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4/30/11

विनायक दामोदर सावरकर, आओ शान से कहे हम एक इंसान हे,


आज एक फ़िल्म देखी वीर सावरकर, इस फ़िल्म को देख कर रोंगटे खडे हो गये, कि हमारे शाहिदो ने कितनी यातनाऎं सह कर कितने दुख सह कर, कितनी कुर्बानिया सह कर हमे आजादी दिलवाई, ओर आज उस आजादी का हम कितना आदर करते हे, इस फ़िल्म मे जो देखा ओर जो फ़िल्माया हम उसे देख कर ही दुखी हुये, लेकिन जिन पर बीती होगी, जिन्होने यह सब सहा,उन पर उस समय क्या गुजरी होगी, उन्होने क्या आज के भारत का यह रुप कभी सोचा होगा, आज कितने स्मारक हे इन शहिदो के नाम से? आज कितने लोग इन्हे याद रखते हे, इन का नाम लेते हे?

इस फ़िल्म के बारे मेरे पास उतने शव्द नही कि इन्हे मै शव्दो का रुप दे सकूं, अगर आप के पास समय हो तो एक बार अपने बच्चो के संग बेठ कर इस फ़िल्म को जरुर देखे, ओर जरुर सोचे कि क्या हम उस आजादी का सही उपयोग कर रहे हे, जो हमारे बुजुर्ग शाहिदो ने हमे दिलवाई, क्या हम कही फ़िर से उस गुलामी की ओर तो नही बढ रहे....हम कही अपनी पहचान तो फ़िर से नही खो रहे, जिस सर को हम इज्जत से, शान से ऊठा कर कहते हे कि हम भारतिया हे कही उसे फ़िर से झुकने के लिये तेयार तो नही कर रहे,

कही आज के नेताओ ने फ़िर से ह्मे मजबुर तो नही कर दिया कि फ़िर से इस समाज मे विनायक दामोदर सावरकर, भगत सिंह, सुभाष चंद्र ,इकबाल जेसे लोग पेदा हो ओर इन देश द्रोहियो को फ़िर से मार भगाये, जिन्होने इस फ़िल्म को नही देखा वो एक बार जरुर देखे

9/8/10

मन मोहन जी अनाज को सडने दे.... लेकिन उस से पहले इस विडियो को तो देख ले

शिकायत किस से करे? आदमी शिकायत उन्ही से करता है जिन के दिल मै दर्द हो, बेदर्दो से कोई शिकायत नही करता, आज घुमते फ़िरते यह विडियो दिखा, ओर देख कर रोंगटे खडे हो गये... अगर आप चाहे तो इसे देख सकते है.....

8/26/10

ईमेल के रास्ते मुफ़्त फ़ोन

अब जल्दी से आप सभी अपने घरो के फ़ोन कटवा दे.... ओर मुफ़त मैइन ही सेवा ले.... पुरा पढने के लिये ओर पुरी जानकारी के लिये यहां जाये

8/14/10

एक घिनोन्ना सच, जिसे सुन कर शेतान भी कांप जाये....

आज़ादी की इस 63 वीं सालगिरह पर अगले कुछ दिनों बीबीसी आप तक पहुंचाएगा कुछ ऐसे लोगों की कहानियां जो लगातार एक सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश में हैं कि आख़िर कितने आज़ाद हैं हम?पुरी खबर पढने के लिये यहां जाये

5/31/10

साबधान कही आप अपना पास पोर्ट ना० खुद ही तो नही बता रहे....

आज कल मुझे सभी जान पहचान वालो की तरफ़ से एक मेल आ रही है, जूस नाम से उस का चित्र मै नीचे दे रहा हुं,कल मैने तंग आ कर इस पर जाना चाहा, तो आगे जा कर यह मेरा ई मेल पास पोर्ट ना मांगने लगा, सो मैने दे दिया, क्योकि मेल किसी पुराने ब्लांगर की थी, ओर मुझे विशवास था,लेकिन जब थोडा ओर आगे गया तो यह मेरे से ओर ज्यादा जानकारी मांगने लगा, तो मेरी छ्टी इंद्री ने काम किया ओर मै वहां से भागा, ओर आज एक दो ब्लांगरो ने मुझे मेल किया कि राज जी हमारा एकाऊंट तो इस जुस पर नही है, आप का धन्यवाद, तो आप सभी को मै सुचित करना चाहता हुं कि मैने आज तक किसी को इस निक्कमे जुस पर निमंत्रण नही भेजा हैअगर मेरे नाम से किसी को कोई ऎसा निमंत्रण आये तो समझे यह झुस या जुस्न ने खुद भेजा है, कृप्या आप इस के धोखे मै मत आये, आज मै अपना पास्पोर्ट बदल रहा हुं, ओर आप सब को साबधान करना मैने अपना फ़र्ज समझा
यह मेल भी जिस ने भेजी है या जिस के नाम से आई है वो मेरा विश्वासनिया है, ओर मुझे लगता है कि उसे नही मालुम कि उस के नाम से यह मेल मुझे आई है. अगर आप लोगो ने इस मेल को खोला है ओर अपना पास पोर्ट इस मै दिया है तो अब अपना पास पोर्ट ना जल्द से जल्द बदल ले

5/17/10

मैंने उससे कहा कि जहाज़ में बैठ गया हूं और बस 15 मिनट में जहाज़ उड़ने वाला है

'जहाज़ तो उड़ेगा ही'
मौलाना नूरुल हुदा

मौलाना नूरुल हुदा एमिरेट्स एयरलाइंस से लंदन जा रहे थे

उत्तर प्रदेश के शहर देवबंद के सुप्रसिद्ध मदरसे के एक मौलाना के बारे में पिछले दिनों यह ख़बर लगभग हर समाचार पत्र में थी कि कथित तौर पर विमान को उड़ाने के आरोप में मौलाना नूरुल हुदा को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया था, बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया.पुरी खबर पढने के लिये यहां चटका लगाये

4/20/10

अब 'बसंती' चढ़ी पानी की टंकी पर

शोलेफ़िल्म शोले में वीरू ने बसंती से शादी करने के लिए पानी की उँची टंकी पर चढ़ कर कूदने की धमकी दी थी.
वह एक फिल्मी दृश्य था. लेकिन राजस्थान के झुंझुनू जिले में पुलिस को हक़ीक़त में ही ऐसे ही मंज़र का सामना करना पड़ा.
अंतर सिर्फ इतना था कि इस कहानी में 'बसंती' ही पानी की टंकी पर चढ़ गई. वह नीचे तभी उतरी जब उसे उसके प्रेमी से शादी कराने का भरोसा दिलाया गया.अजी पुरा यहां पढिये.....

9/15/09

मेरी उलझण ? क्या मेरी यह उलझण सच है या एक वहम ?

चित्र को बडा करने के लिये चित्र पर कलिक करे

नमस्कार, यह मेल मुझे कई अलग अलग साथियो की तरफ़ से मिली, एक मित्र को मेने जब किसी बात के सिलसिले मै मेल किया ओर पुछा कि भाई यह मेल केसा ? तो मै उन का जबाब पढ कर हेरान रह गय, उन का कहना कि यह मेल तो आप ने मुझे भेजा था, तो साथियो मै किसी को ऎसा कोई मेल कभी नही भेजता, ओर यह मेल जरुर किसी तीसरे आदमी की शरारत है, इस लिये आप इस मेल को खोलने से पहले कम से कम दस बार सोचे, इसी मेल को नही, ऎसा कोई भी मेल आये तो उसे खोलने से पहले कई बार सोचे,
ओर मेने आज तक किसी को भी ऎसा कोई मेल नही किया, बस ओर्कुट ही किया था, पुजा से समबधित, या किसी को दस बीस मेल करो ऎसा मेल मुझे कई बार मिला लेकिन मै उसे ज्यादा तव्ज्जो नही देता, ओर ना ही उसे कभी आगे भेजता हू, आप सब साबधान हो जाये.
अगर किसी को इस मेल के बारे कोई जानकारी हो तो जरुर लिखे.

9/4/09

हम नकली प्रोफाइल वालो से केसे बचे?

कल मै एक लेख पढ रहा था,जिसे लिखा था हमारे माननीय जी.के. अवधिया जी ने, "धान के खेत मै" नामक ब्लांग पर लेख पढ कर काफ़ी कुछ सोचने पर मजबुर हो गया, उन्होने जिस विषय पर लिखा उस विषय पर तो सब ने ही सोचा, लेकिन मेरी सोच अलग थी, ओर मै अकसर इस तरह की प्रोफ़ाइल देख कर टिपण्णी देने से बचता हूं, यानि ९९% ऎसे ब्लांग पर टिपण्णी नही देता जेसे...
जिस ब्लांग पर उस व्यक्ति की प्रोफ़ाईल साफ़ ना दिखे जेसे की जी.के. अवधिया ने आज बताया,
दुसरा जिस का चित्र ना लगा हो, यानि हमे पता ही ना हो हम किसे टिपण्णी दे रहे है.
तीसरा जिस के ब्लांग पर किसी हीरो हीरोईन, या बच्चे के चित्र हो ओर वो ब्लाग किसी व्यसक का हो( जेसे आदि का ब्लाग तो उसे रंजन जी चलाते है लेकिन बाते तो आदि की ओर उस के बचपन की है) यहा बच्चे का चित्र उचित है, अगर आप भी मेरी इस बात से सहमत हो तो फ़िर कभी भी ऎसी घटना नही घटेगी जिस का जिक्र अवाधिया जी ने अपने इस लेख मै किया है, ओर मेरी समझ मै इस का यही एक उपाय है

इन छंद लोगो से बचने का यही एक उपाय है, अगर आप लोगो के पास भी कोई उपाय हो तो जरुर बांटे

8/10/09

तिरंगा फ़हराये अपने ब्लांग पर

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जय हिन्द
आप इस कोड को कापी कर के अपने ब्लागं मै डाले ओर १५ अगस्त को तिरंगा पहराये.आप यहा से कोड को कापी कर के अपने गेजेट मे पेस्ट कर ले( HTML ) गजेट कर फ़िर जहां चाहे जितने चाहे झंडे फ़हराये

7/17/09

सुचना

मै आप सब से माफ़ी चाहता हुं कि कुछ दिनो के लिये आप सब से दुर रहूंगा, ओर सोम वार वाली पहेली भी नही बूझ सकता....
धन्यवाद

7/9/09

नोटिस बोर्ड/ ओर एक चित्र

सोमवार १३/७/०९ को सुबह आप लोगो के लिये फ़िर से नयी पहेली ले कर हाजिर रहूंगा, तब तक आप भी आराम से सो सकते है....

7/8/09

एक मेल हमारे मित्र की ओर से

यह मेल मुझे आज प्रकाश गोविंद जी की तरफ़ से मिला, इस मेल मै ऎसी कॊइ बात नही जिसे से लगे कि यह प्राईवेट है, दुसरा कारण इसे मै इस लिये इस पोस्ट मै डाल रहा हू कि आप सब भी इसे पढ ले, क्योकि मेरे को एक बार प्रकाश जी ने कहा था कि ऎसी पहेली लाओ जिस से सब का सर चक्करा जाये, पिछली पहेली पर मेने सोचा था कि प्रकाश जी शाअयद जानबूझ कर नही आये ओर मेने उन्हे लिखा भी था कि भाई आओ ओर आज मोका है प्रथम विजेता बनने का, लेकिन मुझे नही मालूम था कि वो सख्त बिमार है, मै भगवान से प्राथना करता हु कि वो जल्द ठीक हो जाये, आप भी उन का मेल पढ ले...
ओर मै इन्हे इन की ईमान दारी से इन्हे भी जीत की बधाई देता हुं, ओर जल्द ठीक हो कर फ़िर से हमारे संग आये.
आदरणीय राज जी
अभिवादन !!!

आशा है आप सकुशल व प्रसन्न होंगे !
तबीयत ठीक न होने की वजह से मैं पहेली में हिस्सा नहीं ले पाया ! पता नहीं मुझे क्या हो गया है कि कभी लगता है बुखार है ... कभी सिर में दर्द और कभी इतना ज्यादा शरीर टूटता है कि बस चुप-चाप लेटे रहने की इच्छा होती है ! इधर मौसम भी मनचलों सा व्यवहार कर रहा है ... स्थिर ही नहीं हो रहा है एक जगह ... कभी बदली .. कभी पानी .. कभी तेज धुप ...कभी गजब की उमस !

पहेली मेरे लिए जूनून की तरह है ... चाहे जैसी पहेली हो ... चेस क्विज, क्रॉस वर्ड, सुडोकू, हर तरह की ! बेहिसाब इनाम भी जीते हैं ! आपकी इस बार की पहेली बेहद कठिन थी ! मैंने आपकी पहेली कल दोपहर करीब 3 बजे हल करने की सोची ! मैंने इमानदारी रखते हुए किसी भी प्रतिक्रिया को नहीं पढ़ा ! लगा रहा मिशन में ! किसी भी तरह कामयाबी नहीं मिली ! 5 बजे तक मैं लगभग भारत के एक-एक करके सारे म्यूजियम घूम चुका था ! सिस्टम बंद करके चला गया आराम करने लेकिन ये पहेली की बिमारी भी बहुत अजीब चीज है ! बस दिमाग में मूर्ति ही घूम रही थी ! करीब सवा छह बजे फिर से लग गया ढूँढने ! कब साढ़े सात बज गए पता ही नहीं चला ! इतना खोजने के बाद भी कुछ हासिल नहीं हुआ ! एक बार फिर सिस्टम बंद करके चला गया चाय वगैरह पीने !
मन में सोच रहा था कि आखिर ये मूर्ति मिल क्यों नहीं रही है ....... कहीं ये विदेश में तो नहीं है ! लेकिन मैंने जिस तरह सर्च किया था .. उस तरह तो कहीं भी होती दिख जाती ! ये भी सोच रहा था कि अच्छा हुआ कि मैं प्रतियोगिता में शामिल नहीं हुआ वरना वाकई दिमाग का बाजा बज जाता !
खैर रात दस बजे एक बार फिर से आपके ब्लॉग पर आया ! अब की बार आपका हिंट पढ़ा जिसमें आपने लिखा था कि यह विश्व प्रसिद्ध संग्रहालय है ! तब मैंने मनोरमा ईयर बुक में सारे संग्रहालय की सूची देखी ! उसमें लिखे करीब १६-१७ को चेक किया लेकिन कहीं नहीं मिला ! एक अलग से पैराग्राफ में कुछ और संग्राहालय के नाम लिखे थे उसी में Nilambur का भी जिक्र था उसके बारे में लिखा था वर्ल्ड फेमस टीक म्यूजियम !
बस राज साहब रात के दस चालीस बजे मुझे जवाब मिल चुका था ! चलिए आपसे शाबाशी नहीं मिली .. कोई बात नहीं ... दिल संतुष्ट हो गया कि मैं हारा नहीं !
बाद में देखा तो मेरी तरह सभी परेशान हुए ! वाकई बहुत कठिन थी ये पहेली !


प्रकाश गोविन्द

आईये हम आज हम ब्लांग के पेज को उपर ओर नीचे करना सीखे

आदित्या (पलटू) की बचपन की शरारते रंजन जी रोजाना ही दिखाते है, ओर इस की शरारते देख कर हम सब को अपने बच्चो का बचपन याद आ जाता है, करीब करीब सभी बच्चे ऎसी ही शरारते करते है, इसी प्रकार सभी बच्चो को आज पीसी के बारे भी बहुत सारा ग्याण है, सभी बच्चे हम बडो से ज्यादा जानते है इसे, यह मै इस लिये लिख रहा हुं, कि मेरे बच्चे ना तो आप के बच्चो से ज्यादा सायने है , ओर ना ही मै उन की ज्यादा तारीफ़ कर रहा हुं.

बस मुझे मेरे बच्चे कई बार ऎसी बाते बता देते है जो मेरे लिये नयी होती है, ओर जब मुझे यह नया ग्याण मिलता है, तो मुझे खुशी होती है, ओर फ़िर मै चाहता हुं कि यह बात उन सब को भी पता चले जिन्हे नही पता, क्योकि उन नोजवानो को जो सारा सारा दिन घर ओर ओफ़िस मै पी सी पर ही बेठे रहते उन्हे तो इस से भी ज्यादा, नही बहुत ज्यादा ग्याण होगा, लेकिन मेरे जेसे वो लोग जो किसी से पुछते समय भी शरमा जाते है, यह जानकारियां उन लोगो के लिये बहुत अच्छी वरदान सावित होगी.

आप जब ब्लांग/ कोई वेब साईट/ पेपर/या फ़िर कुछ भी अपने पीसी पर पढते है, ओर वो पेज जो काफ़ी लम्बा होता है, तो आप माऊस से बीच वाला पहिया घुमा घुमा कर या फ़िर माउस को राईट साईट मै ले जाकर पट्टी को दबा कर या फ़िर नीचे ऊपर वाले तीर के निशान पर माऊस को ले जा कर उन्हे उपर नीचे करते है,ओर कई बार अपनी मनपसंद जगह पर रोकना हो तो मुश्किल होती है, तो आये हम बिलकुल आसान तरीका बताये, जिन्हे मालुम है, वो अगर बता सके की यह तरीका लेपटाप पे केसे हो सकता है तो उन की मेहरवानी.

चलिये अभी इसी लेख पर अजमा ले आप अपने माऊस को साईड मै खाली जगह कही भी रखे अच्छा है बीच मै रखे, ओर फ़िर बीच वाला पहिया एक बार दबा दे, ओर छोड दे अब आप के मोनिटर पर एक आजीब सा निशान आ गया है बिना कुछ किये अब माऊस को थोडा नीचे करे या उपर, देखा आप ने !! अब आप अपनी मनचाही सपीड कर सकते है.

7/4/09

नोटिस बोर्ड / ओर मेकडोनल मे खाना फ़्रि

सोम बार सुबह सुबह एक नयी पहेली के संग
हाजिर रहूगां, ओर जिन्हे उस पहेली का जबाब पता हो तो उन से प्राथना है कि वो उस जबाब के संग ज्यादा से ज्यादा जान कारी लिख कर भेजे, पहेली कठिन तो बिलकुल नही .
लेकिन आज आप सब हमारे इन मेकडोनल से खाना का कर जाये, हमारे यहां बन्द बर्गर, समोसा बरगर,छोले बर्गर, कुलचे बर्गर यानि सभी प्रकार के (बिग मेक) डिग सेक, ओर बरगर मिलते है

7/2/09

, नया टब ( विंडो ) केसे खोले ??

कई बार मै नयी पोस्ट लिखता हू, तो मुझे उस समय कई बार याद आता है कि मेने उस ब्लांग का लिंक इस मै डलाना था, लेकिन अब तो आधी पोस्ट लिख चुका ? अब केसे लाऊ उस लिंक को, या तो फ़िर इस पोस्ट (अधुरी) को सेफ़ करे फ़िर ब्लांग पर जाये फ़िर लिंक ढुंढे फ़िर उस की कापी करे फ़िर वपिस आये, फ़िर से अधुरा लेख खोले.... अरे बाबा बडा काम है , है ना,
कई बार हमे कोई नया ब्लांगर टिपण्णी देता है, ओर फ़िर हम उस टिपण्णी के पीछे जाते है,ओर उन को भी बदले मै टिपण्णी दी, ओर उस का tab (ब्लांग ) बन्द कर दिया, लेकिन यह कया हम तो अपना ब्लांग भी भुल गये थे, सो हमारा ब्लांग भी साथ मै बन्द !!! अरे बाबा बडी मुश्किल है फ़िर से लांगिन करो, फ़िर से अरे बडा झंझट है,

ओर भी ऎसी कई मुश्किले हमे अकसर आती है,ओर हम भटकते भटकते कई बार कहां से कहा पहुच जाते है, क्या इस का कोई इलाज है ? अजी है ना ? ओर आप के राईट हाथ मै ही है, अजी आप के इस मुऎ माउस मै, शायद आप को मालुम नही, चलिये हम बताते है, हमे हमारे बेटो ने बताया था.

आप अपने ब्लांग पर है, ओर आप ने नया (tab) पेज खोलना है, किसी की टिपण्णी का जबाब देना है, तो आप सब से पहले अपने माऊस को उस टिपण्णी पर ले जाये, फ़िर उस टिपण्णी पर जा कर माऊस का बीच वाला पहिया दबा दे, देखा खुल गया नया पेज, ओर आप का ब्लांग भी है, यानि आप अपने ब्लांग से भी नही निकले.

अगर आप के पास लेपटाप है, ओर आप माउस को काम मै नही लाते तो कोई बात नही फ़िर आप नये (tab) पेज खोलने के लिये Ctrg के साथ T दबाये, यह बिधि आप पीसी पर भी कर सकते है.

यह कोई नयी बात नही लेकिन कई मेरे जेसे लोगो को पता नही होता,मै कई बार पोस्ट लिखते समय कोई लिंक लाना चाहता तो , अलग से पेज खोलने पर लांगिन्नही होता था, इस लिये लम्बा चक्कर लगाता , अब उसी पेज पर रहता हुं ओर नया पेज भी खोल लेता हुं, सथ मै लांगिन की भी दिक्कत नही.

तो बताईये केसा लगा यह सब.मै कोई स्पेशल नही बस मुझे पता चला तो आप से बाटने चला आया, कहते है ना हमे अपनी खुशिया ओर जानकारियां बांटनी चाहिये इस लिये
धन्यवा्द

7/1/09

ब्लांग पर छोटे ओर बडॆ अक्षर केसे करे बिना किसी टुल के ?

हम आप यानि सभी अलग अलग ब्लांग पर जाते है, उन्हे पढते है, लेकिन सभी ब्लांग के (फ़ंट) अक्षर कभी छोटे तो कभी बडॆ होते है, जिस से हम सब की आंखो पर बहुत जोर पडता ही कभी कभी बहुत बडॆ अक्षर तो कभी कभी छोटे क्या बहुत छोटे अक्षर.
हम मै से कई लोगो ने इस के लिये कई टूल लगा रखे है, कई बार यह टूळ हर ब्लांग पर काम नही करते , या फ़िर टिपण्णी बक्स मे सेट हो जाते है, तो आईये हम आप को सब से आसान तरीका बताये जो कि एक अनजान से अनजान आदमी भी अपने आप किसी भी ब्लांग मै उस के शव्दो को ही नही पुरे ब्लांग को अपनी मन पसंद साईज मे देख सकता है, जिस मै उस ब्लांग के लेख, टिपण्णी बक्स, ओर अन्य बाते भी शामिल है.
इस बात का खोजी मेरा बेटा है, जब उस ने मुझे बताया तो सोचा क्यो ना यह बात आप सब मै बांटी जाये..

तो चलिये जेसा मेने लिखा वेसा करे, हां आप एक बार उस ब्लांग से निकले गे तो वो फ़िर से पहले जेसा ही रहेगा, ओर उस ब्लांग पर इन सब बातो क कोई असर नही पडॆगा.
आप के keyboard( जहां आप टाईप करते है) मै एक शव्द है Strg बस आप ने इसे दबा कर फ़िर अपने माऊस के बीच मै जो पहिया लगा है (जिस से आप पेज को ऊपर नीचे करते है) उसे आगे करेगे तो शव्द बडे हो जायेगे, ओर उसे पीछे करेगे तो शव्द छोटे हो जायेगे.
अजी अभी इसी लेख पर कर के देखे, ओर जब आप की पसंद के हो जाये तो माऊस ओरCtrg (Left) को छोड दे ओर मजे से पाढिये.

अगर आप के पास माऊस नही (लेप टाप ) पर तो आप Ctrg ओर + वटन दवाये बडा करने के लिये, ओर Ctrg or - वटन दवाये छोटा करने के लिये

6/23/09

कुछ हमारी ओर कुछ तुम्हारी बाते, /नोटिस बोर्ड मुफ़त मै

हम सब के जीवन मै कुछ अजीब गरीब बाते होती होगी, लेकिन हम उन्हे नजर अंदाज कर देते है, कई लोग वहम कर के तंत्रिक या बाबा जी के पास जा कर पेसा खराब करते है, लेकिन जो होता है, जो घटता है वो हमे नुक्सान तो नही पहुचाता, बस घट जाता है,ओर उस का कोई उपाय भी नही, हम कर भी नही सकते कूछ, इस लिये जो होता है उसे होने दो, ओर बेफ़िक्र रहो..
जेसे..
मै जब भी कभी किसी भी काम से घर से बाहर गया, काली बिल्ली जरुर रास्ता काट कर जाती है, चाहे भारत हो या जर्मनी.
मोसम बहुत अच्छा है,धुप निकली है... ओर मै मोसम देख कर एक साबुत तरबुज ले आया,फ़्रिज मै रखा दुसरे दिन खाने के लिये.... लेकिन अगले दिन से ही झडी लग जाती है, कई दिनो तक, ओर जब थक कर सर्दी मै ही तरबुज काट लिया दुसरे दिन मोसम फ़िर से साफ़.
पुरा सप्ताह किसी का भी फ़ोन नही आया, फ़ोन ऊठा कर देखा कही खराब तो नही हो गया, कभी दिल बना तो कोई अच्छी फ़िल्म का विचार बना ओर जब सब बेठ कर देखने लगे... अभी पहला सीन ही शुरु हुया कि फ़ोन बज उठा, आधा घंटा बात की, फ़िर फ़िलम शुरु फ़िर फ़ोन, फ़िर फ़िलम शुरु फ़िर फ़ोन...थक कर फ़िलम बन्द कर दो, फ़ोन अपने आप बन्द...
कोई भी पार्टी हो, जिसे मेने वोट दिया वो हमेशा हार गई...
दो सप्ताह कि छुट्टियां मजे से गुजरी , सोम बार को ओफ़िस जाना है शनि बार को तबीयत खराब ....
जब भी कोई वस्तु बहुत सम्भाल कर रखो, मोके पर कभी नही मिलती
ओर भी बहुत सी ऎसी बाते है, जो मुझे याद नही, अगर आप लोगो के संग भी कुछ ऎसा होता हो तो जरुर लिखे
नोटिस बोर्ड सुचना

चलिये अब बात करते है अगली पहेली की,सोम वार को, पिछले समय अनुसार ही यह पहेली भी प्राकाशित होगी,(रात २.०० बजे,/ भारतिया समय ५,३० अगर आप लोग समय मै परिवर्तन चाहते है तो अपनी राय जरुर देवे, बहुमत से ही फ़िर समय का निर्यण होगा) आप जरा फ़िर से किलो, मस्जिदो, मंदिरो, ओर दिवारो,शिवालो को ध्यान से सोच ले, पहेली कठिन बिलकुल नही, प्राकश गोविंद जी आप की राय अच्छी है, लेकिन हमे क्या पता कोन कब आया ओर कब नही, बस कोई जेसे जेसे आता रहा , ओर जबाब देता रहा, चलिये अगली पहेली का जबाब देखे कोन कोन देते है, धन्यवाद

6/19/09

नोटिस बोर्ड सुचना

Alpaca था पिछली पहेली का जबाब, ओर यह Alpaca है तो किसी भेड या ऊंट के ही परिवार का अंश, ओर इसी के परिवार से है लामा,ग्लामा,ksimbura,(सिम्बुरा ) शायद चाचा ताऊ के बच्चे होगे, इन से मिलते जुलते ओर भी बहुत से जानवर है , लामा की एक खासियत यह है कि जब वो किसी से नारज हो जाये तो झट्से मुंह पर थुक देता है.

सुचना:- सोम वार सुबह एक नयी पहेली बूझेगे ? जो भारत की किसी प्रसिद्ध इमारत, मस्जिद, मंदिर, मकबरे, या फ़िर किसी किले के एक हिस्से से ली गई होगी, फ़िर अगर समय ने साथ दिया तो किसी फ़िल्मी गीत से भी कोई पहेली बूझे गे, अगर आप किसी के पास कोई ऎसी जान कारी हो तो मुझे मेल कर के बताये,

हमारे
प्रकाश गोविन्द .

सभी बुझक्कड़ों को बधाई !

आदरणीय राज भाटिया जी पहेली का समय सुनिश्चित कीजिये या फिर नोटिस बोर्ड पे सूचना
दे दिया करिए ! मुझे कभी भी पता ही नहीं चल पाता .... कभी-कभी तो दो दिन बाद पता चलता है ! कभी फिल्म या संगीत से सम्बंधित सवाल भी पूछिए !

पहेली आयोजन हेतु आभार !

तो मिलते है सोमवार की सुबह....समय जब आप की आंख खुले पहेली आप की इंतजार कर रही होगी

6/3/09

'प्रताड़ना की तस्वीरें सार्वजनिक हों'

हमारे यहां तो एक गरीब आदमी भी केदी से बत्तर जिंदगी व्यातीत करने के लिये मजबुर है, फ़िर एक आम केदी की कोन सोचता है ?? उसे केसा खाना मिलता है, लेकिन हमारे कुछ खास लोगो को विदेशो मै केदियो की बहुत फ़िक्र है, क्योकि कहते है दीपक तले अंधेरा.... आखिर भारत मे मानव आधिकारो की बात सुन कर क्या मिलेगा.......'प्रताड़ना की तस्वीरें सार्वजनिक हों' इस खबर को पढने के लिये यहां चटका लगाये.

मुझे शिकायत है !!!

मुझे शिकायत है !!!
उन्होंने ईश्वर से डरना छोड़ दिया है , जो भ्रूण हत्या के दोषी हैं। जिन्हें कन्या नहीं चाहिए, उन्हें बहू भी मत दीजिये।