इस पहेली का सही जबाब ... जी यह मुर्ति एक महान कुत्ते की है, ओर यह कुत्ता कोई आम कुत्ता नही था, यह कुत्ता शिवाजी का प्यारा कुत्ता है, ओर इस का नाम वाघ्या था, वफ़ा दारी का जीता जागता उदहारण, हम हर किसी को बात बात पर कुत्ता कह देते है, जब कि कुत्ते से ज्यादा वफ़ा दार ओर समझ दार कोई जानवर नही,
मेने वाघ्या के बारे पुरी जानकारी ढुंढी लेकिन मुझे हिन्दी मै कही नही मिली, मराठी है है, जो मुझे समझ नही आती, अगर आप मै से किसी के पास इस वाघ्या के बारे जितनी जानकारी हो तो जरुर टिपण्णी मे लिखे,
तो चले आज पहेली के विजेतओ की ओर,
पहले आज पहले विजेता है हमारे समीर जी Udan Tashtar वाले
दुसरे स्थान पर विजेता आये हमारे प्रवीण शर्मा जी
तीसरे स्थान पर विजेता आये हमारे RC Mishra जी ( इन के बारे नीचे जरुर पढे )
चोथे स्थान पर विजेता आये हमारे प्रकाश गोविन्द जी.
पांचवे स्थान पर विजेता आयी हमारी अल्पना वर्मा जी.
छटॆ स्थान पर विजेता आयी हमारी seema gupta जी.
सातवे स्थान पर विजेता आये हमारे मीत जी.
आठवे स्थान पर विजेता आये हमारे HEY PRABHU YEH TERA PATH जी.
नोवें स्थान पर विजेता आये हमारे P.N. Subramanian जी.
दंसवे स्थान पर विजेता आये हमारे रंजन जी.
गाहर्वे स्थान पर विजेता आये हमारे मोहन वशिष्ठ जी.
बाहरवे स्थान पर विजेता आये हमारे रविकांत पाण्डेय जी.
तेहरवे स्थान पर विजेता आये हमारे ताऊ रामपुरिया जी राम प्यारी वाले.
चोहदवे स्थान पर विजेता आये हमारे अजय कुमार झा जी.
सभी विजेताओ को हार्दिक बधाई.
******************************************************************
अब बात करते है जिन्होने मेहनत की लेकिन इस बार कामयाब नही हुये...
सब से पहले डॉ. मनोज मिश्र जी आये ओर बहुत ही सादगी से उन्होने जबाब दिया,
फ़िर आये अनुराग जी Smart Indian - स्मार्ट इंडियन, उन्होने तारीफ़ की लेकिन देख लिजिये ताऊ से आसान पहेली थी,
फ़िर आये हमारे दिनेशराय द्विवेदी Dineshrai Dwivedi जी इन्हे तो लाइका लगी :) चलिये देखते है क्या वो ऎसी ही है.
फ़िर आये Anil Pusadkar जी अजी आप ने तो नये टायर भी डलवा लिये, ओर अभी तक पूछ कर ही नही आये लगता है कही बरखा रानी ने रोक लिया होगा.
फ़िर आये ताऊ रामपुरिया जी अपने सैम को ढुढते हुये, अजी ताऊ जी कभी नेता भी वफ़ादार हुआ?
फ़िर आये Pt.डी.के.शर्मा"वत्स" जी इन्होने तो पुरा उत्तर प्रदेश के संग संग पता नही कहां कहां घुमा दिया, ओर जिन्दा जानवरो के बुत्तो से ही मिलबा दिया, ओर वो भी गिनवा कर जिस मै बिल्ली, गधे ओर कई अन्य जानवर भी है.
फ़िर आये हमारे मोहन वशिष्ठ जी मोहन जी वापिस आ जाये मरीन छोडो यह तो घर की बात है क्यो दुर दुर जाते है.ओर हिंट मै तो मेने नाम भी लिख दिया था.
फ़िर आये प्रकाश गोविन्द जबाब तो देगे थे, लेकिन बरसात मै भीग गये थे, फ़िर नहा धो कर कंघी वगेरा करके, आंखो मै सुरमा वगेरा डाल के मोटी ... अरे नही मोती को घुमाने ले आये.
फ़िर आये ●๋• सैयद | Syed ●๋• जी को तो कोई नेता दिख रहा है, अजी नही नेता इन जितना का इन की पूंछ जितना भी वफ़ा दार नही होता, नेता तो जिस से वोट लेता है जीतते ही सब से पहले उसी से आंखेफ़ेर लेता है.
फ़िर आये अभिषेक ओझा जी आज कल तो ताऊ का सैम गैम खेल रहा है, अब वो कुत्ता नही नेता बन गया है.
फ़िर आये परमजीत बाली जी ओर वकील साहब के संग सीधा लाईका को लपक लिया.
फ़िर आये महामंत्री - तस्लीम जी अरे मेने गुम शुदा कुत्तो का कोई दफ़तर थोडे खोल लिया कोई सैम को तो कोई मोती को तो आप टोमी को ढुंढने आ गये, अजी आप का टोमी भी सैम के संग बिरोधी पार्टी का नेता बन गया है.
****************************************************
सभी का धन्यवाद
*********************************************************
आज मै आप को एक ऎसे आदमी से मिलाऊगां जिस की वजह से आज मै ब्लांगिग कर रहा हुं, ओर पहले तो मै सोचता था कि मुझे तो हिन्दी भी नही आती अच्छी तरह से लिखनी, ओर ना ही मै कोई कवि, लेखक हुं , मै क्या लिखूगां , अरे मुझे नही लेना यह पंगा, लेकिन इन सज्जन ने, बच्चे ने मुझे जवर्दस्ती से यह पंगा ले कर दिया, ओर सब से पहली टिपण्णी ओर होस्सला भी इसी आदमी का था,ओर जब ब्लांग बनाया तो मुझे कोई नाम ही नही सुझ रहा था, मेने कहा कुछ भी लिख दो, कई नाम सुझे लेकिन कोई जचा नही, फ़िर मेने अचानक कहा कि मै इस दुनिया मै ही पाराया हूं यहां भी, ओर भारत मै भी, इस लिये मेरे ब्लांग का नाम " पराया देश" रख दो, फ़िर कुछ प्रेमचन्द जी की कहनियां इधर उधर से उठा कर किश्तो मै देता रहा, कभी कुछ लिखता तो मुझे एक दो टिपण्णियां ही आती जिन मे आधी से ज्यादा , मेरी गलतिया सुधारती,कभी कभी तो एक भी टिपण्णी नही आती थी, मेने सब को गले लगाया, कुछ लोगो ने भगाना भी चाहा, दुख भी हुया, लेकिन प्यार ज्यादा मिला इस कारण टिका रहा. यह है हमारे सब के प्यारे राम चंदर मिश्रा जी, RC Mishra यह मेरे यहा तीन चार दिन रहे थे, ड्रा है, लेकिन मुझे अपने बच्चो की तरह ही लगे, ओर इन्होने भी वही मान सम्मन दिया, फ़िर कई बाते ब्लांग के बारे इन से पूछी, फ़िर अब बच्चे भी खूब मदद करते है, ओर फ़िर धीरे धीरे अभ्यास करते करते थोडा बहुत हमे भी आ गया. |
---|
चलो भाईसाहब नकल करके भी हम जीत पडे। बाकी सभी अक्क्लवालो को भी बधाई विजय होने पर,
ReplyDeleteराम चंदर मिश्रा जी, RC Mishra नेक काम किया जो हम आपसे ब्लोग के माध्यम से मिल पाऐ।
लिजिये, हम फिर जीत गये.
ReplyDeleteमिश्रा जी से फोन पर इतनी बात है कि लगता ही नहीं कि मिले नहीं हैं. शायद कभी इस दिशा आयें. आजकल तो अमरीका में ही हैं.
विजेताओं को बधाई! वाध्या की जानकारी के लिए शुक्रिया.
ReplyDeleteएक ज़माना था जब हम भी कभी-कभी राम चन्द्र मिश्रा जी की कृपा से गीता के श्लोक पढ़ लेते थे मगर अब लगता है उनकी वह साईट बंद हो गयी है.
वाध्या के बारे में जानकर अच्छा लगा। रामचंद्र मिश्रा से मिलकर तो बहुत ही अच्छा लगा। मिश्रा जी जैसे लोग ब्लागिंग के आधार स्तंभ हैं।
ReplyDeleteआपकी पहेली बहुत रोचक होती है ,क्रम बनाये रखे .मिश्र जी से मुलाकात बढ़िया रही .
ReplyDeleteविजेताओं को बधाई !!
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बहुत बधाई.........मिश्रा जी से मिलना भी सुखद रहा......धन्यवाद
ReplyDeleteये ल्लो. जीते तो सही टीपटापकर..पर तेरहवीं करवा कर जीते.:)
ReplyDeleteरामराम.
समीर लाल जी की जय हो।
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
बहुत अच्छा लगा ये सब जान कर राज सर...
ReplyDeleteरामचंदर जी को शुक्रिया ढेर सारा...
और हाँ में सोच रहा था की अपनी राम प्यारी भी तो बहुत वफादार है... ताऊ की खूब वफादारी करती है.... उसके बारे में भी कुछ सोचा जाये...
मीत
अरे वाह हम तो आते ही जीत गए चलो इसी खुशी में आप सभी को मुबारक हो
ReplyDeletebhatiyaa जी........... मैं 2 दिन blog पर नहीं आया और इतनी aasaan सी paheli miss कर दी.............. khair........ सभी jeetne waalon को badhaai......... सच much ये kutta mahaan है....... मिश्रा जी से मिलना achha laga ....
ReplyDeleteसभी बुझक्क्ड़ों को मुबारकबाद !
ReplyDeleteराज जी भारतीय समय के हिसाब से पहेली का समय क्या रखा है आपने ?
समीर जी लगता है आपने पहेली हल करने का कौनो डिप्लोमा जरूर किया है ?
हम भी कोई बढ़िया कालेज तलाश रहे हैं एडमिशन के लिए !
बस ऐसे ही हर बार शामिल अवश्य होईये !
सभी को शुभकामनाएं !
प्रकाश जी यह समय सभी लोगो के लिये सही लिगा,अमेरिका ओर कानाडा मै शाम या रात होने वाली होती है, ओर भारत मै सुबह होने वाली होती है, लेकिन युरोप मै आधी रात होती है, इस लिये समय का कोई फ़ेर नही जबाब जिस का भी आये विजेता तो सही जबाब वाला ही होगा,ओर सभी विजेता प्रथम ही होते है, क्यो कि किसी को भी दुसरे का जबाब पता नही होता, बस क्रम बार विजेतओ की लिस्ट बनी होती है
ReplyDeleteधन्यवाद
धन्यवाद भाटिया,पहली बार पहेली का सही जवाब बता पाया :), फोटो देख के याद आ गयी उन दिनों की।
ReplyDeleteअनुराग जी भगवद्गीता के श्लोक http://gita.rcmishra.com पर हैं, प्रयास करूंगा, फ़िर से शुरू करने का, आप सभी का धन्यवाद।
हम होगें कामयाब
ReplyDeleteहम होगें कामयाब
एक दिन हो..हो..
मन में है विश्वास
हम होगें कामयाब एक दिन....:))
जीतने वालों को बधाईयां।
नक़ल भी क्या कमाल की चीज है?
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बहुत बधाई
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बहुत बधाई.........मिश्रा जी से मिलना भी सुखद रहा
ReplyDeleteregards