10/5/08
ध्यान से देखे क्या माजरा हे
अरे आप टकटकी लगा कर ओर ध्यान से देखे, क्या यह सब सच मे घुम रही है, या बस आंखॊ का धोखा ही है ?? लेकिन कुछ ना कुछ तो है.
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18 comments:
नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******
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धोखा ही लग रहा है!!
ReplyDeleteबड़ा अजीब धोका है।
ReplyDeleteभाटिया जी आप तो ऐसे न थे। आप कब से धोका देने लगे। हा हा हा हा उलझा दिया था आपने।
ReplyDeleteअजीब उलझन है ! कुछ गड़बड़ तो जरुर है ! ठीक है फ़िर आकर समझते हैं ! ये कौन सा तिलिस्म है !
ReplyDeleteशायद इसे देख कर ही किसीने कहा होगा कि आंखों देखी पर विश्वास नहीं करना चाहिए।
ReplyDeleteकहां से लाते हैं आप खोज-खोज कर अजूबे?
आपने सच में घुमा ही दिया । कुछ नया हो तो जरूर ही अच्छा लगता है ।
ReplyDeleteये तो हमारे भूतमहल के डाइनिंग हाल में लगा था ! आप कहाँ से उतार लाये ? कहीं यूनिटी भूतनी को पता चल गया तो ?
ReplyDeleteवो ढुण्ढ रही होगी ! हिटलर ने गिफ्ट किया था ये उसको ! नाम मेरे को भी याद नही आरहा !
धोखा है मगर मस्त है ...... हम ऎसी चीज़ें कई बार इस्तेमाल करते है अलग अलग Training Programmes में.
ReplyDeleteआप इतना न घुमाइए कि घूमता-घूमता जर्मन पंहूच जाउं। रोटियां खिलानी पड़ जाएंगी आपको।
ReplyDeleteWah bhatiaji, Kalabajon ki dunia men yah bhi ek kala hi hai.achha laga. aap man bhi bahlate rahte hain.dhanywad.
ReplyDeleteभाटिया जी, धोखा ही लग रहा है!!
ReplyDeleteउलझा दिया आपने। कहां से लाते हैं आप अजूबे?
dhokha hi sahi khubsurat sa hai..
ReplyDeleteवाह भाटिया साहब ! कुछ जादू तो दिख रहा है ! कहीं ये गेसटाल्ट वाला जादू तो नही है ! जिसमे एक तस्वीर में कभी एक लड़की दिखाई देती है और कभी एक बुढिया दिखाई देती है ! ये भूतनाथ अभी हमारे घर आए हैं इन्होने ये ज्ञान दिया है ! हमको असली नकली पता नही है :)
ReplyDeleteमजेदार बेहतरीन
ReplyDeleteवीनस केसरी
एक लहर सी उठ रही है...
ReplyDeleteयह ऐसा नजरों का धोखा है, जो आंखों को भी चकरा देता है।
ReplyDeleteमुझे भी धोखा ही लग रहा है.. लेकिन है बड़ा मजेदार :)
ReplyDeleteआंखों पे भरोसा मत कर,
ReplyDeleteदुनिया जादू का खेल है,
हर चीज़ यहां एक धोखा़,
हर बात यहां बेमेल है...
जब पूरे कुंएं में भांग पडी़ हो , धोका देना राष्ट्रीय धर्म, तो आप इस छोटी सी कामयाबी पर वाह वाही ले रहे है? किसी नेता के हत्थे चढ़ गया तो क्या होगा?
एक तो ये भरपूर नेता, उसपे ये धोखा़धड़ी, मेरी तौबा!!
फ़िर भी मानना पडे़गा कि इतने सारे अनुभवी लोगों को धोका देने में सफ़ल रहे !! (मुझ को मिला कर भाई साहब)