इनसे हमारी ऊपर कहीं मुलाक़ात हुई है... ऐसा लग रहा है ...
bahut sahi baat kahi
ReplyDeleteजोरदार माईक्रो पोस्ट !
ReplyDeleteओर आप बच्चो की जगह, स्त्री, मन, पत्नि,कोई भी शव्द लगाये सब मे आप को कुछ ना कुछ जरुर मिलेगा
ReplyDelete"ha ha ha bhut khub, bacchon ka bhana laiker subko line pr lga diya aapne, well said'
Regards
इन उपयोगी सुझावों के लिए शुक्रिया।
ReplyDeletethanks for guide line
ReplyDeletemeri post ki patang ko copy pate option se badi kar lijiyegaa suvidhaajanak hogaa
true one...
ReplyDeleteखूब कहा. कभी बच्चों की बात भी सुनवाइये भाटिया जी!
ReplyDeleteRAJ JI AAP KA BLOG BAHOOT HI ACCHA HAI AAPKE VICHAR BHARTIYE HAI ACCHA LAGA AAP APNI DHARA SE JURE RAHE AUR PARDESH ME APNE INDIA KA NAM ROSHAN KARE YAHI KAMNA HAI MERI
ReplyDeleteछूट देने और छूट न देने में संतुलन बनाए रखना जरूरी है.
ReplyDeleteवाह भाटिया साहब,
ReplyDeleteआपकी सोच से प्रभावित हुआ हूं, आपने बच्चों के लिये जो किया हर दाद उसके लिये छोटी है।