8/19/10
पाठकों और टिप्पणियों के लिये क्या ये तरीका सही है?
क्या अपनी प्रत्येक पोस्ट का लिंक को मेल करना और टिप्पणी मांगना उचित है? एक ही मेल की CC में सैंकडों रिसीवर के मेल आईडी देना क्या उचित है? ये मेल आईडी वो BCC में भी दे सकते हैं। पता नहीं लोग जानबूझ कर कर रहें हैं या अपने आप हो रहा है (फेसबुक या ट्वीटर द्वारा)।
जैसे मेरे पास एक मेल आई कि फलाने-फलाने ब्लॉग पर मेरी नयी पोस्ट आपका इंतजार कर रही है। मैं उसे रिप्लाई करता हूँ कि मुझे आपका इस तरह से मेल करके मुझे आमंत्रित करना मुझे बिल्कुल पसन्द नहीं है। तो यह मेरी रिप्लाई उन सैंकडों रिसीवर के पास भी पहुंच रही है, जो CC में हैं और जिन्हें मूल मेल ब्लॉग पर आमन्त्रण वाली भेजी गई थी।
कुछ लोग इस बात से बहुत नाराज हो गये हैं और बेचारे कुढते हुये सख्त और गाली-गलौज वाली भाषा का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। ये सारा मामला जिस ब्लॉगर से शुरू हुआ है, कृप्या आप सब उन्हें समझायें कि ऐसा करना ठीक नहीं है।
कुछ ब्लॉगर तो एक बार Don,t send again कह देने भर से मान जाते हैं और बडी शालीनता से Sorry भी feel करते हैं, लेकिन ये हैं कि आँख बंद करके लगे हुये हैं। मैं इनको बताना चाहता हूँ कि अगर इन्हें पाठक और टिप्पणियों की इतनी ज्यादा दरकार है तो कृप्या ये निम्नांकित पोस्ट पढें।
मेरे पास रोजाना 8-10 मेल आ रही हैं। जिनमें अपनी पोस्ट पर टिप्पणी करने का आग्रह होता है। मुझे कविता की बिल्कुल समझ नहीं है, फिर भी कुछ कवि मुझसे टिप्पणी का आग्रह कर रहे हैं। इसके साथ ही सैकडों की संख्यां में ईमेल आईडी जो CC में होती हैं, उनतक भी मेरी ईमेल आईडी पहुंच जाती है। फिर कोई असंतुष्ट या इस बात से नाराज रिप्लाई (प्रत्युत्तर) करता है तो, वो उन सभी के पास भी पहुंचता है।
आप सबको अन्तर सोहिल का प्रणाम
नाम
Antar Sohil,
अन्तर सोहिल,
शिकायत
33 comments:
नमस्कार, आप सब का स्वागत है। एक सूचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हैं, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी है तो मॉडरेशन चालू हे, और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा। नयी पोस्ट पर कोई मॉडरेशन नही है। आप का धन्यवाद, टिपण्णी देने के लिये****हुरा हुरा.... आज कल माडरेशन नही हे******
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लोकेशणा को कौन रोक पाया है :)
ReplyDeleteतरीका तो गलत है ही, पर समझाएंगे भी किस किस को?
ReplyDeleteतरीका तो वाकई गलत है ऐसा करने से हर किसी को बचना चाहिए ,कभी बहुत जरूरत या ऐसी कोई आपातकाल वाली स्थिति हो तब तो ऐसे मेल को उचित ठहराया जा सकता है और ऐसे मेल का स्वागत भी तहे दिल से किया जा सकता है ,लेकिन हर पोस्ट के लिए इस तरह का व्यवहार ब्लोगिंग के मर्यादा को गिराने का काम करता है ...ऐसा करने वालों से हमारा भी आग्रह है की ऐसा करने से बचें ..
ReplyDeleteक्या कहें...त्रस्त हैं हम भी इससे...
ReplyDeletepehle mail se pareshaan they ab gali galuz se ...
ReplyDeleteभाटिया जी,
ReplyDeleteयह भी तो देखिए, आपके चाहने वाले कहां-कहां अपने पलक-पांवड़े बिछाए बैठे हैं, आपकी एक नजरे ईनायत के लिए।
अमित जी, मै ज्यादा तर ऎसी मेल आने पर उस ब्लांग पर जाता ही नही..... वेसे गाली गलोच भी अच्छा नही लगता , गाली गलोच करने वाले तो यही कहते है कि हम तो नंगे है आओ आप भी नंगे हो जाओ.... इस लिये इन नंगो से बचना चाहिये, इन्हे नही हमे तो शर्म आती है ना
ReplyDeleteकबिरा इस संसार में भाँति-भाँति के लोग।
ReplyDeleteसही टिप्पणी आये तो समझो इक संजोग।।
भई हम भी बस यही कुछ झेल रहे हैं...
ReplyDeleteइधर भी यही हाल है....
ReplyDeleteसभी त्रस्त है लेकिन समाधान किसी के पास नहीं है | अगर जवाब भी देते है तो पता नहीं कैसी कैसी धमकिया मिलने लग जाती है | सबसे ज्यादा तो एक साईट है विचार मीमांसा उसकी मेल से परेशान है | जवाब देने पर इसके एडिटर साहब ने फोन पर हमें अपनी ओकात भी बताई | और हम ताऊ की तरह फिर से पजामे में है | लेकिन मेल का सिलसिला बदस्तूर जारी है |
ReplyDeleteओह ! लेकिन मेरे ई-मेल साफ़्टवेयर में spam बटन भी है :-))
ReplyDeleteकाजल जी वाला उपाय अपनाते हैं तो.:)
ReplyDeleteरामराम
इस से परेशां तो हम भी हैं पर स्पाम बटन काम आ जाता है
ReplyDeleteअपने को तो जी मजा आता है ये सब देखकर। पोस्ट की गुणवत्ता के बारे में कोई विचार नहीं देते और सिर्फ़ अपना लिंक थमाने चले आते हैं भाई लोग। चलो यार, कुछ देकर ही जाते हैं। हर दूसरे दिन स्पैम फ़ोल्डर में एक दो मेल ऐसी भी होती हैं कि ट्रैफ़िक बढ़ाईए अपनी साईट पर और इतने पैसे कमाईये टाईप। भैया हम इस सड़क वाले ट्रैफ़्क जाम से ही बहुत परेशान रहते हैं, तुम यहां भी जाम लगवाना चाहते हो।
ReplyDeleteडिलीट मारा करो बॉस या इग्नोर करो, बस्स।
लोगों को ऐसा नहीं करना चाहिए... आपसे किसी दिन फोन पर बात करके अपनी मजबूरी बताता हूँ तब आप खुद ही समझेंगे कि मैं क्यों नहीं आ पाया सर..
ReplyDeleteआपसे सहमत हूं !!
ReplyDeleteमैं भी ऐसी मेल के लिए स्पेम बटन का इस्तेमाल करता हूँ
ReplyDeleteक्या बताए जी,
ReplyDeleteअब लोग मेल भेज कर ही पढ्वाना चाहते हैं।
एक बंदे ने तो मुझे इतनी मेल भेजी की
मेरा खोपड़ी ही खसक गयी।
फ़िर मैंने उसके ब्लाग पर ऐसी स्तुति की उसकी की मत पुछिए,उसके बाद आज तक मेल नहीं आई।
अच्छी पोस्ट आभार
एक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
ReplyDeleteआपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं !
ऐसे लोगों को तो मैं ज़वाब में अपनी ही एक पोस्ट का लिंक भेज देता हूँ कि ब्लॉग पढ़वाने के लिए ईमेल क्यों भेजना? आपकी पोस्ट खुद चल कर जाती है, ईमेल में!
ReplyDeleteमेरा संदेश भी पहुँच जाता है ,उनका काम भी बन जाता है और मेरे ब्लॉग का ट्रैफ़िक भी बढ़ जाता है :-)
बी एस पाबला
टिप्पणी पाने के लिए लोगों को बिना उनकी मर्जी के मेल भेजने को मैं तो अनुचित ही समझता हूँ। पता नहीं हिन्दी ब्लोगिंग में टिप्पणियों को क्यों इतना महत्वपूर्ण बना दिया गया है कि लोगों टिप्पणी की भीख तक माँगनी पड़ रही है?
ReplyDeleteविचारणीय सवाल है,,ऐसा होता तो है हमारे साथ भी ...लेकिन कई बार हम ऐसे ब्लोगो पर चले जाते हैं....वैसे पाबल जी की का तरीका अच्छा लगा...;))
ReplyDeleteअपने परिचितों को लिंक भेजना गलत नहीं लगता ....हाँ अनजान लोगों को भेजना ज़रूर उचित नहीं है ...क्यों कि इससे परेशानी होती है ...बाकी स्पैम है ही ...
ReplyDeleteबेहद प्रभावशाली!
ReplyDeleteऐसे टिप्पणी माँगना सही नही है..पर सही बात है जैसा जाकिर जी ने कहा जब आदमी खुद ही ना समझें फिर क्या करें..
ReplyDeleteहाहा, पाबला जी का तरीका बहुत सही है। अपन की समस्या तो यह है कि मैं इन दुखदायकों का नाम ही भूल जाती हूँ सो को विशेष क्रोध महसूस नहीं होता। हर बार नए सिरे से बुरा लगता है। खाते में पुराना गुस्सा होता ही नहीं।
ReplyDeleteघुघूती बासूती
मेल पढ़ने में दो घंटे लग जाते हैं
ReplyDeleteख़ाक क्या टीप लिख पाएंगे....
यही मैं भी भुगत रहा हूँ .....
समस्या है कई मेल पढ़ें की ब्लॉग
आपके विचारों से सहमत ,,,, आपकी शिकायत जायज है
आपकी बात सही है ।
ReplyDeleteAisee mail ko ignore karen. yahee ek upay hai. Kuch din bad aana band ho jayegi ya fir. Waise Lalit Sharma ji ka Gandhigiri wala tareeka bhee achcha hai.
ReplyDeleteऐसी ईमेलस को हम स्पॉमरूपी लाईटर दिखा देते हैं, बाद में फिर कभी राख तक नजर नही आती।
ReplyDeleteदेरेंचे शक बाबेयो
ReplyDeleteबहुत देर से पढ पाई ये पोस्ट मै भी दुखी हूँ क्या करें। कोई उपाय भी बताओ इन से बचने का? मै तो सीधे लिख देती हूँ कि मेरे ब्लाग पर आ कर कहो जो कहना है बस ।
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