9/20/10

रेलवे स्टेशन और सुरक्षातंत्र

कल देश की सबसे बडी मस्जिद जामा मस्जिद पर हुई गोलीबारी और प्रैशर कुकर बम ने राजधानी दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। इस समय जबकि भारत में, खासतौर पर राजधानी में विदेशी टूरिस्टों का आना शुरू हो गया है, तब भी नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली आदि रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा व्यवस्था सुचारू रूप से नहीं है। मैं दैनिक रेलयात्री हूँ और रोजाना सिरसा एक्सप्रेस से यात्रा करता हूँ। यह गाडी नईदिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंO 1 से छूटती है। मुझे याद नहीं कि पिछली बार मेरे थैले की जाँच कब हुई थी। अब इसी विषय पर एक पुरानी पोस्ट भी पढ लीजिये और फोटो भी देख लीजिये। भिखमंगें, स्टेशन और सुरक्षातंत्र   
अन्तर सोहिल का प्रणाम

15 comments:

  1. रेल क्या कहीं भी सुरक्षानही है आप सडक पर चले जा रहे हैं तब भी कहीं गोलियाँ इन्तज़ार कर रही होती हैं। शुभकामनाये। भगवान सब की रक्षा करे। अब तो उसी के भरोसे चल रहा है सब कुछ।

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  2. incitizen.blogspot.com से मालवेयर की खबर आ रही है...

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  3. भगवान भरोसे ही तो हैं सब ... वो तो रक्षा कर रहा है और सरकार को ये बात पता है ....

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  4. no one cares for no one
    all are busy making money

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  5. कदाचित असंभावित नहीं था । कहाँ तक सुरक्षा प्रदान करेंगे ।

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  6. यह सब दंगो से ध्यान बटाने का जरिया भी हो सकता है | २४ सितम्बर को जो फैसला आने वाला है सरकार उससे पहले नए मुद्दे तैयार कर रही है |ताकी उस और किसी का ध्यान न जाए | सुरक्षा व्यवस्था भगवान के हाथ है |

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  7. मुझे भी शिकायत है .... आज ही शिवपुरी एम्. पी. में डिब्बे के ऊपर डिब्बे चढवा दिए और पचास लोगों को मरवा दिया .....

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  8. मुझे भी शिकायत है .... आज ही शिवपुरी एम्. पी. में डिब्बे के ऊपर डिब्बे चढवा दिए और पचास लोगों को मरवा दिया .....

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  9. मुझे भी शिकायत है .... आज ही शिवपुरी एम्. पी. में डिब्बे के ऊपर डिब्बे चढवा दिए और पचास लोगों को मरवा दिया .....

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  10. रेल क्या कहीं भी सुरक्षा नही है ...मुझे भी शिकायत है ....

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  11. आप रेल की बात करते हैं!
    --
    सुरक्षा तो घर मं भी नही है!

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  12. जब राजधानी की सुरक्षा व्‍यवस्‍था का यह हाल है तो अन्‍य जगहों के बारे में आसानी से कल्‍पना की जा सकती है।

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  13. सुरक्षा व्यवस्था तो चाक़ चौबंद होनी ही चाहिए ...मगर आम और खास नागरिकों को भी अपनी जिम्मेदारी नहीं भूलनी चाहिए ...!

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  14. बहुत सुंदर बात कही, हम तो भारत आते हुये भी डरते है जी, जब कि यह हमारा अपना देश है, लेकिन कानून नाम की कोई चीज नही.

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नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******

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मुझे शिकायत है !!!

मुझे शिकायत है !!!
उन्होंने ईश्वर से डरना छोड़ दिया है , जो भ्रूण हत्या के दोषी हैं। जिन्हें कन्या नहीं चाहिए, उन्हें बहू भी मत दीजिये।